Monday, August 17, 2015
बस्तर में नकस्लियों ने स्वतंत्रता दिवस नही काला दिवस मनाया
बस्तर में नकस्लियों ने स्वतंत्रता दिवस नही काला दिवस मनाया।उनका खौफ़ इतना कि स्कूलों में घुस कए वे तिरंगा फ़हराते रहे पर मजाल कि कोई विरोध करता।एक नही स्कूलों में नक्सलियों ने काला झण्डा फ़हराया और क्रांतिगीत गाये।हैरानी की बात तो ये कि ये शर्मनाक घटना ब्लाक मुख्यालय से महज कुछ दूर स्थित स्कूल मे भी हुई।सरकार चाहे लाख दावा करे कि बस्तर में नक्सलियो का कोई प्रभाव नही पर वस्तुस्थिति स्पष्ट हो गई है।वंहा इस बात से कोई इंकार नही कर सकता कि सुदूर इलाकों में उन्होने समानांंतर व्यवस्था कायम करने में सफ़लता हासिल कर ली है।ये किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में राज्य के लिये शर्म की बात है कि उनके राज्य में सरकारी शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रध्वज न फ़हराया जाये बल्कि काला झण्डा फ़हरा जाये,सच में ये न केवल बस्तर बल्कि छत्तीसगढ,बल्कि भारत के लिये भी शर्मनाक घटना है।ये नक्स्लियों की चेतावनी नही बल्कि खतरनाक इरादों के सकेत है और अगर सरकारें अब भी नही जागी तो फ़िर सिवाय हाथ मलने के कोई कुछ नही कर पायेगा।
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