Saturday, June 23, 2012

जवानी ओ दीवानी तू ज़िंदाबाद.बुढापा तो आज सच में डरा रहा है,एक सुपर स्टार का बुढापा देख कर लग रहा है कि टाईम आ ही रहा है अपना भी.

बडा डर सा लगने लगा है,कुछ कुछ श्मशान वैराग्य सा भी,राजेश खन्ना की हालत देख कर.अपने ज़माने में ज़माने को दीवाना बना देने वाले की लाचारगी देख कर उन पर फिल्माया गया गाना बहुत याद आ रहा है जवानी ओ दीवानी तो ज़िंदाबाद.आगे बुढापा सयाना,पता नही कब उनपर बेताल की तरह सवार हो गया.बुढापे का बोझ उन्हे इस कदर तोड देगा इस बात की कल्पना मात्र सिहरन भर गई है.सुपरस्टार क्या होता है कैसा होता है ये राजेश खन्ना ने ही बताया था.मुझे बहुत ज्यादा तो पसंद नही रहे लेकिन उनकी फिल्मे देखता जरूर रहा हूं.उस दौर में सिनेमा हाल में पहली बार 6 शो में फिल्मे लगने लगी थी और रायपुर जैसे छोटे शहर में एक साथ दो दो थियेटर में.शहज़ादा,दुश्मन,सच्चा झूटा,अजनबी,दाग,रोटी,सफर,आनंद,अमर प्रेम,आराधना लिस्ट बडी लम्बी है सुपर हिट फिल्मो के नामों की.हर फिल्म को देख्नने के पहले पहला शो देखने के लिये दुनिया भर के बहाने और प्लानिंग के साथ जाते थे सिनेमा हाल.सुबह 6 बज़े वाले शो की टिकट के लिये रात भर लाईन में खडे रहने का जुनून राजेश ख्नन्ना के दीवानो के सिर पर चढ कर बोलता था.कमीज का फट जाना,बटन का टूटना,हाथों मे खरोंच वैगेरह मामूली बात थी.बस किसी तरह पहला शो देखना और उसके बाद स्कूल में खाली पीरियड में स्टोरी सुनाना.सच में क्या ज़माना था.हालांकि मैं उनका दिवाना या फैन नही था इसलिये उनके हेयर स्टाईल और कुर्ते की कापी नही की मैने,मगर अधिकांश दोस्तो के बाल लम्बे हो गये और बीच से थोडी सी मांग के बाद पीछे कोरे गये बाल.वाह क्या दीवानगी थी.मेरे खयाल से साधना कट के बाद किसी फिल्म स्टार का हेयर स्टाईल इतना पाप्यूलर हुआ बाद में जरुर बच्चन कट ने उन्हे पछाड दिया लेकिन राजेश खन्ना का ज़माना सुनहरा दौर था रोमांटिक फिल्मों का.शोहरत का ताज़ सर पर चढ कर बोलता रहा काका के.यंहा वंहा सारे जंहा में तेरा राज है,तेरे ही सर पर मोहब्बत का ताज़ है,जवानी ओ दीवानी तू ज़िंदाबाद.बुढापा तो आज सच में डरा रहा है,एक सुपर स्टार का बुढापा देख कर लग रहा है कि टाईम आ ही रहा है अपना भी.

2 comments:

Smart Indian said...

समय का खेल निराला रे भाई ...

प्रवीण पाण्डेय said...

बुद्ध का भी मार्ग ऐसे ही गुजरा था..