tag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post3536589928993703363..comments2023-10-30T16:58:10.967+05:30Comments on अमीर धरती गरीब लोग: पढता था स्कूल में, करता था इश्क़, नतीजा खुदकुशीAnil Pusadkarhttp://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-2477610374009651852009-01-30T00:42:00.000+05:302009-01-30T00:42:00.000+05:30is masle par ek sher jo jagjit singh ne apne gazal...is masle par ek sher jo jagjit singh ne apne gazal me gaya hai yaad aata hai.<BR/><BR/>mod hota hai jawani ka ruk ke samhalne ke liye,<BR/>par log is mod par aa kar phisalten kyon hai.<BR/><BR/>har poorani pidhi nayi pidhi ki galtiyan nikalti hai. hamne bhi suna hai apne samay "Itna Bada Bell Bottom", "ab kee cinema me kya rakha hai, Mar Dhad, heroine ki tight blouse unnat urojon ko dekhne cinema dekhane jate hain", " beta hamare samay me hamane KANDEEL me padhai kar is Jagah par pahunche hai", tumko light hai sab hai tum log aadhunik ho gaye ho. Hum bhi wahi kar rahen hai, apne sanskar ko aage nibhate chale ja rahe hai. <BR/>Abhi is samay vishesh roop se dekha gaya hai kee khud guardians agar unke bachhon ko master mar deta hai school me to wohi master ko marne chale jaten hai. <BR/>Jawan bachhon ko viprit paristhiti me sthir rahne ki shiksha dene ka kartavya guardiaans bhool gayen hai.<BR/>Are raho bindaas, TU NAHI AUR KOI SAHI. maa baap ki jimmedari jawan hote bachhon par jyada rahna chahiye. is tough competition ke dour me unko depression se bachana chahiye.NIRBHAYhttps://www.blogger.com/profile/04973566991769248560noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-6241815423455551252009-01-28T15:59:00.000+05:302009-01-28T15:59:00.000+05:30anil ji aane sahi likha hai .. aaj ke jo youngster...anil ji aane sahi likha hai .. aaj ke jo youngsters hai .. vo apne parents ko dhoka nahi balki khud ko dhoka de rahe hai .. ye unhe nahi malum ... lekin aapne sahi subject chuna hai ..Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-19058539224793655332009-01-28T01:50:00.000+05:302009-01-28T01:50:00.000+05:30एक खास उम्र होती है जब अनुशाषण जरूरी होता है क्यों...एक खास उम्र होती है जब अनुशाषण जरूरी होता है क्योंकि इस उम्र में सही ग़लत की सही पहचान नहीं होती, अनुभव कम होता है और जिज्ञासा अधिक. ऐसे में अगर बच्चे घर पर रहे तो ठीक है क्योंकि वहां उन्हें अच्छा बुरा समझाने के लिए अभिवावक होते हैं. इस बात के लिए मोबाइल या बाकी हमउम्र बच्चो को दोष देना कहाँ तक सही है. और रही इश्क की बात तो वह तो इस उम्र का एक ऐसा हिस्सा है जिसे कोई भी नकार नहीं सकता. हाँ इसके बाद के पहलुओं को समझने में भले बाकी लोग मदद कर सकते हैं. खुदखुशी को आप सीधे सीधे इश्क का नतीजा क्यों कह रहे हैं ये तो कई बार ख़राब मार्क्स आने के डर से भी बच्चे कर लेते हैं. जरूरत थोड़े से प्यार, अपनेपन और आपसी समझ की है, तभी ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा.Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-77926339591624325942009-01-27T10:37:00.000+05:302009-01-27T10:37:00.000+05:30और भी ग़म है ज़माने में मोहोब्बत के सिवा ....ये सम...और भी ग़म है ज़माने में मोहोब्बत के सिवा ....ये समझना अभी बाकी हैAnwar Qureshihttps://www.blogger.com/profile/04281359999900189306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-36761590423911309372009-01-27T01:26:00.000+05:302009-01-27T01:26:00.000+05:30होस्टल तो अब अपने आप में सम्पूर्ण व्यवसाय हो गय...होस्टल तो अब अपने आप में सम्पूर्ण व्यवसाय हो गया है। वहां मैनेजर मिलेंगे, बच्चों के संरक्षक नहीं।<BR/>यह संकट प्रत्येक परिवार का है। बाढ आई हुई है। बचाव के प्रबन्ध भी हमें अपने-अपने घर में ही करने पडेंगे।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-1598466443193281122009-01-26T23:22:00.000+05:302009-01-26T23:22:00.000+05:30इस घटना और ऐसी बहुत सी घटनाओं को रोकने का एक कदम य...इस घटना और ऐसी बहुत सी घटनाओं को रोकने का एक कदम यह भी है की माता पिता अपने बच्चो का ख्याल रखें और बिना कारन के मोबाइल जैसी चीज न दें ........उनकी परवरिश अच्छी करें ...<BR/><BR/><BR/><BR/>अनिल कान्त <BR/><A HREF="http://www.meraapnajahaan.blogspot.com/" REL="nofollow">मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति </A>अनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-87602453219569888702009-01-26T19:07:00.000+05:302009-01-26T19:07:00.000+05:30कुछ युवाओं को देख कर लगता है कि मोबाइल कान की संरच...कुछ युवाओं को देख कर लगता है कि मोबाइल कान की संरचना का जैवीय अंग है!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-30738857149696220992009-01-26T15:28:00.000+05:302009-01-26T15:28:00.000+05:30मां-बाप पर समय नहीं है, संस्कार जब स्वयं ही नहीं स...मां-बाप पर समय नहीं है, संस्कार जब स्वयं ही नहीं सहेज पाये तो बच्चों को कहां से देते.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-15972914168831552932009-01-26T12:56:00.000+05:302009-01-26T12:56:00.000+05:30असंतुलित तरीके से आर्थिक तौर पर बँटा समाज .... स...असंतुलित तरीके से आर्थिक तौर पर बँटा समाज .... समाज का बदलता आचरण .....एकल परिवार .....सुविधायों का इश्तिहारी संस्करण ....कम समय में सब कुछ पाने की इच्छा .....बहुत कुछ है इसके पीछे ....वैसे भी ये समस्या पूरे समाज की है इसे हम केवल आरती आधार पर नही बाँट सकतेडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-31782556721321522992009-01-26T12:07:00.000+05:302009-01-26T12:07:00.000+05:30बहुत सुंदर.... गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं...!बहुत सुंदर.... गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं...!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-19256762696633836722009-01-26T10:06:00.000+05:302009-01-26T10:06:00.000+05:30बहुत विचार्णिय बात है. गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ...बहुत विचार्णिय बात है. <BR/><BR/><BR/>गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाऎं......<BR/><BR/>रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-43594790739341130732009-01-26T09:55:00.000+05:302009-01-26T09:55:00.000+05:30गणतंत्र दिवस पर आपको शुभकामनाएं .. इस देश का लोकत...गणतंत्र दिवस पर आपको शुभकामनाएं .. इस देश का लोकतंत्र लोभ तंत्र से उबर कर वास्तविक लोकतंत्र हो जाएऐसी प्रभु से कामना हैप्रदीप मानोरियाhttps://www.blogger.com/profile/07696747698463381865noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-29236223498684730782009-01-26T09:44:00.000+05:302009-01-26T09:44:00.000+05:30अनिल जी, मेरा मानना है कि वयस्क होने तक बच्चों को ...अनिल जी, मेरा मानना है कि वयस्क होने तक बच्चों को माता-पिता का पूरा संरक्षण प्राप्त होना चाहिए। लेकिन माता पिता अपने बच्चों को छात्रावासों में छोड़ देते हैं जहाँ वे इस संरक्षण से वंचित हो जाते हैं। प्राचीन काल में बच्चे गुरुकुल जाते थे लेकिन वहाँ उन्हें अपने गुरू का माता-पिता से भी अधिक संरक्षण प्राप्त होता था। लेकिन अब गुरुकुल तो हैं नहीं और विद्यालय तथा छात्रावास व्यावसायिक दृष्टिकोण से चलाए जा रहे हैं। सरकारी छात्रावासों के संचालक भी नौकरी के ही दायित्व निभा रहे हैं। <BR/>केवल कुछ संस्थागत छात्रावास या आवासीय विद्यालयों में बच्चों को पूरा संरक्षण देने की परंपरा शेष रह गई है। <BR/>यह हमारी विडम्बना ही कहिए कि हमारी शिक्षा प्रणाली बच्चों को संरक्षण देने में सक्षम नहीं रह गई है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-41446266385028460032009-01-26T09:21:00.000+05:302009-01-26T09:21:00.000+05:30गणतंत्र दिवस की आपको ढेर सारी शुभकामनाएं.गणतंत्र दिवस की आपको ढेर सारी शुभकामनाएं.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04324343425226285486noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-64141841791595123142009-01-26T09:03:00.000+05:302009-01-26T09:03:00.000+05:30हैं।मोबाईल फ़ोन और बाईक का इस्तेमाल उसी काम के लिये...हैं।मोबाईल फ़ोन और बाईक का इस्तेमाल उसी काम के लिये किया जा रहा है जिसके लिये दिये गये हैं या फ़िर वो मौज-मस्ती का साधन बन गये हैं?बच्चे एक्स्ट्रा क्लास या कोचिंग क्लास के लिये निकल कर वही जा रहे या मटरगश्ती कर रहे हैं? ये नही कहा जा सकता कि हर बच्चे बदमाश हैं,मगर जंहा थोड़ा भी शक़ हो हमारा भी कर्तव्य है कि अपने बच्चे पर थोड़ी नज़र रखे वर्ना हमारे पास भी सिवाय पछताने की कुछ नही होगा। <BR/><BR/>behad gambhir prashna uthaye hai apne.Vineeta Yashsavihttps://www.blogger.com/profile/10574001200862952259noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-76286660388698593702009-01-26T07:03:00.000+05:302009-01-26T07:03:00.000+05:30गणतंत्र दिवस पर आईए एक बेहतर लोकतंत्र की स्थापना म...गणतंत्र दिवस पर आईए एक बेहतर लोकतंत्र की स्थापना में अपना योगदान दें...जय हो..Ashish Maharishihttps://www.blogger.com/profile/04428886830356538829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-84985031589442101372009-01-26T06:17:00.000+05:302009-01-26T06:17:00.000+05:30विचारणीय तथ्य है मगर जिन्हें, याने अभिभावकों को, व...विचारणीय तथ्य है मगर जिन्हें, याने अभिभावकों को, विचारना है वो स्वयं में इतने व्यस्त हैं कि देखकर मैं अचंभित रह जाता हूँ. आखिर कैसे वो बच्चों के प्रति तने निश्चिंत और उदासीन हैं.<BR/><BR/>आपको एवं आपके परिवार को गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-86526881963516791862009-01-26T06:14:00.000+05:302009-01-26T06:14:00.000+05:30क्यों ज़रूरी हो गया है एक स्कूली छात्र या छात्रा के...<I>क्यों ज़रूरी हो गया है एक स्कूली छात्र या छात्रा के मोबाईल फ़ोन रखना?</I><BR/><BR/>इस बात पर यहाँ भी बहस छिड़ी थी लेकिन नतीजा कुछ निकला नही क्योंकि आधे पक्ष में थे और आधे विपक्ष में,Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-3355250949885678802009-01-26T06:05:00.000+05:302009-01-26T06:05:00.000+05:30अफसोसजनक ! शायद कुछ लोगों में आत्महत्या के जीन होत...अफसोसजनक ! शायद कुछ लोगों में आत्महत्या के जीन होते हों .इशक वगैरह तो कुदरती वयवहार है ,मगर सभी तो आत्महत्या नहीं करते -इस पहलू पर भी सोचिये पुद्स्कर जी !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-76456479130145825272009-01-26T05:57:00.000+05:302009-01-26T05:57:00.000+05:30प्रस्तुति के लिए आभार...गणतंत्र दिवस की हार्दिक शु...प्रस्तुति के लिए आभार...<BR/>गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं सहितमहेन्द्र मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/00466530125214639404noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-21186237862501017752009-01-26T02:08:00.000+05:302009-01-26T02:08:00.000+05:30अनिल जी इस घटना ने बहुत कूछ सोचने पर मजबूर कर दिया...अनिल जी इस घटना ने बहुत कूछ सोचने पर मजबूर कर दिया, सब से ज्यादा गलती मां बाप की है, फ़िर आज के सिनेमा ओर टी वी की, हमे बच्चो को मोबाईल पहले दो देना ही नही चाहिये, अगर जरुरी है तो उस मोबाईल मे बहुत कम पेसे रखे, बस इतने ही कि बच्चा जरुरी फ़ोन ही कर सके घर पर, या फ़िर फ़ोन को लाक कर दे बस दो तीन ना० ही खोले एक घर का, एक पिता के मोबाईल या दफ़तर का, ओर बाकी जो जरुरी हो वो, बच्चो की जेब खर्ची का भी ध्यान रखे, दुसरे बच्चे क्या करते है किस कार या वाईक पर आते है इस बारे मत सोचो, ओर बच्चे को शुरु से ही कमाना सीखाओ.<BR/>आज कल के बच्चे आजादी के नाम पर क्या क्या करते है? मां बाप कॊ बच्चो का दोस्त बन कर पता करना चाहिये, ओर उन्हे अच्छा बुरा समझाना चाहिये.<BR/>धन्यवदराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-81724009164921002282009-01-26T01:50:00.000+05:302009-01-26T01:50:00.000+05:30मैं आपकी बातों से बिल्कुल सहमत हूँ..और यह मैं युवा...मैं आपकी बातों से बिल्कुल सहमत हूँ..<BR/>और यह मैं युवा वर्ग में होने के नाते बिल्कुल अच्छी तरह से समझ सकता हूँ....<BR/>मेरे कॉलेज में भी यही हाल है..<BR/>और मैंने गौर किया है की लड़कियां तो मोबाइल छोड़ती ही नहीं हैं.. शायद उनके लिए एक लाइफ-लाइन है मोबाइल..<BR/>पर लड़के भी कुछ कम नहीं हैं..<BR/>कॉलेज पढ़ाई छोड़कर, मात्र एक मिलने की जगह बन गई है..<BR/>रोक ऊपर से होनी चाहिए या फ़िर अपने मन से...<BR/>शायद दूसरा मुश्किल है.. पहले वाला ही ज़्यादा उपयुक्त है..<BR/>यह जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए शुक्रिया..Pratik Maheshwarihttps://www.blogger.com/profile/04115463364309124608noreply@blogger.com