शाम को भतीजे हर्षू और भतीजी युति ने ज़िद पकड़ ली थी कि आप हमे घुमाने ले चलिये।बहुत दिनो से आप झूठ बोल रहे हैं।दिन भर लम्बी तान कर सोने के बाद मै भी एकदम मैंगो फ़्रूटी की तरह तरोताज़ा था,सो लेकर निकल पड़ा दोनो शैतान की खाला और मामू को लेकर।और फ़िर जो सवालो का दौर शुरू हुआ तो बस दिमाग चकरा कर रह गया।बस एक गीत याद आ गया,तेरे मासूम सवालो से परेशान हूं मै!
हर्षू मात्र चार साल का है और क्लास पी पी टू यानी प्री प्राईमरी टू जिसे के जी टू भी कहते हैं का छात्र है और युती थोड़ी बड़ी यानी क्लास थ्री की छात्र है।दोनो मे प्यार भी उतना ही और दुश्मनी भी उतनी ही।समझ लिजिये टाम और जैरी की जोड़ी है।दोनो तैयार थे और हम उनको लेकर चल पड़े एक छोटे से फ़ार्म हाऊस की ओर।वंहा पंहुच कर दोनो ने खूब धींगा मस्ती की और जब थक कर चूर हो गये तो नाश्ते मे हमारे दिमाग को चट करने के लिये भिड़ गये।
उन्होने सवालो का जो दौर शुरू किया वो सचमे परेशान कर देने वाला था।शाम को सूर्यास्त के समय जब बादलो ने शर्मा कर लाल चुनरिया ओढी तो दोनो ने उसका कारण पूछा।दोनो ने एक साथ पूछा,बाबा आसमान लाल क्यों हो गया है?मैने उनसे कहा कि बेटा सन सेट हो रहा है ना इसलिये।सन सेट क्यों हो रहा है?बेटा सन थक गया है ना इसलिये?फ़िर अब सन क्या करेगा?बेटा सन आराम करेगा?कंहा?अपने घर मे?उसका घर कंहा है?
मै तब तक़ समझ गया था कि ये पका देने वाला सिलसिला खतम होने वाला नही है सो मैने दोनो को डपटते हुये कहा कि चलो घर चलो,देर हो रही है।दोनो फ़िर मूल सवाल पर लौट आये सन का घर अपने घर जैसा होता है?मैने कहा,नही बेटा,सन का घर समुद्र मे होता है?उतनी दूर?हां।तो फ़िर स्न घर जाकर क्या करेगा?सो जायेगा,और क्या करेगा।पर हम लोगो को तो मम्मी अभी सोने नही देगी?तुम लोगो का स्कूल है ना बेटा इस्लिये।तो क्या सन स्कूल नही जाता?
मैने कहा मेरी मां।सन क्या करता है क्या नही,मुझे नही मालूम्।तो फ़िर आप क्यों कह रहे थे कि आपक सब मालूम रहता है?मैने कहा कि बेटा सन को छोड़ कर सब ,मालूम रहता है।तो फ़िर आपको कैसे पता कि सन सेट हो रहा है?बेटा सब लोग कहते है कि शाम को जब बादल लाल हो जाते हैं तो सन सेट होता है।सन सेट का मतलब क्या होता है?सन सेट का मतलब सन डूब जाता है।कंहा?समुद्र मे।तो फ़िर वो सुबह कैसे आ जाता है?बेटा,उसकी ड्यूटी है सुबह आने की।वो तो ठीक है लेकिन डूबने के बाद वापस कैसे निकल जाता है?
मेरी खोपडी तब तक़ पिलपिली हो चुकी थी।मैने कहा घर जाकर अपनी-अपनी मम्मी से पूछ लेना तुम लोग्।मम्मी तो जाते ही पढाने बैठा देगी।तो फ़िर पढाई खतम करके पूछ लेना।सन को भी घर जाने के बाद उसकी मम्मी पढाती है क्या बाबा?मैने कहा पता नही बेटा।तो फ़िर आपको क्या पता है?मैने कहा मेरा दिमाग मत खाओ,चलो घर चलो।दोनो एकदम से लड़ियाने लगे बताओ ना बाबा,क्या सन को उसकी मम्मी घर जाते ही साथ पढाती है।क्यों?बताओ ना?मैने फ़िर पूछा क्यों?दोनो ने कहा अगर नही पढाती होगी तो हम भी मम्मी को बतायेंगे,देखो सन की मम्मी की कितनी अच्छी है।
मैने कहा बेटा देखो सन सेट हो गया ना,अब चलो घर चलते है।अच्छा बाबा ये बताओ कि शाम को आसमान का रंग लाल और सुबह भी लाल क्यों रहता है?मैने कहा बेटा सन जब सेट होता है…………मेरी बात काटते हुये युती ने कहा कि वो तो हम देख ही रहे हैं मगर सुबह भी क्यों लाल रहता है?बेटा सुबह सन राईस होता है न इसलिये।तो फ़िर उसको भी सन सेट क्यों नही कहते?बेटा सुबह सन उगता है ना तो उसे सेट कैसे कहेंगे,उसे सन राईस कहा जाता है?अच्छा बाबा ये बताओ शाम को सन डूब जाता है फ़िर सुबह फ़िर से उग जाता है,है ना?हां मेरी मां।इसका मतलब कोई डूब जाये तो फ़िर से उग जाता है,है ना?हां मेरी मां।तो फ़िर आप हम दोनो को पानी मे खेलने क्यों नही दे रहे हो?अब तक़ मै असली सवाल को समझ चुका था।दोनो पानी की टंकी मे खेलने की कोशिश मे डांट खा चुके थे।मैने दोनो से कहा जभी तुम दोनो की मम्मी खुशी खुशी कहती है भैया ले जाओ दोनो को घुमाने।उनके सवालो की झड़ी कभी और बरसाऊंगा।बताईगे ज़रूर कैसे लगे नन्हे शैतानो के सवाल?
22 comments:
अरे इतने सुंदर सवालो का जबाब क्यो नही दे दिया, बेचारो का दिल दुखाया, लेकिन हमे खुब मजा आया, यह वाक्या शायद हम सब के संग होता है, मेरा दोस्त दुवई से मेरे यहां दो दिन के लिये आया उस के बच्चे बडे उस्ताद ऎसी ही बाते मेरे से करने लगे, ओर हम ने भी उन्हे मुरगा बनाना सिखा दिया, लेकिन अपनी यादे दिल मै छोड गये प्यारी प्यारी सी... चलिये कल हमारी तरफ़ से घुमा लाये.
धन्यवाद
बच्चों के साथ बच्चा बनिए जनाब.. मजा आएगा
इस छोटी उम्र में बहुत सवाल किया करते हैं बच्चे .. ऐसे सवाल जिनका जबाब दे पाना अभिभावकों के लिए मुश्किल होता है .. भतीजे हर्षू और भतीजी युति को मेरा स्नेहाशीष !!
नन्हे मुन्नों के सवालों के आगे हम सब नतमस्तक हो लेते हैं साहेब.
हा हा
मज़ा आ गया
कभी मिलवाईएगा इन मासूम शरारतियों से।
बी एस पाबला
अनिलजी,
बहुत अच्छा लगा............मज़ा आया.........
हाँ कुछ कमी रह गई हो तो बोलना ....मैं गुड्डू को भी भेज दूंगा
वो सन के बारे में कुछ भी नहीं पूछेगा
वो सिर्फ़ सूर्य के बारे में पूछेगा...........हा हा हा
बच्चों के सवाल कई दफ़ा बड़े विचार शील होते है जो कभी बड़े भी नही सोच पाते हैं...
दिलचस्प संस्मरण...बधाई..
उस्ताद जी! बचपन में आप ने ऐसे ही किसी को तंग जरूर किया होगा। हो सकता है मार भी खाई हो। देख लीजिए हर बच्चा पत्रकार होता है। लेकिन लिखता बहुत देर से है।
मतलब साफ था कि बुरे फंसे। बाप रे, बच्चों के सवालों से जब दो चार होना पड़ता है तो कमर से लेकर दिमाग तक का दलिया बन जाता है। मेरा बेटा भी है वो मुझे जबरदस्ती किस्सा कहानी सुनाता है। सर यहां का पैर वहां का, सुनते जाओ। अभी इनकी बढ़ती उम्र है, बड़े होकर तो फिर आप चाहेंगे कि बात करें और वो चाहेंगे कि अकेले बैठें। फिर आप के पास सवालों का पुलिंदा होगा और गेंद उनके पाले में।
सब सही, मगर यह बताओ आप क्यों कह रहे थे कि आपक सब मालूम रहता है? :)
बच्चों के सवाल एकदम मौलिक होते हैं और हम उम्र के साथ साथ अपनी मौलिकता खो चुके होते हैं..सो सबसे कठिन काम है बच्चों के सवालों का जवाब देना.
रामराम.
masum mann ke masum sawal,jawab ek diya ke ek aur sawal ready rehta hai,:)kitna mushkil hai na bachha hona.
अच्छी प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...
मैनें अपने सभी ब्लागों जैसे ‘मेरी ग़ज़ल’,‘मेरे गीत’ और ‘रोमांटिक रचनाएं’ को एक ही ब्लाग "मेरी ग़ज़लें,मेरे गीत/प्रसन्नवदन चतुर्वेदी"में पिरो दिया है।
आप का स्वागत है...
हा हा हा
अब कभी ये मत कहना कि आपको सब पता है :)
मैं भी लगभग रोज इसी तरह फंस जाता हूं
(लेकिन उनके हर सवाल का उत्तर देने की कोशिश रहती है)
प्रणाम स्वीकार करें
मस्त सवाल हैं दोनों शैतानों के.. लग रहा था जैसे पॉवर पफ गर्ल वाले कार्टून का कोई एपिसोड देख रहा हूं जिसमें मोजो-जोजो नामक पात्र ऐसे सवाल पूछ रहा है..
क्या कहा? पॉवर पफ गर्ल कौन हैं? अरे ये सवाल तो आप अपने शैतानों से पूछिये.. उन्हें मालूम होना चाहिये.. :)
BHAI BACHHE HAIN TO JIGYAASA TO HIGI HI MAN MEIN .... BAHOOT HI MAJEDAAR POST HAI ...
हा हा....मैं समझ सकती हूँ आपकी क्या हालत हुई होगी!
आखिर सवा शेर मिले है आपको ...एकदम जीवंत प्रस्तुति दी आपने मजा आ गया पढ़ कर .. जब मुझे मिलेंगे तो उनको सिखाऊंगा की बेटा कभी यह भी तो पूछो ..बाबा सबकी ताई जी होती है ..हमारी कहा है ?? कहा रहती है ?? कैसी दिखती है ?? नाम क्या है उनका ?? वो भी समुद्र से निकलेंगी क्या ??? आदि ..आदि ................
अनिल भाई ,ऐसे ही हर सप्ताह मेरे भतीजे भतीजी को घुमाने ले जाया करो । और कभी कभार प्रेस क्लब में भी ताकि पत्रकार बन्धुओं का प्रशिक्षण हो सके । बाकी अजय सक्सेना कुछ कह रहे हैं उसका कुछ जवाब है क्या ? ?
वाह! बालसुलभ बातों की बहुत सुन्दर प्रस्तुति किया है आपने।
हाय...इन्हीं मासूम सवालों से तो जिंदगी है अनिल जी!
बेहतरीन लगा ... |
बाकी अजय जी का सवाल अभी तक अनुत्तरित है !!!!!
Post a Comment