बाबा रामदेव ने प्रेस से मिलिये कार्यक्रम मे पत्रकारो के सवालो का बखूबी जवाब देने के बाद, जब कार्यक्रम खतम हुआ, तो मुझे गले से लगा लिया।मुझे एक पल को विश्वास नही हुआ कि जिस आदमी से मिलने, उसके दर्शन के लिये लोग तरसते है,वो खुद मुझे गले लगा रहा है।प्रेस क्लब के बाकी सदस्यो के लिये भी ये अप्रत्याशित था।बाबा रामदेव को मुझ पर पूरा स्नेह उंडेलते देख सब हंसी मजाक के मूड मे आ गये।

जैसे ही बाबा ने मुझे गले लगाया,सामने बैठे कुछ साथियो ने चिल्ला कर कहा बाबा जी ये ध्यान नही करता! बाबा रामदेव ने इतना सुनते ही कहा कोई बात नही!सामने से आवाज़ आई इसको अस्थमा भी फ़िर भी प्राणायाम नही करता! इस बार बाबा रामदेव ने कहा करेगा, ये ज़रूर करेगा! सब ने फ़िर कहा अलाल है ये! बाबा बोले मै गुरू हूं! दक्षिणा लिये बिना नही जाऊंगा! वे मुझ्से बोले बोल करेगा ना कपाल-भाती! मुझे तो जैसे सांप सूंघ गया था।मुझसे कुछ कहते नही बना!तभी बाबा ने फ़िर पुछा करेगा ना?और मेरे मुंह से हां के अलावा कुछ और नही निकला।सब चिल्लाये बाबा इस्को दमा हैं!बाबा बोले सब ठीक हो जायेगा।उसके बाद बाबा जी से कुछ और हल्कि-फ़ुल्कि चर्चा हुई। बाबा रामदेव को जितना सहज मैने देखा,मुझे विश्वास नही हुआ।उन्होने अप्ने अभियान के तहत जो कुछ कहा वो बाद मे बताऊंगा।मुझे ऐसा लगा कि इतने बड़े बाबा या योग गुरू की सादगी को पहले साम्ने लाना चाहिये।उनके विचारो से राजनीति के पक्ष को देखने के कई एंगल हो सक्ते हैं,जिसे फ़िर कभी फ़ुर्सत से देखेंगे। और हां सुबह देर तक़ सोने का आनंद लेने के लिये राज्य भर मे मशहूर साहब यानी की स्वंय हम जब सुबह अपने-आप ज़ल्द उठे और प्राणायाम करने लगे तो ऐसा महसूस हुआ कि कोई गुप्त ताक़त हम्से ये सब करवा रही है।
34 comments:
क्या बात है ?
बहुत अच्छे.. रामदेव जी से इस तरह मिलना किसी के लिए भी अविस्मरणीय अनुभव हो सकता है.. हां आग्रह है कि आप उनकी गुरु दक्षिणा देने में कंजूसी मत कीजिएगा.. :)
आपके साथ हम भी धन्य हुए… जो लोग बाबा की राजनैतिक विचारधारा को नहीं पहचान पा रहे उनके बारे में क्या कहा जाये… दुआ करें कि देश वासियों में स्वास्थ्य क्रांति जगाने वाले, बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के दुश्मन बाबा रामदेव शतायु हों…
Badhaiyaan
अरे! बाबा तो मुन्ना भाई वाला काम कर गए। वो तरीका बहुत कारगर है। आ ही गए ना चक्कर में? वैसे सुबह जल्दी उठना और कुछ शरीर को चुस्त बनाना सब के लिए अच्छा है। हाँ कभी कभी जी चुरा कर देर तक सोया जा सकता है। एक बात और भी कि जब उठो तब सुबह समझो और वह सब कर लो जो सुबह-सुबह करना चाहिए।
भारतीय सनातन संस्कृति में माना ही जाता है कि प्रत्येक क्षण ईश्वर द्वारा प्रेरित व नियंत्रित होते हैं, बहुत बहुत धन्यवाद उस सनातन शक्ति को और उसके वाहक श्रद्धेय बाबा रामदेव को ।
baba ramdev ne aam admi ko swasth rahne ka rasta sujhaya.apki ye post kafi achi lagi. badhai
रामदेव जी जैसे प्रभावशाली व्यक्तित्व से आप मिले उसीका असर है कि आप ने भी प्राणायाम शुरू .बधाई उन से मिल पाने के लिए.
वाह
यानी आप बन गए बाबा रामदेव के पक्के चले
कपाल भांती और अनुलोम विलोम शुरू
भाई आप रामदेव बाबाजी के गले मिल गये यानि पारस से मिलकर पारस होगये. अब हम आपके गले मिल लेते हैं हमारा भी उद्धार हो गया समझिये.
रामराम.
जब गुरू माना है तो फिर गुरू दक्षिणा देनी तो बनती ही है.....
चलिये अब योगासन के सुपरिणामों पर लिखियेगा। अपने में आये बदलाव के बारे में। मुझे भी अस्थमा की समस्या है। इन्हेलर की बजाय आपका अनुसरण करूंगा।
वाह जी वाह ! ऐसे साक्षात् ही गुरु मिल जाएँ तो सुबह उठना तो पड़ेगा ही. आशा है आप अच्छे चेले साबित होंगे :-)
हम तो कहेंगे जय हो....
मैं भी टीवी पर समाचार देख रहा था। रामदेव जी की बातों को देखकर लगा कि जल्दी ही वे कोई राजनीतिक दल खडा करने वाले हैं।
आपको उन्होंने इतना मान दिया, इसके लिए हार्दिक बधाई।
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तस्लीम
साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन
बाबा का अलग स्वरुप पेश किया है आपने...अच्छा लगा...
नीरज
अनिल जी, मन खुश हो गया.
एक बार मेरठ में भी आये थे बाबाजी, स्टेडियम में फ्री में पूरा इंतजाम था तो तब वहां जाकर अनुलोम-विलोम और प्राणायाम सीख लिया था. धन्य हैं बाबा जो भारतीय योग को पूरे विश्व के सामने रख रहे हैं.
बाबा ने गुरु दक्षिणा माँगकर आपको जगा दिया ,और यह लेख पढ़कर और कितनेही लोग अंजाने मेहि बाबाजी को गुरु दक्षिणा
दे देगे|बधाई .
बहुत बढ़िया...अब दक्षिणा पूरी ईमानदारी से दीजियेगा! अलाली नहीं चलेगी!
चलिए ... प्राणायाम तो शुरू कर दिया ... देर आए दुरूस्त आए ... बहुत बहुत बधाई।
२०१४ के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का यह पक्ष भी यकीनन सुखद रहा . भाई जी यह ही तो पब्लिक रिलेशन की कड़ी है पत्रकारों को साधो
"इतने बड़े बाबा या योग गुरू की सादगी ..."
हर बडा़ व्यक्ति सादगी की मूरत होता है और बाबा रामदेवजी तो निंस्वार्थ भाव से देश को तन्दुरुस्त बनाने का कार्य कर रहे हैं। आप धन्य है कि उन्हें करीब से देखने सुननै और अनुसरण करने का सौभाग्य मिला। बधाई आपको...आगे की पोस्ट का इन्तेज़ार रहेगा।
dakshina to deni hi padegi !!
isme fayda to aapka hi hai ji
ये बढ़िया रहा! इसे कहते हैं जादू की जफ़्फ़ी।
अब दक्षिणा देने में कोताही मत कीजियेगा।
आपकी क्षमताओं से अपरिचित मित्र ही कुछ तो भी, अल्लम-गल्लम टिपिया गए। जरा तलाश कीजिएगा कि रामदेवजी पर आपका कितना असर हो गया है1
यदि दमा ठीक हो जाए तो यह गले लगना लगाना सार्थक हो जाएगा।
घुघूती बासूती
भई उन्होंने तो आपसे कपाल-भाति की ही दक्षिणा मांग ली! वाकई अद्भुत तरीका था आपको योग की ओर मोड़ने का! अब बस आपका दमा ठीक हो जाये, यही आशा है! बाबा रामदेव से इस "सहज" मुलाकात के विवरण के लिये धन्यवाद!
सुन्दर! जय हो!
बढ़िया अनुभव रहा यह तो ..प्राणायाम तो कई रोगों का निदान कर देता है ..अच्छा है आप इस तरह से गुरु दक्षिणा दे
चलिये, कुछ तो लाभ हुआ.
बधाई हो बाबा रामदेव जी को
आपको तो बधाई की कहां जरूरत है
बाबा जी तो आपके गले लग लिए बंधु।
बढिया मिलन रहा। बहूत खूब। वैसे गुरूजी को दक्षिणा क्या देंगे तय कर लिजिये। सुना है रामदेव जी की याददाश्त बडी तेज है कहीं लौट न आयें दक्षिणा लेने।
बधाई हो ।
Great Anil bhai ! Baba Ramdev is a matchless personality . Thanx for sharing ur experience with us !
चलिए देर आये दुरुस्त आये ...सुबह का योग मुबारक.....!!
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