Sunday, December 25, 2011

क्या आरएसएस-भाजपा से संबद्ध होना पाप है?तो फ़िर ये बात तो दिग्विजय सिंह के सगे भाई लक्ष्मण सिंह पर लागू क्यों नही होती?वे तो सांसद भी रहे हैं इसी अछूत पार्टी से!

अन्ना नानाजी देश्मुख के साथी हैं!अन्ना आरएसएस के एजेण्ट है!अन्ना क्या हैं,ये सब को पता है लेकिन आज से पचास साल पहले एक बार अन्ना ने नानाजी के साथ बैठक की थी ,ये सब अचानक याद नही आता है कांग्रेसियों को!जब अन्ना अनशन पर बैठते है बस तभी याददाश्त के पन्ने पलटने लग जाते है सबके सब।अब क्या इस देश में आरएसएस का कार्यकर्ता होना क्या राष्टद्रोह है?क्या संघ इस देश में प्रतिबंधित है?आखिर उसे इतना अछूत क्यों बताया जा रहा है?क्या एक कार्यकर्ता के कारण इतने सालो तक़ उसी आरोप की रोटी सेकी जायेगी?तो क्या कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कभी कुछ किया ही नही?क्या एक महिला को तंदूर में भूनने वाले की पार्टी के लोग फ़िर पाक साफ़ कैसे हो सकते है?क्या आरएसएस-भाजपा से संबद्ध होना पाप है?तो फ़िर ये बात तो दिग्विजय सिंह के सगे भाई लक्ष्मण सिंह पर लागू क्यों नही होती?वे तो सांसद भी रहे हैं इसी अछूत पार्टी से?क्या आरएसएस के मुख्यालय नागपुर जाना भी उससे संबंध होने का कारण हो सकता है?मैं तो साल में चार-पांच बार जाता हूं,तो क्या मै भी आरएसएस का एजेंट हूं?इस तरह की मूर्खता पता नही क्यों ये कांग्रेस के चापलूस कर रहे हैं।उन्हे अन्ना पर आरोप लगाना भी नही आ रहा है,कोई कह रहा है कि वे भारत-पाक युद्ध के भगोडे हैं!फ़िर मांगेंगे माफ़ी जैसे एक बडबोले पहले मांग चुके है!फ़िर आखिर उन्हे अन्ना के अनशन से इतना गुस्सा क्यों आता है?जब वे कहते हैं कि उनके कहने से कोई फ़र्क़ नही पड़ता तो करने दे अन्ना को अनशन,ये ये इतना बौखला क्यों जाते हैं?

4 comments:

उम्मतें said...

अनिल भाई ,
आप ब्लागजगत में एकमात्र ऐसे ब्लागर हैं जो पोस्ट जितनी लम्बाई वाले टाइटिल डालते हैं :)

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

जो लोग चाहते हैं वही उन्हें मिल रहा है. अधिसंख्यक आंखें मूंदे बैठे हैं किसी शुतुरमुर्ग की तरह.

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

अनिल जी , मैं तो यही सोच-सोचकर हैरान होता रहता हूँ कि यदि ये लोग राष्ट्र हित की सिर्फ एक बात करने पर ( यानी कि भ्रष्टाचार हटाने पर ) इतने सारे छलावे और प्रपंच कर सकते है तो सोचिये कि इन चाटुकार, भ्रष्ट लोगो ने पिछले ६५ सालों में अपना उल्लू सीधा करने के लिए क्या क्या गुल नहीं खिलाये होंगे, भ्रष्ट तो ये पैदाइशी थे, मगर पिछले ७ महीनो में इन्होने ये साबित कर दिया ( जो किसी से अनदेखा भी नहीं है) कि ये अपने फायदे के लिए किसी भी हद तक जा सकते है! अब यह भी स्पस्ट हो गया है कि इन्होने कुछ समय पहले से ही आर एस एस को आतंकवादी संघठन घोषित करने की मुहीम क्यों छेड़ी थी ? वह इनकी इसी नीति का एक हिस्सा थी, ताकि कोई अगर आपके जैसा प्रश्न उठाये तो उसका जबान इन्हें न देना पड़े ! इमानदारी का ढोंग रचने वाला ही सबसे बड़ा भ्रष्ट है ! कभी सोचता हूँ कि अन्ना अगर शादी शुदा होते और उनका परिवार होता तो ये लोग तो .....................

इस एक खबर पर नजर डालिए ;कई कांग्रेसियों की भी है नानाजी के साथ तस्वीरें

केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा का अन्ना पर दिया बयान अब उनके और कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। रविवार को एक अखबार में नानाजी के साथ अन्ना की तस्वीर छपने के बाद बेनी ने कहा था कि अन्ना संघ और बीजेपी के एजेंट हैं लेकिन उसके बाद कांग्रेसी नेताओं की नानाजी के साथ मीडिया में तस्वीरें आ गईं।

इनमें नानाजी के साथ यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता नरायणदत्त तिवारी, पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम और कांग्रेसी नेता बलराम जाखड़, एसपी प्रमुख मुलायम सिंह यादव और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मोतीलाल वोरा की तस्वीरें शामिल हैं। अब बेनी प्रसाद जी से यही सवाल है कि अगर नानाजी के साथ अन्ना का नजर आना अन्ना को संघ और बीजेपी का एजेंट बना सकता है तो फिर बेनी प्रसाद जी कांग्रेस के इन वरिष्ठ नेताओं को किसका एजेंट कहा जाएगा।

दीपक बाबा said...

बिलकुल सही कथन है आपका..

वैसे आजकल हर वर्ग की नहीं परिभाषा अपने स्वर्थानुसार तय हो रही हैं.