tag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post8385527477269420514..comments2023-10-30T16:58:10.967+05:30Comments on अमीर धरती गरीब लोग: बोये पेड़ काजू के खाने को मिलेंगे आम!है ना चमत्कार?Anil Pusadkarhttp://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-34843342720259986012009-06-21T10:53:33.864+05:302009-06-21T10:53:33.864+05:30मेरा भारत महान ..मेरा भारत महान ..P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-19844849436263842372009-06-21T09:18:57.713+05:302009-06-21T09:18:57.713+05:30"छत्तीसगढ़ का कोई आई.ए.एस. अधिकारी 'विकास..."छत्तीसगढ़ का कोई आई.ए.एस. अधिकारी 'विकास' के लिये बहुत रोआंसा था "<br /><br />(प्रेस क्लब के अध्यक्ष अनिल पुसदकर को पता नहीं,उन्होंने कभी बताया नहीं ,कभी लिखा नहीं )<br /><br />रस्तोगी भैय्या , ये तो 'शताब्दी का व्यंग्य' हो गया !manishnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-32023805636205559002009-06-21T09:13:12.737+05:302009-06-21T09:13:12.737+05:30अनिल भाई,
भरोसे में मत रहिये ! आप जिस आम पर उम्मी...अनिल भाई, <br />भरोसे में मत रहिये ! आप जिस आम पर उम्मीद टिकाये हैं , वो भी नहीं मिलने वाला !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-24019310580624299592009-06-21T09:09:43.041+05:302009-06-21T09:09:43.041+05:30वर्ग विभाजित समाज व्यवस्था में सरकार जंगल विभाग को...वर्ग विभाजित समाज व्यवस्था में सरकार जंगल विभाग को इसलिए रखता है ताकि व्यवस्था के विरुद्ध विद्रोह को टाला जा सके। इस व्यवस्था में जनता को तो पिसना ही है। इस में जंगल विभाग का दोष क्या है। आप ने व्यंग्य के लिए गलत विषय चुन लिया। व्यंग्य करना था तो प्रणाली पर करते। आप के व्यंग्य ने व्यवस्था के नंगे सच को ढ़क दिया है। और जंगल विभाग को निशाना बनाया है।<br />देश के जंगल विभाग की कुल संख्या में से आधे से अधिक की आय तो साधारण क्लर्क से अधिक नहीं है। वे हास्य का विषय हो सकते हैं व्यंग्य का नहीं। <br />आप का आलेख जंगल विभाग बिरादरी के लिए बहुत ही अपमान जनक है। यह तो अभी हिन्दी ब्लाग जगत में जंगल विभाग पाठक इने गिने ही हैं और वे भी मित्र ही हैं। मैं ने भी आप के इस आलेख का किसी दलाल मित्र से उल्लेख नहीं किया है। इस आलेख के आधार पर कोई भी सिरफिरा जंगल विभाग कर्मचारी मीडिया में सुर्खियाँ<br />प्राप्त करने के चक्कर में आप के विरुद्ध देश की किसी भी अदालत में फौजदारी मुकदमा कर सकता है। मौजूदा कानूनों के अंतर्गत इस मुकदमे में सजा भी हो सकती है। ऐसा हो जाने पर यह हो सकता है, कि हम पूरी कोशिश कर के उस में कोई बचाव का मार्ग निकाल लें, लेकिन वह तो मुकदमे के दौरान ही निकलेगा। जैसी हमारी न्याय व्यवस्था है उस में मुकदमा कितने बरस में समाप्त होगा कहा नहीं जा सकता। मुकदमा लड़ने की प्रक्रिया इतनी कष्ट दायक है कि कभी-कभी सजा भुगत लेना बेहतर लगने लगता है। <br /><br />एक दोस्त और बड़े भाई और दोस्त की हैसियत से इतना निवेदन कर रहा हूँ कि कम से कम इस पोस्ट को हटा लें। जिस से आगे कोई इसे सबूत बना कर व्यर्थ परेशानी खड़ा न करे।<br /><br />आप का यह आलेख व्यंग्य भी नहीं है, आलोचना है, जो तथ्य परक नहीं। यह जंगल विभाग समुदाय के प्रति अपमानकारक भी है। मैं अपने व्यक्तिगत जीवन में बहुत लोगों को परेशान होते देख चुका हूँ। प्रभाष जोशी पिछले साल तक कोटा पेशियों पर आते रहे, करीब दस साल तक। पर वे व्यवसायिक पत्रकार हैं। उन्हें आय की या खर्चे की कोई परेशानी नहीं हुई। मामला आपसी राजीनामे से निपटा। मुझे लगा कि आप यह लक्जरी नहीं भुगत सकते। <br />अधिक कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूँ।दिनेश की रायnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-52884266527896907482009-06-21T06:04:33.093+05:302009-06-21T06:04:33.093+05:30जय हो!! चमत्कार ही है!!जय हो!! चमत्कार ही है!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-48219424750866483792009-06-21T00:14:40.783+05:302009-06-21T00:14:40.783+05:30भ्रष्टराष्ट्र का एक और कारनामा.......
साभार
हमसफ़र...भ्रष्टराष्ट्र का एक और कारनामा.......<br /><br />साभार<br /><a href="http://woyaadein.blogspot.com/" rel="nofollow">हमसफ़र यादों का.......</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-88736983525393123082009-06-20T21:41:58.255+05:302009-06-20T21:41:58.255+05:30और लिखिये भर्ष्ट राष्ट्र पर आलेख? अब भुगतिये और का...और लिखिये भर्ष्ट राष्ट्र पर आलेख? अब भुगतिये और काजूकतली की जगह अब आमपाक खिलाईयेगा शादी मे लोगों को.:)<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-39824064438086823932009-06-20T20:36:54.683+05:302009-06-20T20:36:54.683+05:30भाई कोई ऐसा पेड़ भी ईजाद हुआ है क्या (?) जिसपर लगा...भाई कोई ऐसा पेड़ भी ईजाद हुआ है क्या (?) जिसपर लगाईं तो जाएँ मारुती-800 लेकिन उगें मर्सडीज़ (!) <br />मर्सडीज़ की चाह है...बस यूं ही..Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-44432419625500425342009-06-20T18:13:09.958+05:302009-06-20T18:13:09.958+05:30इसी लिए तो कहते हैं मेरा भारत महान:))इसी लिए तो कहते हैं मेरा भारत महान:))परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-21275638151248917312009-06-20T17:42:52.053+05:302009-06-20T17:42:52.053+05:30इन नेताओ को भगवान का भी डर नही, ओर कोई पागल हाथी भ...इन नेताओ को भगवान का भी डर नही, ओर कोई पागल हाथी भी इन्हे नही मारता....<br />क्या होगा इस देश का जहां कोई भी वफ़ा दार नही, सभी इसे दीमक की तरह से खाना चाहते है.....<br /><br /><a href="http:/sikayaat.blogspot.com/" rel="nofollow"> मुझे शिकायत है </a><br /><a href="http:/parayadesh.blogspot.com/" rel="nofollow"> पराया देश</a> <br /><a href="http:/chotichotibaate.blogspot.com/" rel="nofollow"> छोटी छोटी बातें </a> <br /><a href="http://naneymuney.blogspot.com/" rel="nofollow"> नन्हे मुन्हे</a>राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-64240850206987084502009-06-20T16:11:54.376+05:302009-06-20T16:11:54.376+05:30भ्रष्टाचार बडे बडे चमत्कार कर देता है।
-Zakir Ali ...भ्रष्टाचार बडे बडे चमत्कार कर देता है।<br /><a href="http://alizakir.blogspot.com/" rel="nofollow">-Zakir Ali ‘Rajnish’</a> <br /><a href="http://tasliim.blogspot.com/" rel="nofollow">{ Secretary-TSALIIM </a><a href="http://sciblogindia.blogspot.com/" rel="nofollow">& SBAI }</a>Science Bloggers Associationhttps://www.blogger.com/profile/11209193571602615574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-86640375520558806482009-06-20T12:30:53.998+05:302009-06-20T12:30:53.998+05:30उन्हें सम्मानित कराईये न कि पोस्ट लिखकर जलील करें....उन्हें सम्मानित कराईये न कि पोस्ट लिखकर जलील करें.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-78845773294533643342009-06-20T12:25:32.603+05:302009-06-20T12:25:32.603+05:30Bahut khub...kya bat hai !!
______________________...Bahut khub...kya bat hai !!<br />__________________________________<br />अपने प्रिय "समोसा" के 1000 साल पूरे होने पर मेरी पोस्ट का भी आनंद "शब्द सृजन की ओर " पर उठायें.KK Yadavhttps://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-85318666809865349392009-06-20T12:23:42.198+05:302009-06-20T12:23:42.198+05:30अपने यहाँ इतनी ईमानदारी तो है कि काजू की जगह आम के...अपने यहाँ इतनी ईमानदारी तो है कि काजू की जगह आम के पेड़ लगाये . न लगते तो तो क्या कर लेते ? हमारी व्यवस्था में नौकरशाही को जितनी निरंकुशता मिली है वह अंग्रेजों ने अपने लिए बनायीं थी हमारा पीछा उससे कब छूटेगा ? पहले भ्रष्टाचार का भी नियम था कि पैसे लेकर काम हो जाता था आजकल तो कई जगह पैसा भी डूब रहा ओर काम भी नहीं हो रहा है . जो बात आज बच्चा बच्चा जानता है , सरकार को नहीं मालूम क्या, भ्रष्टराष्ट्र वाकई ध्रितराष्ट्र हैडॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-36109952990875047962009-06-20T11:39:04.042+05:302009-06-20T11:39:04.042+05:30वाह,कैसे कैसे कलाकार हैं हमारे देश में!
घुघूती बास...वाह,कैसे कैसे कलाकार हैं हमारे देश में!<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-61688964261645806562009-06-20T11:32:30.064+05:302009-06-20T11:32:30.064+05:30ये चमत्कार तो होना ही था।
आप भ्रष्टराष्ट्र के चमत...ये चमत्कार तो होना ही था।<br /><br />आप भ्रष्टराष्ट्र के चमत्कार वाली पोस्टें जो लिख रहे थे :-)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-39003213827496382322009-06-20T11:14:08.262+05:302009-06-20T11:14:08.262+05:30प्रभु ये आपका हमारा सबका छत्तीसगढ़ है यहां जो हो व...प्रभु ये आपका हमारा सबका छत्तीसगढ़ है यहां जो हो वह कम है। अकूत प्राकृतिक संपदा को सम्भाल कर रख लें वही बहुत है।<br /><br />४ साल पहले ग्राम विकास छत्तीसगढ़ के एक आई ए एस अधिकारी से मेरी बात हुई थी तो उन्होंने बोला कि हमारे पास इतना पैसा है कि अगर ईमानदारी से बांटा जाये तो कम से कम १ लाख रुपया छत्तीसगढ़ के हर आदमी को मिल सकता है। पर ईमानदारी से रुपये देने का अधिकार हमारे पास नहीं है। बहुत रुआंसे थे वे इस बात से ।विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-888249383229493424.post-25643968627912079672009-06-20T11:13:52.192+05:302009-06-20T11:13:52.192+05:30ये चमत्कार नया नहीं है। 1947 से ही चल रहा है।ये चमत्कार नया नहीं है। 1947 से ही चल रहा है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com