Thursday, July 9, 2009

मेरा भारत महान !

पेश है सुरेश चिपलूणकर कट अति माईक्रो पोस्ट।हम उस देश मे रहते हैं जंहा पुलिस और एम्बुलैंस से ज़ल्दी आपके घर पिज़्ज़ा पंहुच सकता है।कहने को हल्का-फ़ुल्का मज़ाक है ये मगर है कड़ुवा सच।आज मुझे ये एस एम एस मिला जिसे मै आप लोगो के सामने पेश कर रहा हूं।इसके बाद भी कहोगे मेरा देश महान?

21 comments:

Anonymous said...

जहाँ पैसा बनाने की बात होगी वहाँ ऐसा ही होगा

Udan Tashtari said...

माईक्रो लेवल पर यही सत्य है हमारे देश का.

दिनेशराय द्विवेदी said...

सही है। इस के कारणों के पीछे ईमानदारी से जाया जाए।

Alpana Verma said...

Micro post mein Macro baat..

अनिल कान्त said...

:)

राज भाटिय़ा said...

एक सत्य जो बहुत कडबा है.
धन्यवाद

अजित वडनेरकर said...

भाई वो अपना काम करने में माहिर हैं, ये अपना।

ताऊ रामपुरिया said...

भाई ये युग कौन सा चल रहा है?

रामराम.

Unknown said...

badhiya baat !

dhnyavaad !

संगीता पुरी said...

पिज्‍जावालों को पुलिस में भेजकर देखा जाए !!

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

देश तो हर क्षेत्र में महान है ही। हम उस देश के वासि है जिस देश में ‘गंगा तेरी मैली’ बहती है:(

admin said...

पुलिस को भी अगर घर पहुंचने पर कोई तयशुदा फीस मिले, तो शायद वह भी समय से पहुंचे।
ह ह हा।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

इसका एक ही इलाज है कि पुलिस महकमा प्राईवेट कर दिया जाए....:)

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

सही बात है...जब पुलिस, आदमी का पिज्जा बना देगी तो एंबुलेंस ही तो उसे वापिस घर भेजा जाएगा न !

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

बहुत ही कड़वी सच्चाई है.

जितेन्द़ भगत said...

पुलि‍स भी समय पर पहुँच सकती है, उन्‍हें बस पता चलना चाहि‍ए कि‍ कहॉं से हफ्ता मि‍ल सकता है।

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...

mera bhaart mahan .

दिगम्बर नासवा said...

ज्जा वालों को पुलिस वालों का हेड बना देना चाहिए........... सच बात..........

उम्मतें said...

सुरेश चिपलूनकर कट अति माइक्रो पोस्ट पर सुरेश चिपलूनकर कट अति माइक्रो टिप्पणी :

?






( अनिल भाई इससे माइक्रो कुछ जमा नहीं /सुरेश भाई से खेद सहित )

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) said...

तो फिर पहले पिज्जा ही खा लो,फिर पुलिस के पास जाओ.....और उनकी गन्दी गालियाँ खाकर वापस आ जाओ....!!

Anonymous said...

क्या कहें प्रभु.....समझ नहीं आ रहा इस मजाक पर हंसें या रोयें ??

साभार
प्रशान्त कुमार (काव्यांश)
हमसफ़र यादों का.......