Friday, April 9, 2010
सभी शादी-शुदा भाईयों और बहनों से क्षमा सहित एक सवाल।विवाह और मताधिकार की उम्र में अंतर क्यों?
फ़िर एक छोटी सी पोस्ट पूरि तरह निर्मल आनंद के लिये।कल मैने सवाल उठाया था विवाह के समय पत्नी दायीं ओर पति बायीं ओर क्यों बैठते हैं?बहुत पसंद किया आप लोगों ने उसे और कुछ भाईयों-बहनों और ताऊ जी ने तो मुझे भी लपेट दिया था उस सवाल में।तो भाईयों और बहनों कल की बात अधूरी रह गई थी।जब बल्लू उर्फ़ बलबीर के पहले एसएमएस का सवाल खुद उसी को देना पड़ा तो उसने दूसरा सवाल किया।विवाह और मताधिकार की उम्र में अंतर क्यों?मताधिकार की उम्र 18 और विवाह के लिये 21 वर्ष क्यों निर्धारित की गई है?अब सरदार का सवाल था सो सभी दोस्तों ने ज्यादा स्सर खपाने की बजाये कहा तू ही बता बे सरदार आज तो तू इंटैलिज़ेंटेस्ट बन कर आया है।उसके चेहरे पर तैर आई मुस्कान के सामने मोनालिज़ा की मुस्कान फ़ेल थी।वो बोला इसका मतलब ये है कि सरकार भी मानती है अट्ठारह साल मे आदमी देश तो संभाल सकता है बीबी नही।इस जवाब के बाद सबके सब उठे और कहा ये तो तेरी खोपड़ी की उपज हो नही सकती,है ना।उसने बड़ी मासूमियत से कहा हां।ये भी किसी का एसएमएस होगा,है ना?हां।तो साले उसका नाम तो बता जो तुझे ये एसएमएस कर रहा है और तू आके हमारा दिमाग खा जाता है।और फ़िर जो हंसी का फ़ौवारा फ़ूटा कि थमने का नाम नही लिया।आप भी सिर्फ़ हंसिये और खासकर शादी-शुदा भाईयों और बहनों से निवेदन है कि इसे शुद्ध हास्य के रूप में ले।मेरी मंशा शादीशुदा लोगों से कुंवारों को देश संभालने के मामले मे ज्यादा योग्य साबित करने की नही हैं।हा हा हा।मैं तो नही चाहता मगर अब आप लोग ही बताईये सरकार ऐसा करके क्या साबित करना चाह्ती है?
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19 comments:
"अट्ठारह साल मे आदमी देश तो संभाल सकता है बीबी नही।"
अजी यहाँ तो साठ साल की उम्र में भी बीबी नहीं संभाली जा रही है।
21 वर्ष की अवस्था में भी पत्नी का चयन उस नौजवान द्वारा किया जाना कितना कम होता है !
हा हा हा ....बीवी संभालने की कोई उम्र सीमा नहीं...बस २१ साल तो ...लड्डू खिला कर स्वाद चखाना होता है...
सर, यह हास्य नहीं, बहुत गंभीर बात है, जो लड़का १८ वर्ष की आयु में शादी नहीं कर सकता, वो भला देश चलाने वालों को कैसे चुन सकता है...
यह तो राजनीतिबाजों की चाल है.. कम से कम पच्चीस साल उम्र होना चाहिये वोट डालने के लिये..
hahahahahaha
हा हा हा हा...लाजवाब !!!
लेकिन यह एकतरफा नहीं है....गृहस्थी सम्हालने (पति पत्नी का परस्पर एक दुसरे को सम्हालना)se बहुत आसान देश सम्हालना है,किसी भी उम्र में...
कम उम्र का मत यानि पुनर्विचार की गुंजायश ...पर बाद का मत ... एक बार चुनी तो चुनी ...स्थायी सरकार... काहे का पुनर्विचार !
जरूरी नहीं कि मेरी बात ठीक ही हो।
पर लगता है देश सम्भालने के लिए ज्यादा लियाकत या तजुर्बे की जरूरत नहीं होती (अपने कुछ नेताओं को देख कर तो यही लगता है)पर..................
भाई साहब..
लड्डू पहले खा लो या बाद में
पछताना तो पड़ेगा ही..
कम उम्र में लोग ज़्यादा दिमाग नहि लगाते और थोडा समझाने से ही वोट देने जा सकते हैं, वही लोग बडे होते होते अपना दिमाग लगाने लगते हैं और वोट देने से परहेज करने लगते हैं।
आप सरकारों को बार बार दरबदर कर सकते हैं मगर जीवनसाथी को नहीं -इसलिए ज्यादा परिपक्वता की दरकार है !
विवाह की उम्र तो शायद 18 व 21 भी कम है। वहाँ तो उम्मीदवार खुद आ जाते हैं और उन की संख्या निश्चित होती है। यहाँ तो सारे जहाँ से एक को चुनना पड़ता है। अनिल भाई तो अभी तक तलाश में ही हैं।
देश चलाना आ जाये तो घर चलाना आसान हो जाये.....
सरदार से बातें सुनकर मज़ा आ गया अनिल भाई ! बहुत मस्त लिखा है आज तो बढ़िया मूड में लग रहे हो ! दुआ करता हूँ भविष्य में भी ऐसे ही लिखा करो .....हा ...हा.....हा....हा.......
kahin wo ye to nahin kahna chahta tha ki aap ab tak sambhaalne layak.....?? bhaia ;) just kidding
शादी करना और बीवी संभालने की काबलियत रखना अलहदा चीजें हैं।
शादी हमारी कर दी गई और संभालने का यत्न अभी भी ट्रायल एण्ड एरर पर ही चल रहा है! :)
देश को तो भगवान चलाता है वोट से इसका क्या संबंध .इसलिये यह तुलना ही बेकार है.
रही बात बीबी को संभालने की तो यह एक निर्मल भ्रम है . इसमें भी उम्र का कोई लेना देना नहीं है .
तो सवाल गलत आउट ऑफ सिलेबस
तो बाल विवाह के बारे मे आपका क्या कहना है ?
Sahi hai bhaiya
Sarkar chalana Muskil Nahi Hai
Par Biwi Chalana Bahut Muskin Hai
Sarkar Badal Bi sakte hai Par Biwi Nahi
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