डा महेश सिन्हा! सीधा सादा,सरल व्यक्तित्व्। घमण्ड कही छू भी नही सका उनको। हर विषय पर सटीक और तथ्यो समेत राय रखने के लिये हमेशा तैयार। बेहद सुलझे और विद्वान महेश भैया का ब्लोग लिखना मेरे लिये व्यक्तिगत रूप से सौभाग्य की बात है।मेरे ब्लोग को वे हमेशा पढते थे और आकर उस पर राय ज़ाहिर किया करते थे।मै हमेशा उनसे कहा करता था कि उसी पर कमेण्ट कर दिया करिये मगर वे बस मुस्कुरा देते थे।उनकी मुस्कुराह्ट सब कुछ कह देती थी। वे छत्तीसगढ़ के सबसे पहली बैच के निश्चेतना विशेषज्ञ हैं और निजि क्षेत्र के पहले फुलटाईमर निश्चेतना विशेषज्ञ हैं।
और आज अचानक पता लगा कि वे ब्लोग जगत मे आ गये हैं,तो मेरी खुशी का ठिकाना नही रहा।उनके ब्लोग पर जा कर देखा तो मज़ा आ गया। अभी शुरूआत है,निश्चित ही आने वाले दिनो मे उनके विचार ब्लोग पर अपना जादू बिखेरते नज़र आयेंगे।
डा महेश सिन्हा छत्तीसगढ के जाने माने लोगो मे से एक हैं। उन्के नानाजी केशव प्रसाद वर्मा दो बार राज्यसभा सद्स्य रहे हैं। उनके परिवार का आज़ादी की लडाई मे अमुल्य योगदान है। उनके परिवार का समाचार पत्र अग्रदूत आज़ादी की लड़ाई का जाबांज सिपाही रहा है। और जो रायपुर मे रहा है या पुराने रायपुर को जानता है वो अपने समय की मशहूर किताब दूकान भारती भण्डार को ज़रूर जानता होगा। उनके भाई विष्णु सिन्हा भी गज़ब के पत्रकार हैं। उनके साथ काम करने का मौका मुझे भी मिला है। वो दमदारी जो उनमे है किसी और मे दिखाई नही देती। सभी विषयो पर समान अधिकार रखने वाले विष्णु भैया रजनीश के भी अनुयायी रहे हैं।
महेश भैया के ब्लोग जगत मे आने से छतीसगढ का ब्लाग परिवार और मज़बूत होगा।उनकी कलम का जादू उनके विचारो के असर की तरह यहां भी असर् दिखायेगा,इसी आशा के साथ मै उनका स्वागत करता हूं।
उनके ब्लॉग का नाम है संस्कृति
यहां क्लिक करें
स्वागत
आशा है ब्लॉगवाणी व चिट्ठाजगत व अन्य सम्माननीय अग्रीगेटर्स डॉ साहब के ब्लॉग को स्थान देंगे।
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15 comments:
अनिल जी आप जिन की तारीफ़ करे वो जरुर तारीफ़ के काबिल ही होगे, आप का धन्यवाद ड़ा महेश सिन्हा से मिलवाने के लिये, ओर ड़ा महेश सिन्हा का दिल से स्वागत है.
डा महेश सिन्हा से परिचय करवाने और उनके ब्लाग का लिंक देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ... अवश्य पढूंगी उन्हे।
सज्जनों की सक्रियता ही दर्जनों को परास्त कर सकती है।
चिट्ठा जगत में सिन्हाजी के शुभागमन की शुभ सूचना देने के लिए धन्यवाद।
स्वागतम संस्कृति -और लीजिये वहां अपने एक मनचाही पोस्ट पर टिप्पणी कर आया !
स्वागतम!!!
संस्कृति का ब्लाग जगत में स्वागत है।
डा. सिन्हा का ब्लॉग अच्छा लगा। विशेषज्ञ ब्लॉगिंग में आ रहे हैं - यह संतोषप्रद है।
doctor sahab ka parichay karwane ke liye shukriya
डाक्टर साहब जात पात कम करने में आरक्षण से कुछ फायदा हुआ या नहीं इस पर भी लिखियेगा और ये भी की अगर आरक्षण नहीं मिलता तो अनुसोचिता जाती के लोगों के क्या हालात होते .... और जात पात को ख़त्म करने के लिए क्या कारगर उपाय हैं ..... और उनकी इस हालत का कौन जिम्मेदार है ये भी बताइयेगा ....
धन्यवाद अनिल जी ,
महेश जी से परिचय के लिए.
अच्छे अच्छे ब्लोग्स के आने से हमें भी सिखने को मिलेगा.
[बुरा न maane तो एक बात जानना चाहूंगी..जबलपुर/छत्तीसगढ़ से बहुत से सक्रीय ब्लॉगर ब्लॉग जगत में हैं..क्या कारण है??कंप्युटर जाग्रति ज्यादा है वहां क्या?]
Tahe dil se swaagat!!
संस्कृति का ब्लाग जगत में स्वागत है।
aap sab kaa dhanyawaad
स्वागत है डॉक्टर साहब का शुभकामनाओं के साथ।
@अल्पना वर्मा जी, जिस इलाके की बात आप कर रही हैं वहां कम्प्यूटर जागृति बहुत ज्यादा तो नही है लेकिन हां शेयर करने की आदत बहुत है, अगर हम कोई नई चीज इस्तेमाल कर रहे हैं और अच्छा लगा तो हम अपने चार पांच नज़दीकी लोगों को बताएंगे ही कि भाई ये नई चीज है और अच्छी है आजमा कर देखो। बस यही बात है।
अनिल जी
नमस्कार
आपकी प्रोफाइल और महेश जी से सम्बंधित आलेख पढा अच्छा लगा
अभी कुछ ही दिनों पहले शायद मैं सिन्हा जी से जबलपुर में मिला हूँ.
वो किसी कार्यक्रम में थे शायद साज़ जाबल्पुरी जी के जन्म दिवस पर
.. यहाँ उनका उल्लेख आया तो मुझे ऐसा लगा जैस वही सिन्हा जी हैं
एक बात और कि आपके द्बारा कि गई टिप्पणी ही मुझे आप तक खींच लाई.जिसमें आपने कहा है कि " Anil Pusadkar said...जबलपुर ऐतिहासिक ही नही बल्कि प्रागऐतिहासिक शहर है। अगली कड़ी का इंतज़ार रहेगा॥ 10 April, 2009 11:०८ ""
- विजय
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