Wednesday, April 28, 2010

इतना लम्बा सफ़र तय कर लिया और पता भी नही चला!

बात होती है प्रवृति की और ये मेरी प्रवृत्ति भी दोस्तों से लेकर मामूली जान-पहचान वाले को पता है कि मैंने अपने नाम को हमेशा सार्थक किया।अभी यंहा तो अभी वंहा अपना फ़ेवरेट स्टाईल रहा है और शायद इसिलिये लोग मेरे टिकाऊ होने पर शर्त भी लगा लेते थे।ज्यादा से ज्यादा छह महिने उससे ज्यादा तो कतई नही।ये सारी बातें सच भी थी,मैंने आजतक़ बहती हवा के झोंके की तरह भटकने मे ही समय बिताया और यही मेरी पहचान भी बनी।जब मैंने ब्लाग लिखना शुरू किया तब भी मेरे दोस्तों ने इस पर सवाल उठाये और संजीत त्रिपाठी यानी दूसरे तरह के भटकू यानी आवारा बंजारा मुझे इस दुनिया मे खिंच लाया ।तब दोस्तों ने पूछा था कितने दिन?मेरे पास उस समय तो कोई जवाब नही था मगर तब भी मैने कहा था छ्ह महिने से ज्यादा।और आज मुझे एक नही पूरे दो साल हो गये इस सफ़र पर निकले हुये।सफ़र है कि खत्म होने का नाम नही लेता और मुसाफ़िर है थक भी नही रहा है।कारण इस सफ़र मे मिले हमसफ़र इतने प्यारे निकले कि उनसे बिछुडने को जी नही करता।नाम गिनाने बैठा तो फ़िर लम्बी लिस्ट है और मै उन सभी भाईयों,बहनों,ताऊयों-ताईयों और सभी चाह्ने वालों के प्यार को नाम लिख कर छोटा नही करना चाहता।ये तो ब्लाग है जिसने मेरे टिकाऊ नही होने की इमेज तो तोड़ी ही साथ ही इसने मुझे टिक कर काम करना भी सिखा दिया।मेरी नई नौकरी को भी इसी महिने छह महिने पूरे होने जा रहे हैं ।आप सब का प्यार भरपुर मिला और मैं चाहूंगा की मुझ पर आप लोगों के प्यार की बरसात हमेशा होती रहे।

38 comments:

ghughutibasuti said...

तथास्तु!
घुघूती बासूती

Rohit Singh said...

दादा टिके रहना ही तो बिंदास काम है.पर हर काम में कहां टिका जाता है..अपना भी यही हाल है....रायपुर आने वाला हूं.....

Smart Indian said...

बधाई हो!

दीपक 'मशाल' said...

Ishwar kare na ye safar ka silsila kabhi toote aur na padhne walon ki nazar roothe..

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

अनि्ल भैया-बहुत बहुत बधाईयाँ

दिनेशराय द्विवेदी said...

अरे! छह माह हो गए आप को नौकरी करते !
पता ही नहीं लगा।
ब्लागीरी का तो पता है हमें, यही तो वो जगह है जहाँ हम आप जैसे लोग धूनी रमा सकते हैं। बधाई!

Udan Tashtari said...

बेहतरीन सफर चल रहा है...दो बरस पूरे होने पर बहुत बधाई...अभी तो बहुत दूर तक साथ चलना है जी. अनेक शुभकामनाएँ.

नीरज मुसाफ़िर said...

आहा, अनिल जी दो साल तक टिक गये?
तालियां।

Alpana Verma said...

ब्लॉग्गिंग के दो साल पूरे करने पर और ६ महीने नयी नौकरी के पूरे करने पर बहुत बहुत बधाई .
शुभकामनायें.

Unknown said...

"मेरी नई नौकरी को भी इसी महिने छह महिने पूरे होने जा रहे हैं।"

हमारी कामना है कि आपकी नौकरी साल दर साल निरन्तर तरक्की करते हुए चलते रहे।

Anil Pusadkar said...

स्नेह और सहयोग क लिये आभारी हूं आप सबका।बिंदास भाई बिल्कुल आईये रायपुर बिंदास स्वागत करेंगे।

अनिल कान्त said...

बधाई हो!

संजय बेंगाणी said...

सफर तो अभी शुरू हुआ है, फिर भी एक पड़ाव आया है इसकी बधाई. शुभकामनाएं.

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...

सफ़र अगर खतम हो जाये तो सफ़र कहा कहलायेगा . चरैवेति ...............

P.N. Subramanian said...

प्रोबेशन ख़तम. अब कोई निकाल भी नहीं सकता.

Sanjeet Tripathi said...

badhai.
aap idhar hi Tike rahiye bhai sahab, dekhta hu idhar se kaise chhor ke bhaag nikalenge....
;)

उम्मतें said...

सुब्रमनियन जी से सहमत ! बधाई !

Shiv said...

बहुत-बहुत बधाई. अनिल भाई, दो साल तो केवल एक मील का पत्थर है. ऐसे ही चलते रहें. साथ चलने वाले और भी बहुत मिलेंगे.

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर said...

एक ग़ज़ल बहुत बार सुनी है....
"मुसाफिर चलते-चलते थक गया है,
सफ़र अभी जाने कितना पडा है."

===========================
आपके सफ़र को देख कर हमें ये ही शब्द सबसे पहले दिमाग में आये....
"पढ़ाकू पढ़ते-पढ़ते थक गया है,
अनिल भाई ने ना जाने कितना लिखा है."

==========================
दो साल की बधाई.......................
हम भी आपके पीछे-पीछे आ रहे हैं.....४ मई को हम भी दो की संख्या पर पहुंचेंगे.
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड

rashmi ravija said...

दो साल पूरे होने की अनेकों बधाईयाँ ...ये सफ़र ऐसे ही चलता रहे...शुभकामनाएं

राज भाटिय़ा said...

आप को इस छ महीने की नोकरी की बहुत बहुत बधाई ओर टिके रहे अब यही यही शुभकामनाये है हमारी, बाकी अब ब्लांगिग से तो पिछा नही छूटेगा, अब अंत तक साथ रहना है इस ब्लांगिग मै तो, क्योकि जो समय हम ब्लांगिग को दे चुके है, अगर नही करेगे तो उस समय हम क्या करे?

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

जिस सफर का पता ना चले वो निरंतर चलते रहना चाहिए....दो वर्ष ब्लॉग जगत में पूरे करने पर बधाई....निरंतर हर क्षेत्र में उन्नति मिलती रहे इसके लिए शुभकामनाएं .

Gyan Dutt Pandey said...

दो साल टिक लिये, तो टिक ही लिये।
और आपकी तो अपनी स्टाइल की ब्लॉगिंग हो गयी है। कोई जवान बाद में इस पर पीएचडी न कर ले! :)

SAMEER said...

ब्लागरी में दो साल पुरे करने के लिए बधाई और भविष्य की अनत यात्रा के लिए शुभकामनाये ...

विवेक रस्तोगी said...

बहुत बहुत शुभकामनाएँ अनिल भाई

डॉ टी एस दराल said...

आप दोनों जगह टिके रहें , यही कामना करते हैं।
शुभकामनायें।

अजित गुप्ता का कोना said...

अनिल भाई, यहाँ हम अपने ही आइने के सामने बैठे हैं, रोज उसी से तो बतियाते हैं। कहाँ है ऐसा प्‍लेटफार्म, जहाँ अपने मन की बात लिखी जा सकती हो? आपको टिके रहने पर बधाई, आप आगे भी टिके रहेंगे और हम सब एक दूसरे को स्‍नेह बांटते रहेंगे।

सहसपुरिया said...

KEEP IT UP

जितेन्द़ भगत said...

ये सफर वाकई लाजवाब है, जि‍समें हम एक-दूसरे को जानते नहीं, मगर लगता है कि‍ कि‍तनी पुरानी पहचान है।
दो साल तक ब्‍लॉग से सतत जुडे रहने के लि‍ए बधाई और शुभकामना कि‍ आप नि‍रंतर यूँ ही लि‍खते रहें।

बवाल said...

बधाई हो अनिल जी। इससे यह सिद्ध हुआ के आप तो टिकाऊ हैं ही मगर आपके टेके होने के थोड़े बहुत फ़ख़्र पर कुछ तो हक़ हमारा भी बन गया जी। है कि नहीं ?
मालिक हमेशा नूर बख्शे आपको।
---आपका मित्र।

अजय कुमार said...

मुबारक हो सर

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

बहुत बहुत बधाई हो आदरणीय...

अनूप शुक्ल said...

दो साल हो गये! सच! अरे नहीं मजाक कर रहे हो! पता नहीं झूठ बोलने की आदत कहां से पकड़ ली ब्लॉगिंग में। :)

अभी तो मानकर बधाई दे रहे हैं! लेकिन लगता नहीं कि दो साल हो लिये। :)

Khushdeep Sehgal said...

अनिल भाई,
ज़रा कन्फर्म कर लीजिए, कहीं कोई गा ही न रही हो...

हाय हाय ये मजबूरी, ये मौसम और ये दूरी,
मुझे पल पल है तड़पाए, तेरी दो टकया दी नौकरी,
मेरा लखा दा सावन बीता जाए...

जय हिंद...

डॉ महेश सिन्हा said...

चलते चलते मेरे ये गीत याद रखना :)

Anil Pusadkar said...

आभार आप सभी का जिन्होने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मेरे सफ़र को सुहाना बनाया।आगे भी आप सभी से ऐसे ही स्नेह,प्यार और सहयोग की आशा रखता हूं।

प्रवीण पाण्डेय said...

बहुत बधाई हो ।

शरद कोकास said...

मुझे याद आ रहा है दुकानो पर लगा एक स्टिकर " फैशन के इस दौर मे गारंटी की इच्छा न करें "
ग़नीमत है हमारे अनिल भाई पर यह जुमला लागू नही होता ।
जब तक यह दुनिया है आप ऐसे ही टिके रहे हमारी यह दुआ है ।