जात-पात की बात करने वालों के लिये भी भी हम लोगों की यात्रा बहुत कुछ कहती है।हालांकि प्रतिक्रिया स्वरूप कई बार मैं भी उतना ही गंदा हो जाता हूं मगर वो मेरा मूल स्वभाव नही बस गुस्से का इज़हार बस होता है।खैर इस बार भी हम सब मैया के दर्शन के लिये नवरात्र मे गये थे।इस बार मोहन एण्टी(एण्थोनी)नही जा पाया था और दिलीप भी।
पवन ने हर बार की तरह इस बार भी सबको फ़ोन लगाया और रविवार को जाना फ़िक्स हो गया।मुझे खबर नही मिल पाई थी और मैं रविवार का आनंद सोकर ले रहा था कि सब घर आ धमके और फ़िर तुरत-फ़ुरत तैयार होकर निकल पड़े डोंगरगढ की ओर्।पवन मारवाड़ी,मैं मराठी,मेहमूद मुस्लिम,बलबीर सिक्ख,सतीश जैन,संजय ब्राह्मण,सुरेन्द्र उडिया।यानी सभी धर्मों का प्रतिनिधित्व था।मोहन इस बार नही जा पाया मगर वो हर बार जाता ही है तो ईसाई और दिलीप सिंधी और भी लोग जाते है तो बिना किसी भेदभाव के।सब के मन उतनी ही श्रद्धा और उतनी ही आस्था और विश्वास्।और ये पहला मौका भी नही है सालोम से ये सिलसिला चला आ रहा हैं।नज़र ना लगे किसी की ये प्यार सदा बना रहे चाहे समाज मे कितना भी कोई ज़हर क्यों ना घोले।
डोंगरगढ मुम्बई-हावड़ा रेल लाईन पर रायपुर से नागपुर कि ओर सौ किमी दूर स्थित है।ये नेशनल हाईवे नम्बर 6 पर रायपुर से 110 किमी दूर है। तुमड़ीबोड़ से सडक कट जाती है जो सीधे डोंगरगढ जाती है।दोनो नवरात्र पर यंहा मेला लगता है और इन दिनों लाखों लोग दर्शन करने आते हैं।वैसे यंहा साल भर दर्शनार्थी आते रहते है।डोंगरगढ रेल्वे स्टेशन से ही मैया का मंदिर दिख जाता है।सरकार ने भी इस तीर्थस्थल को विकसित करने की दिशा मे भरपुर प्रयास किये हैं।ये छत्तीसगढ की तीन शक्तिपीठों में से एक से।यंहा की मान्यता बहुत है और मैया के भक्तों मे दिग्विजय सिंह भी शामिल हैं।लिजिये प्रस्तुत है कुछ तस्वीरें,सभी दिनेश यदु,ने
शनल लुक के फ़ोटोग्राफ़र द्वारा खींची हुई है।