Tuesday, December 7, 2010
देश के सालाना बजट जितने बड़े घोटाले में अब तक़ गिरफ़्तारी न होना, जेलों में बंद सैकड़ो गरीबो के साथ मज़ाक नही तो क्या है?
देश के सालाना बजट जितने बड़े घोटाले में अब तक़ गिरफ़्तारी न होना, जेलों में बंद सैकड़ो गरीबो के साथ मज़ाक नही तो क्या है?ये सवाल कई दिनों से मेरा भेजा फ़्राई किये जा रहा है।मैं ये सोचने पर मज़बूर हो गया हूं कि समरथ को नही दोष गुसाई यूंही नही कहा गया होगा।सच मे इस देश मे समरथ यानी समर्थ लोगों को कोई फ़र्क़ नही वे पड़ता चाहे जो करें।गरीब अगर पापी पेट की भूखी भट्टी बुझाने के लिये रोटी चोरी करते पकड़ाये तो जेल मे सड़ जाता है।जमानत तक़ नही हो पाती उसकी और गरीबों को विधिक सहायता के तमाम सरकारी दावे मुंह छुपाते नज़र आते हैं।और तमाम अख़बारों की सुर्खियां बटोर रहे पौने दो लाख हज़ार करोड रूपये के स्पेक्ट्रम घोटाले मे एक से एक नाम आने के बाद भी अब तक़ कोई गिरफ़्तारी नही होना इस देश की व्यवस्था को बिना दांत-नाखून वाला शेर साबित कर रही है।मुझे समझ नही आता कि बिना टिकट साधारण श्रेणी मे रेल यात्रा करते पकड़ाने पर सीधे जेल भेज दिया जाने वाला गरीब बड़ा अपराधी है या लाखों करोड़ के घोटाले करने के बावजूद भी खुले आम घुमने वाले सफ़ेदपोश?बहुत ज्यादा गुस्सा आता है अपने ही देश की व्यवस्था पर।समरथ लोग दोष पे दोष किये जा रहे हैं और उन्हे कोई टोकने वाला तक़ नही।स्पेक्ट्रम घोटाले में कथित बड़े और बड़बोले पत्रकारों के नाम आने पर हैरानी और बढ जाती है कि जिन्हे सोसायटी का वाच डाग होना चाहिये वे चोरों के साथ खड़े हैं।पता नहीं क्या होगा?
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16 comments:
ये मज़ाक प्रजातंत्र के नाम पर चलता रहेगा।
बड़े चोर सारी सैटिंग करके चोरी करते हैं, और बेचारे गरीब तो गरीब ही हैं, कुछ नहीं होगा, जल्दी ही हमारे वैधानिक लोग शायद भ्रष्टाचार की रसीदें भी देने लगेंगे।
विकास दर की तरह भ्रष्टाचार की दर भी हमारे देश की तरक्की की निशानी है .कुछ लाख के जीप घोटाले के क्रष्णा मेनन से लेकर कुछ लाख करोड के राजा बाबू तक देखे तो हम विकसित तो हुये है
आपकी चिंता वाजिव है ...जो लोग देश को चलाने का ढोंग रचते हैं ..आम आदमी की कमाई पर ऐश आराम करते हैं ...उनके लिए अपनी जरुते बढ़कर हैं न कि देश ...आम आदमी की याद तो चुनावों के वक़्त आती हैं .....और जो लोग भ्रष्टाचार के बल पर सत्ता में पहुंचे हों ..उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है ....शुक्रिया
कानून और अपराध का रिश्ता करीबी होता ही है, निभाने के तरीके अलग हो जाते हैं.
जितने बड़े स्तर की अराजकता फैलायी है इन घोटालों ने, देश भर की जेलों का समेमिलित अपराध भी नगण्य है उसके आगे।
बहुत ही शर्म की बात है... धीरे-धीरे हमारे देश के लिए भी पुरानी कहावत "अंधेर नगरी चौपट राजा" वाली कहावत चरितार्थ होती जा रही है. हर ओर भ्रष्टाचार / मिलावट जैसे घिनौने कार्यों के द्वारा पैसा कमाने की अंधी दौड़ लगी हुई है....
प्रेमरस.कॉम
कितने घोटाले छोटे या बड़े कितनों को सजा हुई अब तक ? आपका आक्रोश जायज़ है !
एकदम सटीक बयानी की है ,लेकिन सर्कार जिन लोगों के चंदे से बनी है उन्ही का तो बचाव करेगी.
दरिद्र नारायण तो कहने की बातें हैं ,लोग करते उसका उल्टा ही है.
अब घपलों पर जेल होने लगी तो सारे नेता अंदर समझो! तो फिर राज कौन करेगा:)
जिस देश की जनता सोई रहती हो उस देश को कोई भी लूट सकता है..
अनिल जी, जब कानून ही समरथ को बचाने के लिए बने हुए हो तो फिर कोई उन पर कैसे कार्यवाही कर सकता है। ये सारे कानून अंग्रेजों द्वारा बनाए गए हैं जिसमें राजा और प्रजा के लिए अलग कानून थे। हमने उन्हें ज्यों का त्यों ले लिया तो अब राजा याने नौकरशाह और राजनेता तथा प्रजा याने हम सब। इसलिए मैं तो बार बार में लोकपाल विधेयक की बात करती हूँ जिसमें सभी कानून के दायरे में आ जाएंगे। लेकिन क्या इसे नौकरशाह और राजनेता पारित होने देंगे? आप लोग इस बारे में दवाब बनाइए तब कुछ होने की सम्भावना बन सकती है।
din b dil halaat bigad rahe hain.. pata nahi kab koi badlaav aayega
यहाँ तो ऐसे ही चालेगा ....
सुदूर खूबसूरत लालिमा ने आकाशगंगा को ढक लिया है,
यह हमारी आकाशगंगा है,
सारे सितारे हैरत से पूछ रहे हैं,
कहां से आ रही है आखिर यह खूबसूरत रोशनी,
आकाशगंगा में हर कोई पूछ रहा है,
किसने बिखरी ये रोशनी, कौन है वह,
मेरे मित्रो, मैं जानता हूं उसे,
आकाशगंगा के मेरे मित्रो, मैं सूर्य हूं,
मेरी परिधि में आठ ग्रह लगा रहे हैं चक्कर,
उनमें से एक है पृथ्वी,
जिसमें रहते हैं छह अरब मनुष्य सैकड़ों देशों में,
इन्हीं में एक है महान सभ्यता,
भारत 2020 की ओर बढ़ते हुए,
मना रहा है एक महान राष्ट्र के उदय का उत्सव,
भारत से आकाशगंगा तक पहुंच रहा है रोशनी का उत्सव,
एक ऐसा राष्ट्र, जिसमें नहीं होगा प्रदूषण,
नहीं होगी गरीबी, होगा समृद्धि का विस्तार,
शांति होगी, नहीं होगा युद्ध का कोई भय,
यही वह जगह है, जहां बरसेंगी खुशियां...
-डॉ एपीजे अब्दुल कलाम
नववर्ष आपको बहुत बहुत शुभ हो...
जय हिंद...
आपको तथा आपके परिवार के सभी जनों को वर्ष २०११ मंगलमय,सुखद तथा उन्नत्तिकारक हो.
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