लिखने को बहुत कुछ है मगर आज सिर्फ़ छोटा सा सवाल।अगर आप दुनिया भर में कुख्यात आतंकवादी को जी कहने की पैरवी करते हैं तो क्या कारण है आप अपने ही देश के योग गुरू का सम्मान नही कर रहे हैं।और अगर आप उनका सम्मान नही कर सकते तो आप को उन्हे फ़र्ज़ी क्यों कह रहे हैं?क्या यह हमारे देश की संस्कृति है?साधु-संतो को गालियां और विदेशी आतंकवादी को सम्मान,ये दोहरा मापदण्ड क्यों?
12 comments:
समय सभी के अपराध दर्ज करेगा!
"डॉग"विजयसिंह का डी एन ए टैस्ट कराया जाये तो इनके खून में कुत्ते के जींस के बजाय किसी कीडे के जींस पाये जायेंगें। कुत्ता तो वफादार प्राणी है।
प्रणाम
ये दोहरा मापदण्ड क्यों?- होना भी दोहरा ही चाहिये सर जी ...मगर रिवर्स में.
digiraja ki hemat ko deko,,,,,,,,hidusthan mai,,,,,,,,hidubaba ao ko,,thag aur,osama ko ji lagata hai,,,,,,,,ye USA, wali congress,,,,,,yane ki,,,,,,crisch,,,,,,,,,lobe,,ke LIYE, KAM KARTHA HAI,,,,,,,,,,,,,,,ALL INDIA SE RISHTA PAPPUFARISHTA
bilkul sahi bat hai,,diggi raja to lagta hai paida hi isi liye huye kisne kaha ki janta ne inhe thukara diya hai...fir bhi ye badi badi bat kar rahe hai....
भावनाओ में लिखना अलग बात हैं , अध्यात्म के नाम पर अंधविश्वास पर रोटी सेंक रहं बाबा सौ फिसदी गलत हैं, रामदेव जी जिन विषयो पर बाते कर रहे हैं किताबो और भाषाणो तो अचछी लगती हैं अन्ना. हजारे भी रामदेव गिरोह की दिशा में जा रहे हैं दरअसल सब कैमरे का कमाल हैं जिस तरह सत्ता सुख् के बिना तडप रहे तमाम लोग जिस तरह से छाती पीट पीट कर केन्द्र सरकार को कोश रहे हैं वे राजनेताओ से भी ज्याेदा बेशर्म व भष्ट लग रहे हैं राजनेताओ को प्रजातंत्र की चुनाव प्रक्रिया ने कम से कम चिन्हित तो किया हैं ये तो बेकडोर के नमूने हैं .....खैर पब्लिक सब खेल समझ रही हैं .....सतीश कुमार चौहान भिलाई, satishkumarchouhan@blogspot.com
यह देशभक्तों की पार्टी के हैं भाई जी!
सुशील जी कोई अच्छा विकल्प सुझाइये...
ओसामा जी का भक्त पिग-विजय (इसके पीछे 'सिंह' उपनाम लगाना मैं अपमानजनक समझता हूँ) आज एक पत्रकार पर सरेआम लात घूँसे चला रहा था।
कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी,
यूँ ही कोई.............
सेक्यूलर कहलाने के लिये, वोट बैंक बचाने के लिये ये सब जरूरी है।
ये "गांधीवादी तरीक़ा" है हमारे परमआदरणीय दिग्विजय सिंह जी का जो लादेन को ओसामाजी...मुंतज़र अल ज़ैदी को हीरो और रामदेव को ठग कहते हैं। ये इंतेहा है तुष्टिकरण की। ये दिग्गी मध्यप्रदेश का बंटाधार है। इसकी प्रेस कॉफ्रेंस का हम सभी को इंतज़ार है।
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