tag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post6429686690236103492..comments2023-10-30T16:58:10.967+05:30Comments on अमीर धरती गरीब लोग: क्या संपादक श्रद्धांजलि देने लायक भी नही होता?Anil Pusadkarhttp://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-71301397120886863892009-05-30T22:20:37.505+05:302009-05-30T22:20:37.505+05:30समय का खेल?
साहू जी को श्रद्धांजलि!समय का खेल?<br />साहू जी को श्रद्धांजलि!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-59547338430706685002009-05-27T10:34:11.904+05:302009-05-27T10:34:11.904+05:30अनिल जी,
सहानुभूति है आपसे कि इस तजी के दौर में क...अनिल जी,<br /><br />सहानुभूति है आपसे कि इस तजी के दौर में कहां बीती बातों का पिटारा खोल बैठे। आज को सर्वशक्तिमान ईश्वर को भी बिना मतलब के याद नही करता तो माँ, बाप या कुमार साहू जी....?<br /><br />क्षोभ होता है, नैतिक पतन पर।<br /><br />सादर,<br /><br /><br />मुकेश कुमार तिवारीमुकेश कुमार तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04868053728201470542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-14175379472177454802009-05-25T18:13:11.057+05:302009-05-25T18:13:11.057+05:30आदरणीय अनिल जी सादर वंदन
आपका ब्लॉग देख ये लग रहा...आदरणीय अनिल जी सादर वंदन <br />आपका ब्लॉग देख ये लग रहा है की ब्लॉग की दुनिया में छतीसगढ़ का भी परचम लहराने लगा है ,<br />ओर इस ब्लॉग का विषय भी बहुत गंभीर है इसलिए मेरा टिपण्णी करना भी उचित नहीं होगाsweet_dreamhttps://www.blogger.com/profile/17709108071819426116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-15578667758777716972009-05-25T12:23:51.215+05:302009-05-25T12:23:51.215+05:30ये पूरे समाज के बदलते मूल्यों की एक झलक है अनिल जी...ये पूरे समाज के बदलते मूल्यों की एक झलक है अनिल जी....पत्रकार भी इसी दुनिया के है .अलग से नहीं आये है ......अब सब कुछ नाप तौल के होता है ..आदमी आत्मकेंद्रित इतना हो रहा है .की पूछिए मतडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-92102710954722763072009-05-25T12:08:05.911+05:302009-05-25T12:08:05.911+05:30aisa aksar hota hai.. afsos to hota hai, magar ism...aisa aksar hota hai.. afsos to hota hai, magar isme kuchh bhi naya nahi hai.. ham bhi afsos karke fir se apne kam me jut jate hain..PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-11752511064364121692009-05-25T02:19:19.501+05:302009-05-25T02:19:19.501+05:30भैया सबसे पहले तो माफी चाहूंगा कि कार्यक्रम में मै...भैया सबसे पहले तो माफी चाहूंगा कि कार्यक्रम में मैं खुद मौजूद नहीं था, कारण आपको मालूम ही है। तीन दिन पहले ही अखबार बदल कर नई नौकरी ज्वाईन किया सो लोचा होना ही है।<br /><br />बाकी कुमार साहू जी से पहला परिचय तब हुआ था जब मेरे पिताजी के गुजरने के बाद वे घर आए थे अपनी श्रद्धांजलि देने, शाम का समय था, मै नवभारत से ही अपनी नौकरी बजा कर घर पहुंचा था। बड़े भाई ने बुलाया और उनसे परिचय करवाया था। तब उनसे करीब आधे घंटे तक बात हुई थी। उसके बाद 2-3 बार उनके घर भी जाना हुआ था गीता नगर में।<br /><br />और कुछ नहीं bas अपने आप से ही मुआफी मांगता हूं कि उन्हें श्रद्धांजलि देने भी नहीं पहुंच पाया।Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-54654618246714109292009-05-24T23:22:14.660+05:302009-05-24T23:22:14.660+05:30ये तो वाकई में बड़ी शर्मनाक बात थी...लेकिन आप ये क्...ये तो वाकई में बड़ी शर्मनाक बात थी...लेकिन आप ये क्यों लिखते हैं कि खुद पर ज्यादा शर्म आयी....कम-से-कम आप वहाँ तो थे, आपको अहसास तो था....<br />वैसे सच पूछिये अनिल जी तो कमोबेश सब जगह यही हालात हैंगौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-79442843075370683842009-05-24T22:25:28.581+05:302009-05-24T22:25:28.581+05:30पुसदकर जी बड़ी शर्मनाक स्थिति है. आजकल केवल पैसा ...पुसदकर जी बड़ी शर्मनाक स्थिति है. आजकल केवल पैसा बोलता है. एक जमाना था जब पढ़े लिखे ईमानदार लोगों की इज्जत होती थी. आज महिमा केवल और केवल पैसे की ही है.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-53048434819275652422009-05-24T21:45:18.485+05:302009-05-24T21:45:18.485+05:30आपने बिल्कुल सही किया अनिल जी !!
पत्रकारो की हालत...आपने बिल्कुल सही किया अनिल जी !!<br /><br />पत्रकारो की हालत और मानसीकता अब वाकई चिंता करने के लायक हो रही है । ग्लैमर से भरे इन छोकरो को जो खुद को पत्रकार कहते है देखकर बडी पीडा होती है और इनके चलते ही सच्चे पत्रकारो पर भी लोग भरोसा नही कर पा रहे है ।<br /><br />मैने इन नेता के दायें बायें बनने वाले पत्रकारो को इतने नजदीक से देखा है कि गोया अब भास्कर पश्चीम से उगता दिखता है और हरिभूमी मरुभूमी सदॄश जान पडती है !!<br /><br />अंत मे साहू जी को श्रद्धांजली !अच्छे लोगो को पहले से गुमनामी की आदत डाल लेनी चाहीये क्योकि अब उनके लिये रोने वाले कोई नही रहे ॥दीपकhttps://www.blogger.com/profile/08603794903246258197noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-21754915778500053092009-05-24T21:42:12.041+05:302009-05-24T21:42:12.041+05:30yah dunia aur yah duniawale .....yahi to duniadari...yah dunia aur yah duniawale .....yahi to duniadari haedhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-32959059254335625612009-05-24T17:57:28.776+05:302009-05-24T17:57:28.776+05:30स्वार्थ की बलिहारी है.
रामराम.स्वार्थ की बलिहारी है.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-13434962773265444472009-05-24T17:19:07.952+05:302009-05-24T17:19:07.952+05:30bahut dukhad hai logon ki samvedansheelta din par ...bahut dukhad hai logon ki samvedansheelta din par din mar rahi hai apne achha kya aisi ghatnaom par jaroor likha jana chahiyeनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-17776538769837011642009-05-24T16:59:40.870+05:302009-05-24T16:59:40.870+05:30वे पत्रकारों की नस्ल . में बताये गए अंतिम श्रेणी क...वे <A HREF="http://shakunaakhar.blogspot.com/2009/01/blog-post_18.html" REL="nofollow">पत्रकारों की नस्ल .</A> में बताये गए अंतिम श्रेणी के पत्रकार होंगे.hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-49036606003314604182009-05-24T16:27:33.869+05:302009-05-24T16:27:33.869+05:30बात केवल पत्रकारों की ही नहीं है, यह बदलते मूल्यों...बात केवल पत्रकारों की ही नहीं है, यह बदलते मूल्यों का द्योतक है. आज समाज के हर अंग की कमोवेश यही हालत है जिसका नारा है 'रात गयी बात गयी'. आगे आगे देखिएगा पश्चिम की तर्ज़ पर, हमारे समाज में वृधाश्र्मों की भी वृद्धि ही होनी है...हम भी कम एहसान फरामोश कौम नहीं रह गए हैं.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-27819299711992987842009-05-24T15:18:16.209+05:302009-05-24T15:18:16.209+05:30पंडित जी। मैं ने अपने यहाँ बहुत स्मृति समारोह देखे...पंडित जी। मैं ने अपने यहाँ बहुत स्मृति समारोह देखे हैं। साल दर साल उन में उपस्थिति कम होती जाती है। वैसे भी हम सभी पुण्यतिथियाँ मनाने लगें तो शायद कोई दिन ही न बचेगा। इन कारणों से जब भी किसी की पुण्यतिथि मनाने की बात आती है मैं विरोध करता हूँ। <br />आप साहू जी की पुण्य तिथि मनाने के स्थान पर उन के परिजनों को सलाह दें कि प्रतिवर्ष वे उन की स्मृति में किसी एक नए पत्रकार को जिस ने पिछले वर्ष में उल्लेखनीय काम किया है सम्मानित करना आरंभ कर दें। सम्मान समारोह करें उन की पुण्यतिथि को या उसी माह में किसी सुविधाजनक तिथि को। इस से दिवंगत का स्मरण भी होगा और एक नवोदित की पहचान भी बनेगी और लोग भी जुटेंगे।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-40872175655423211712009-05-24T14:46:38.362+05:302009-05-24T14:46:38.362+05:30जो लोग जुड़े अपने आप उनका सच्चा जुड़ाव होगा। बेमन से...जो लोग जुड़े अपने आप उनका सच्चा जुड़ाव होगा। बेमन से भीड़ जुटाने से भी क्या फ़ायदा। उनके सुझाये आमजन/पत्रकारों के हित के काम करके अपना अपराधबोध दूर किया जाये। :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-62876140034455972292009-05-24T14:33:03.246+05:302009-05-24T14:33:03.246+05:30शायद गलती हो गयी है .. कुमार साहू छत्तीसगढ के लिये...शायद गलती हो गयी है .. कुमार साहू छत्तीसगढ के लिये नया नाम है .. की जगह नया नाम नहीं है .. होना चाहिए .. आज की दुनिया बहुत स्वार्थी हो गयी है .. आदमी जीवित हो तो भी शक्ति , पैसे और पद की पूजा होती है .. ये खोते ही इज्जत समाप्त .. फिर मरने के बाद कौन किसे पूछता है ?संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.com