शिक्षक दिवस पर बहुत से बधाई संदेश मिले।एक एसएमएस मेरे प्रिय और छोटे भाई जैसे उचित का भी मिला।छोटे से एसएमएस मे बहुत बड़ी बात कही गई थी।मुझे लगा कि आपसे भी उसे बांट लिया जाये।उचित ने लिखा था कि हमे टाईगर और टीचर को बचाना चाहिये…… क्योंकि अधिकांश पालक नही चाहते कि उनका बच्चा टीचर बने।सभी बच्चों को डाक्टर,इंजिनीयर बना कर महंगे-महंगे पैकेज में बेचना चाह्ते हैं।टीचरों के भरोसे बच्चों का भविष्य बनवाने वाले नही चाह्ते कि बच्चे भविष्य में टीचर बने।बात में दम तो है।
5 comments:
टाइग्रर के तो फिर भी चांस हैं पर टीचर की कोई गारंटी नहीं... स्कूलों को धंधा बना कर बैठे लोगों ने तो रही सही क़सर भी पूरी कर दी
अच्छे शिक्षक पर सब चाहते हैं बच्चों के लिये।
बेहतरीन संदेश।
सच कहा। और इसके पीछे कारण यह है कि पहले गुरू थे..... बाद में शिक्षक बन गए .... और फिर शिक्षाकर्मी..... ऐसे में कौन पालक अपने बच्चों को इस क्षेत्र में आने देना चाहेगा।
कल शिक्षक दिवस के अवसर पर बोलते हुए कॉमन असेम्बली में हमारी प्रधानाचार्या ने ये ही सवाल सभी बच्चों से पूछा ..कितने बच्चे शिक्षक बनना चाहते हैं ?...१२०० छात्रों के स्कूल में से किसी का स्वर या हाथ नहीं उठा...शायद अब यह एक ग्लोबल समस्या है .
राष्ट्र निर्माण करना हो तो आम भारतीय की सोच में परिवर्तन लाना होगा और प्राइमरी शिक्षा को उसका खोया गौरव लौटाना पडेगा। निम्न आलेख में देखिये कितने अमेरिकी बच्चे प्राइमरी शिक्षक बनना चाहते हैं:
अमेरिका में शिक्षा
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