Wednesday, September 19, 2012

विदर्भ में भी अष्टविनायक है

गणपति बाप्पा मोरया,मोरया रे बाप्पा मोरया रे.गणपति के धूम मची हुई है और गणपति के भक़्त लीन है बाप्पा के स्वागत में.हमारे घर भी बाप्पा विराजे हैं.गणपति का नाम आते ही अष्टविनायक भी याद आ जाते हैं.पश्चिम महाराष्ट्र में गणपति के आठ प्रख्यात मंदिर है.मुम्बई,पुणे,रत्नागिरी के आसपास है सब.मुझे अष्टविनायक वंही है यही पता था कुछ सालो पहले तक.पर काफी समय पहले नागपुर के पास आदासा नामक गांव में जब...
गणपति के दर्शन किये तो पता चला कि विदर्भ में भी अष्टविनायक है.हालांकि उनका प्रचार प्रसार बहुत ज्यादा नही है पर लोगो को जानकारी है जरुर.मै भी आदासा में इस बात की जानकारी मिलने पर अब तक अष्टविनायक में से सात के दर्शन कर चुका हूं बस एक के दर्शन शेष हैं.
मैं आपको बता दूं विदर्भ के अष्टविनायक के बारे में.एक गणपति तो नागपुर के रेलवे स्टेशन के ठीक सामने विराजमान है.टेकडी वाले गणेश के नाम से प्रसिद्ध गणपति के सचिन तेंदुलकर भी भक़्त है.नागपुर से लगभग 30 किमी दूर स्थित है आदासा में गणपति.इतनी विशाल प्रतिमा शायद ही और कंही स्थापित हो.नागपुर के ही करीब प्रसिद्ध तीर्थस्थल रामटैक में है अष्टदशाभुज गणपति.सफेद संगमरमर के गणपति का मंदिर प्रसिद्ध राम टेकडी के ठीक पीछे है.रामटेक से आगे भण्डारा में है भ्रूशुण्ड गणपति.भण्डारा ज़िले के ही पवनी में है पंचमुखी गणपति.नागपुर से वर्धा रोड पर केलझर नामक छोटै से गांव की पहाडी पर विराजे है अष्टविनायक .नागपुर यवतमाल रोड पर कलंब नामक गांव की एक बावडी में बना है चिंतामणि गनपति का मंदिर.बताया जाता है कि बावडी में स्थित कुंऎ का पानी हर बारह साल में अपने आप उपर आता है और गणपति का स्पर्श कर वापस लौट जाता है.और भद्रावती चंद्रपुर के पास स्थित है गणपति का मंदिर.बस विदर्भ के अष्टविनायको में से इसी का दर्शन लाभ मुझे नही हो पाया है.सो गणपति के भक़्त जिन्हे जानकारी ना हो वे मुम्बई के आसपास के अष्टविनायक के बजाये यंहा भी दर्शन लाभ ले सकते है.बोलो गणेश भगवान की जै.

2 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

जय गणेश देवा..

Asha Joglekar said...

विदर्भ के अष्टविनायक मंदिरों के बारे में जान कर अच्छा लगा । हमने हाल ही में 2-3 साल पहले अष्टविनायक यात्रा की । दो दिन में यह यात्रा आराम से हो जाती है ।