Sunday, May 13, 2012

मां के साथ अगर रह रहे हो तो मदर्स डे मनाने की तो बिल्कुल भी गरज़ नही है.

मोबाईल बार बार एसएमएस आने के संकेत दे रहा था.देखा तो पता चला आज मदर्स डे है.मुझे तो खैर इसका अंदाज़ा था नही सोचा चलो आई(मां)को बधाई दे दूं.आई के पास गया तो दोनो छोटे भाई उनके पास बैठे थे.मैने सीधे सीधे बधाई देने की बजाये सुनील और सुशील से पूछा कि तुम लोगो ने बधाई दे दी क्या?वे दोनो हंसे और उनसे पहले आई ने कहा कि जब तक़ तुम तीनो भाई एक साथ मेरे साथ रहोगे मेरे लिये हर रोज़ मदर्स डे होगा.इससे बडा तोहफा और कुछ नही सकता कि तुम लोग इतने सालों से एक साथ रह रहे हो.वरना लोग तो आजकल एक मकान में रह कर अलग अलग रहते है.हम लोग भी हंस पडे मैने कहा कि लेकिन हम लोग तो लडते झगडते हैं.तो क्या हुआ?वो तो तुम लोग बचपन से लड झगड रहे हो बल्कि आजकल तो मारपीट भी नही होती.और उसके बाद हम सब हंस पडे.लगा कि मां के साथ अगर रह रहे हो तो मदर्स डे मनाने की तो बिल्कुल भी गरज़ नही है.

7 comments:

Smart Indian said...

:)

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बच्चे साथ रहें और आपस में बोल बतिया कर रहें तो माँ के लिए तो हर दिन ही मदर्स डे है ...

Rahul Singh said...

एकदम वाजिब.

प्रवीण पाण्डेय said...

सच है, यदि माँ साथ है तो प्यार बरस ही रहा है।

Khushdeep Sehgal said...

इन पंक्तियों का फ़र्क देखिए...​
​​
​मेरी मां मेरे साथ रहती है...​
​​
​या ​
​​
​मैं अपनी मां के साथ रहता हूं...​
​​
​जय हिंद...

Sawai Singh Rajpurohit said...

सुंदर अभिव्यक्ति...

मेरा मन पंछी सा said...

बहुत ही अच्छी बात कही है..
सुन्दर पोस्ट:-)