त करना उनका काम ही नही है. मनमोहन सिंह भी कह चुके है कि मुझे कुछ नही पता.राहुल और राबर्ट तो खैर गलत कर ही नही सकते.ये गलत नही,वो गलत नही.तो फिर साला गलत कौन है?वो सडक पर दिन भर रिक्शा खिंचते खिंचते थक कर सुस्ताने वाला कल्लू.जिसे जब चाहे पोलिस वाला गालियां बक कर भगा देता है ट्रेफिक की दुहाई देकर.और वंही बगल में खडी चमचमाती कार के चालक मालक को गाली देना तो दूर उन्हे सलाम बज़ा देता है.वो लोगो के घरो में झूठे बर्तन मांझने वाला दुखिया,जो रात को थाली में छोडी गई रोटियां छिपा कर ले जाते समय पकडा जाती है.दुनिया भर की गालियां और लात घूंसे खाकर नौकरी से भी हाथ धो देती है.वो चौक चौराहो पर फलालेन के टुकडे बेचता बच्चा,जो स्कूल चलो जैसे सरकारी इश्तहारों का मज़ाक उडाता नज़र आता है.गलत कौन है मेहनत कश किसान जो अपनी फसल के दाम तक़ खुद तय नही कर पाता और कर्ज़ में डूब कर मर जाता है.गलत कौन है मेहनत कश मज़दूर जिसके गाढे पसीने और खून से मुनाफे की रोटियां तर की जा रही है.गलत कौन है,महंगाई से जूझता रामलाल,जो अपने परिवार को ढंग से पाल भी नही पा रहा है.श्रवंण कुमार जो बुज़ुर्ग मां बाप को हर साल तीर्थयात्रा पर ले जाने के झूटे सपने दिखा रहा है.सरकारी स्कूल का मास्टर जो अपनी बेटी के लिये रोज़ आने वाले रिश्तो को दहेज़ के अभाव में टूटते देखता है.अधेड हो चली बह्न का ब्याह पहले करने का बहाना बनाते बनाते रिटायर होने वाला है.पता नही इस देश में गलत कौन है?अगर ये सब गलत नही है तो फिर काहे राजा,कलमाडी और कन्नीमोई को जेल में ठूंसा?गरीब क्या मर गये है इस देश में?ठूसो सालो को जेल में.ढंग से जी नही सकते तो कम से कम ढंग से मरे तो.
5 comments:
जनता ही गलत है, नेता तो कभी गलत हो ही नहीं सकता और न कारोबारी गलत हो सकते हैं. कल ये लोग देश को बेचकर खा भी जायं तो यही कहेंगे कि 'हमने तो अच्छे दामों में बेचा, उपकार किया, कोई और होता तो सस्ते में बेच देता...'
पता नहीं, तब कौन दोषी है..
गलत वो हैं जो बेबस हैं:(
जनता दोषी है जो इन्हें चुना.
अब तो बस न्यायालयों का सहारा है.. वो कुछ करें तो बात बने...
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