Sunday, August 15, 2010

देख तेरे हिंदुस्तान की हालत क्या हो गई भगवान्…………………।

हम फ़िर आज़ादी का पर्व मना रहे है।सारा देश जश्न मे डूब जायेगा और एक दिन की राष्ट्रभक्ति का भूत दूसरे दिन ही उतर जायेगा और लोग तीन-तेरह के जुगाड मे लग जायेंगे और राष्ट्रभक्ति का जिन्न साल भर के लिये किसी बोतल में कैद हो जायेगा।जिस देश मे आज़ादी की सालगिरह इतवार या छुट्टी के दिन आने पर एक छुट्टी खराब हो जाने का अफ़सोस किया जाता हो उस देश के लिये तो नही उस देश मे रहने वालों के क्या कहा जा सकता है?

ऐसे मे कवि प्रदीप का ये गीत याद आ जाता है जिसे क्षमा सहित यूं गाया जा सकता है।
देख तेरे हिंदुस्तान की हालत,
 क्या हो गई भगवान,
कितना बदल गया इंसान॥

गरीब आज भी गरीब हैं,गरीबी हटाओ का नारा देने वाले नही हैं।किसान भी है और जवान भी!जय जवान जय किसान का नारा भी लेकिन ना तो किसानो की जय हो रही है और ना जवानो की।किसान कर्ज़ और भुखमरी से मर रहे हैं और जवान अपने ही देश मे अपने ही लोगों की गोलियों से शहीद हो रहे हैं।चाहे वो कश्मीर की खूबसूरत वादी हो या बस्तर की हरी-भरी घाटी।हर ओर खून बिखरा पड़ा है।नेता भ्रष्ट से महाभ्रष्ट हो गये हैं और अफ़सर चोर से डाकू।सिर्फ़ और सिर्फ़ खरीदी-बिक्री का खेल चल रहा है।कंबल और साड़ी के बदले वोट खरीदने का मामला भी बदल गया है अब चेपटी यानी शराब से वोट खरीदे जाते हैं।जगह-जगह खुली शराब भट्टियों पर लगे बोर्ड पर लिखा देसी शब्द ऐसा लगता है बापू के स्वदेशी आंदोलन का प्रतीक हो?बापू के प्रदेश मे तो शराबबदी के बावज़ूद खुले आम शराब बिक रही है।पता नही बापू होते तो क्या ये सब देख पाते? कमरे की दीवार पर लटके बापू के ठीक नीचे बैठ कर उनकी नितियों की ऐसी की तैसी करते नेताओं-अफ़सरों की जुगलबंदी को पता नही कैसे बापू बर्दाश्त कर रहें है?हो सकता है एक दिन गणेश जी के दूध पीने की अफ़वाह की तरह बापू की तस्वीर से आंसू बहने की खबर फ़ैले।और अगर ऐसा हुआ तो उसे अफ़वाह मत समझना सच मे हालात ऐसे ही बन गये हैं।मुझे तो ऐसा ही लगता है आपको कैसा लगता है बताईयेगा ज़रूर्।
इसके बाद भी अंदर कंही छिपा देशभक्ति का कीड़ा काट-काट कर आप सभी को आज़ादी के पर्व की बधाई देने के लिये कह रहा है।सारे जंहा से अच्छा हिंदोस्तान हमारा।जय हिंद-जय भारत-जय छत्तीसगढ।

25 comments:

राज भाटिय़ा said...

स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं।

شہروز said...

आपने खूब खबर ली है.
आज़ादी को समझने के लिए यह lekh अहम भूमिका निभाएगा

बहुत खूब !

अंग्रेजों से प्राप्त मुक्ति-पर्व
..मुबारक हो!

समय हो तो एक नज़र यहाँ भी:

आज शहीदों ने तुमको अहले वतन ललकारा : अज़ीमउल्लाह ख़ान जिन्होंने पहला झंडा गीत लिखा http://hamzabaan.blogspot.com/2010/08/blog-post_14.html

Rahul Rathore said...

बढ़िया लेख
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
उठे जहाँ भी घोष शांति का, भारत, स्वर तेरा है....(जय भारत.)
प्रथम स्वतंत्रता दिवस से जुडी कुछ दुर्लभतम तस्वीरें तथा विडियो

Smart Indian said...

कभी समजहदार न होने से तो एक दिन समझदार होना अच्छा है!
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई!

Udan Tashtari said...

बधाई तो दे ही लिजिये.

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप एवं आपके परिवार का हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.

सादर

समीर लाल

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

सांस का हर सुमन है वतन के लिए
जिन्दगी एक हवन है वतन के लिए
कह गई फ़ांसियों में फ़ंसी गरदने
ये हमारा नमन है वतन के लिए

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

कडुवासच said...

... स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं !!!

समयचक्र said...

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये,...

अजित गुप्ता का कोना said...

स्‍वतंत्रता दिवस पर हार्दिक बधाई।

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

सामयिक चिंतन.

उम्मतें said...

आज़ादी के पर्व की शुभकामनाये !

Unknown said...

"जिस देश मे आज़ादी की सालगिरह इतवार या छुट्टी के दिन आने पर एक छुट्टी खराब हो जाने का अफ़सोस किया जाता हो उस देश के लिये तो नही उस देश मे रहने वालों के क्या कहा जा सकता है?"

उन्हें महान ही कहा जा सकता है क्योंकि "मेरा देश महान!" तो महान देश के देशवासी भी महान!

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...

जब भगवान भी भेदभाव करता है तो वह क्या देखे . अमीर- गरीब ,शोषक -शोषित भी तो उसी की रचना है .
आज़ादी की हार्दिक बधाई ......

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाये और बधाई

डॉ महेश सिन्हा said...

देख तेरे इंसान की हालत क्या हो गयी भगवान
इतना बदल गया इंसान की पानी मांगे शैतान

गरीबी हटाओ नारा पुराना है
गरीब हटाओ नया जमाना है
सड़क से फुटपाथ से
गली से कूचे से जहां जहां से हटा सको हटाना है
विदेशियों को झूठी तस्वीर दिखा के रिझाना है
इसी लाल किले के प्राचीर से किया था वादा
मुंबई को शघई बनाएँगे शघई तो बना नहीं पाये
जहर के कुछ और बीज बो पाये

commonwealth का जशन हम मनाएंगे
इसी बहाने कुछ और अमीर बढ़ जाएंगे
रानी ने तो मना कर दिया आने से
हम शान से queen का डंडा उठाए हैं
कह रहे हैं डंडे के रखवाले इसमें देश की मिट्टी है
अगर इतनी ही देशभक्ति है भाई तो कोई और नाम नही मिला रखने को भाई
लेकिन कैसे बदल देते नाम डंडे के साथ इतिहास जुड़ा है
कितने देशप्रेमियों ने क्या इसी दिन के लिए डंडे खाये थे
ये भी एक इतिहास है वो भी एक इतिहास था

स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
वो सुबह कभी तो आएगी
फिर भी दिल है हिंदुस्तानी

योगेन्द्र मौदगिल said...

behtreen post bhai ji.........sadhuwaad..

प्रवीण पाण्डेय said...

हालात चिन्तनीय है, उत्सव मनाने का समय नहीं। स्वतन्त्रता पर इतरा लें और पुनः कार्य पर लग जायें।

डॉ टी एस दराल said...

जैसा भी है , देश तो अपना है । अपनी आज़ादी हमें प्यारी है । लेकिन अभी और भी जंजीरें हैं ग़ुलामी की , जिन्हें तोडना है ।

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

अगले साठ वर्षों में भी नहीं सुधरने वाली है:)

ताऊ रामपुरिया said...

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ.

रामराम.

Rahul Singh said...

सोच और अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता से ही हालात मुनासिब होंगे.

देवेन्द्र पाण्डेय said...

उम्दा पोस्ट

CARTOON CHHATTISI said...

NAMASKAR
AAPKI JITNI TAREEF KI JAYE KAM LAGTA HAI.....SHANDAR POST...

Pratik Maheshwari said...

सच ही लिखा है..
बापू की तस्वीर से आंसू वाली बात बहुत ही सही ढंग से कही आपने..
कुछ करने की चाह है पर समझ नहीं आता कि कहाँ से शुरू करें..
मार्गदर्शन की ज़रुरत है..

मेरा ब्लॉग भी ज़रूर पढ़ें..
कन्नू की “गाय” ते माँ का “Cow”

आभार..

cg4bhadas.com said...

बापू की तस्वीर से आंसू बहने की खबर फ़ैले।और अगर ऐसा हुआ तो उसे अफ़वाह मत समझना सच मे हालात ऐसे ही बन गये हैं।मुझे तो ऐसा ही लगता है आपको कैसा लगता है बताईयेगा ज़रूर्।आपकी पोस्ट की पंच लाईन इस पर सम्पादकीय लिखी जा सकती है