कांटे की टक्कर में भारत का पलड़ा भारी रहा और उसने परंपरागत विरोधी पाकिस्तान को रोमांचक मुक़ाबले में हरा कर फ़ायनल से बाहर का रास्ता दिखा दिया और खुद फ़ायनल मे खेलने की जगह पक्की कर ली।क्वार्टर फ़ायनल की जीत के बाद से ही क्रिकेट के वर्ल्ड कप को जीतने के लिये भारतीय टीम को आसमान पर बिठाने का सिलसिला मीडिया ने शुरू कर दिया था और इस कदर उसे हवा दी कि ऐसा लगने लगा कि भरत और पाकिस्तान के बीच सेमीफ़ायनल मैच नही होना है बल्कि युद्ध होने वाला है।उस मैच के प्रचार-प्रसार के दौर में राष्ट्रभक्ति के नाम पर जितनी भावनाये भारत के पक्ष में जागी उस से कंही कई गुना ज्यादा नफ़रत भी फ़ैल गई।
वो त्तो ईश्वर का लाख-लाख शुक्र है कि भारत जीत गया वर्ना हालात सम्भाले नही सम्भलते।भारत की जीत के लिये कंही यज्ञ हो रहा है तो कंही महा आरती,कंही मज़ारों में चादर चढाई जा रही है तो कंही मंदिरों में भोग लगाये जा रहे थे।चारो ओर से एक ही आवाज़ आ रही थी कि भारत को जीतना चाहिये।यंहा तक़ तो ठीक था मगर अपनी जीत के साथ-साथ पकिस्तान की हार के लिये मिन्नत,मन्नौतियां समझ से परे थी।
जीत के बाद पटाखे फ़ोड़ने का जो दौर शुरू हुआ वो देर रात तक़ चला।चारों ओर खुशियां ही खुशियां थी।एक दूसरे को बधाई देने का सिलसिला भी शुरू हो गया,राकेश भी मिला,वो भी इस बात पर अड़ा हुआ था कि पाकिस्तान को हराना बेहद ज़रूरी था।
खैर हम लोगों के आपसे में ही एक दो बार तनाव की स्तिथी बन गई थी। चारों ओर से बढते दबाव के बीच मैच देखते समय युवराज सिंह का पहली ही गेंद पर आऊट हो जाना हम दोस्तो के बीच तनाव का कारण बन गया था।और फ़िर बाद में जब पाकिस्तान ने खेलना शुरू किया और शुरूआत मे उसकी स्तिथी मज़बूत दिखाई देने लगी तो सभी तनाव मे नज़र आने लगे।
गनीमत है कि मैच का अंतिम रिज़ल्ट भारत के फ़ेवर में आया वर्ना सोचिये जीत के जश्न में जो जोश और जुनून क सैलाब उमड़ता-घुमड़ता दिखाई दिया वही हार के बाद अवसाद में बदल जाता।और तब ये कल्पना करना भी कठीन होन जता की हार का कार्ण बनने वाले खिलाड़ी के साथ क्या गुज़रती ।बहुत से लोगों का गुस्सा शायद फ़ुट पड़ता और वो एक खराब संकेत देता समाज को लोगों को।बहर हाल भारत जीत गया है लेकिन अभी भी मेरा सवाल है कि अगर भारत हार जाता तोन क्या उस जीत को हम उतनी ही खिलाड़ी भावना से ले सकते थे।अच्छा हुआ भारत जीत गया भगवान वर्ना ……………………………।
12 comments:
भारत की जीत पर सभी देश भक्तो को बधाई राहुल ,सोनिया ने दोनों हाथो की मुठिया बांध कर ताकत ख़ुशी का इजहार किय
अब हर भारतवासी का नारा है...
हटो हटो, ए श्रीलंका वालों, वर्ल्ड कप हमारा है...
जय हिंद...
जी मैंने तो कई पाकिस्तानी और हिन्दुस्तानी दोस्तों के साथ बैठकर मैच देखा यहाँ.. उन्होंने जहाँ एक तरफ सचिन के बाउंड्री लगाने पर ताली बजाई वहीँ उसके आउट होने पर भी.. कुछ-कुछ हमने भी वैसा ही किया, ये अलग बात है कि हारने पर उनके मुँह लटके हुए थे, लेकिन हमारे बीच कोई झगड़ा नहीं हुआ.. यही खेल-दर्शक भावना है.. :P
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Dipak Mashal
aapne bahut sahi kaha par
हमें तो आज शर्म महसूस हुयी ..भारत की जीत की ख़ुशी उड़ गयी ... आपकी नहीं उडी तो आईये उड़ा देते है.
डंके की चोट पर
चलिये..अब तो जीत ही गये... बधाई..
खेल तो खेल ही रहना चाहिये...
इस जीत की बधाई हो सबको।
हुरररररररररे!!!!!! हम जीत गए!!!!!!!!!
बहुत-बहुत मुबारक हो!!! सबको मुबारक हो!!! पाकिस्तान को भी मुबारक हो!!! :-) :-) :-) :-) :-)
सही कह रहे हैं खुशदीप भाई....... हटो, हटो, ऐ श्रीलंका वालों, वर्ल्ड कप अब हमारा है...
धूम-धूम धडाम-धडाम धम्म-धम्म टूंश, फूंश, भड-भड-भड-भड... धिनशा-धिनशा.... फटाक-फटाक... धडाम-धडाम... ठाँ-ठाँ-ठाँ-ठाँ
[यह वोह बम्ब-पठाखे हैं जो रात जलाएं हैं :-) :-) :-) ]
dushera maanaen ki tyarri karey
2 taarikh ko mumbai mae
अगर हार जाता तो
नाक कट जाती क्या????? :)
जहां करना चाहिये वहां कुछ नहीं करते. ये तो चैनलों द्वारा भटकाने जैसी प्रक्रिया थी...
कुछ कुछ आशंकित तो हम भी थे...
मनमोहन की उपस्थिति की वजह से हम भी आशंकित थे, कि कहीं "सेकुलरिज़्म" और "विश्व बन्धुत्व" का दौरा न पड़ जाये… :)
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