tag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post778291553193789435..comments2023-10-30T16:58:10.967+05:30Comments on अमीर धरती गरीब लोग: नाबालिगों का यौन शोषण और ब्लैकमेलिंग का अपराध!क्या ये हमारे देश की संस्कृति है?Anil Pusadkarhttp://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-74871800937280770612011-01-28T22:53:54.125+05:302011-01-28T22:53:54.125+05:30हमें अपने अन्दर बदलाव लाने की आवश्यकता है . आधुकनि...हमें अपने अन्दर बदलाव लाने की आवश्यकता है . आधुकनिकता के बहाने होने वाले अपराधों को रोकने के लिए लोगों को अपनी मानसिकता को बदलना होगा ....................zakirhttps://www.blogger.com/profile/04382255492456437121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-50528155820442510392011-01-28T20:06:25.518+05:302011-01-28T20:06:25.518+05:30कानून, पुलिस, व्यवस्था, समाज सब के सब इन हालातों क...कानून, पुलिस, व्यवस्था, समाज सब के सब इन हालातों के जिम्मेदार हैं..भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-16818397706120343072011-01-28T19:14:02.416+05:302011-01-28T19:14:02.416+05:30Anil bhiya, Ab samay aa gaya hai ki NABALIG KI PAR...Anil bhiya, Ab samay aa gaya hai ki NABALIG KI PARIBHASA KI FIR SE VYAKHYA KI JAVE.Taki ghenaune kam kane wale age ke bahane na bache.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-11012628766910004052011-01-28T18:53:10.266+05:302011-01-28T18:53:10.266+05:30संस्कृति की लाश को आजकल बच्चे हाथ में उठाये घूमते ...संस्कृति की लाश को आजकल बच्चे हाथ में उठाये घूमते हैं, मोबाईल फोन के रूप में जिसमे एम् एम् एस भी हो ।<br />ज़ाहिर है kuchh हद तक अभिभावक भी जिम्मेदार हैं ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-67801444619054276572011-01-28T18:44:12.022+05:302011-01-28T18:44:12.022+05:30हमारी आबादी कंट्रोल के बाहर हो रही है... ऐसे में ऐ...हमारी आबादी कंट्रोल के बाहर हो रही है... ऐसे में ऐसा कानून बने कि किसी भी घिनौनी जुर्म की सज़ा मौत हो। इसके दो लाभ हैं... दादाओं की दादागिरी से लेकर नौजवानों की मस्ती या तो काबू में आ जाएगी या वे अन्य लोक में यह कार्य करते रहेंगे। दूसरा अच्छा लाभ यह होगा कि देश की आबादी घटेगी और समाज चैन की सांस ले सकेगा :)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-77636635862291258852011-01-28T18:21:10.732+05:302011-01-28T18:21:10.732+05:30यह भटकाव की उम्र है पर प्रयास तो करना ही होगा सबको...यह भटकाव की उम्र है पर प्रयास तो करना ही होगा सबको कि इस तरह की घटनायें न हों।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-81964138604871589892011-01-28T09:45:41.195+05:302011-01-28T09:45:41.195+05:30यौन अपराध बहुत बड़ी समस्या हैं !यौन अपराध बहुत बड़ी समस्या हैं !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-22659132188463876282011-01-28T08:25:30.624+05:302011-01-28T08:25:30.624+05:30कहते हैं कि बच्चे तो कच्ची मिट्टी के होते हैं। उन्...कहते हैं कि बच्चे तो कच्ची मिट्टी के होते हैं। उन्हें जैसा ढालो वैसा ढल जाते है। असली कसूरवार तो वे हैं जिन्हों ने इस मिट्टी को खोटे बर्तनों में ढाल दिया है। यह प्रवृत्ति एक सामाजिक समस्या बन कर सामने आ रही है। आप समर्थ हैं किसी सामाजिक संस्था से इस समस्या पर सर्वे और शोध करवाएँ। तदुपरांत यदि कोई उपाय सामने आए तो उन उपायों पर जोर दिया जाए। उस के लिए भी सामाजिक संस्थाओं को ही सामने आना होगा।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-26325002540795022832011-01-28T08:23:38.175+05:302011-01-28T08:23:38.175+05:30पश्चिम की बयार के साथ हमारी संस्कृति भी बह रही है।...<i><b> <br />पश्चिम की बयार के साथ हमारी संस्कृति भी बह रही है।<br /><br /><a href="http://lalitdotcom.blogspot.com/2011/01/blog-post_28.html" rel="nofollow">घर घर में माटी का चूल्हा<br /></a> </b></i>ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.com