Monday, May 2, 2011

विकास के नाम पर तोड़-फ़ोड़ और पेड़ काटना क्या जायज है?आखिर कब तक़ चलेगा ऐसा?

एक छोटा सा सवाल जो हमारे शहर रायपुर के लिये बड़ा महत्व रखता है। हमारा शहर राज्य बनने के बाद राजधानी बन गया,और अब उसे राजधानी के अनुरुप बनाने के नाम पर जम कर तोड़फ़ोड़ हो रही है चौड़ी करण के नाम पर पेड़ काटे जा रहे हैं,क्या ऐसा कर्ने के पहले कोई ठोस और दीर्घकालिक योजना बना कर काम करना ज़रुरी नही?ये आज बनाओ कल तोड़ो,फ़िर बनाओ,फ़िर तोड़ो,आखिर कब तक़ चलेगा ऐसा?

5 comments:

Unknown said...

bhaai ji aap ek baar C.M. ban jaao fir dhang se kaam karke dikhao...toh in akl ke andhon ki aankh khulegi

प्रवीण पाण्डेय said...

हम पेड़ काट कर विकास कर लेते हैं, पर्यावरण सब भूल जाते हैं।

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

`ये आज बनाओ कल तोड़ो,फ़िर बनाओ,फ़िर तोड़ो,आखिर कब तक़ चलेगा ऐसा?'

jजब तक बजट है :)

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

पहले तालाब खोदा जाता है, फिर बन्द किया जाता है, फिर दुबारा खोला जाता है. यही तो महत्ता है...
ये तो सब अफसरशाहों की महिमा है...

shubham news producer said...

ye sab apna jeb garam karne ka project hai. ane wale pidi ko batana ho ga ki kabhi hamare sahar mein bhi hariyali tha..