Saturday, October 17, 2015
हद है सेलेक्टिव्ह सेक्यूलरिज़्म की सेलेक्टिव्ह सेक्यूलरिज़्म की
लालू कहे मां शेरावाली तो कुछ नही और अगर किसी भाजपा नेता ने कह दिया होता तो अभी तक़ तो धर्मनिरपेक्षतावादी पानी पी पीकर धर्म के दुरुपयोग की दुहाई देते देते थक गये होते.अभी तक हिंदू वोटरों को लुभाने का आरोप लग जाता और वो बढकर देश को बांटने तक पंहुच जाता.मगर मां शेरावाली ने बचाया है कहने वाला कोई भाजपाई नही लालू प्रसाद यादव थे इसलिये मामला साम्प्रदायिक सौहाद्र को बिगाडने वाला नज़र नही किसी को भी.हैरानी की बात है कि लालू प्रसाद यंहा तक़ आरोप लगा बैठे की भाजपा के लोगो ने तंत्र मंत्र से पंखा गिराने का आरोप जड दिया और ये भी किसी बुद्धीजीवी और धरनिर्पेक्षता के स्वयंभू ठेकेदारों व मीडिया को भी नही नज़र आया.कम से कम अंधविश्वास बढाने के नाम पर तो लालू को आडे हाथों लेते मगर ये सब कैसे करते,सवाल बिहार के चुनाव भी तो हो रहा है.हद है भाई इस देश में अगर कोई भाजपाई राम का नाम लेता है तो साम्प्रदायिकता और दूसरा कोई ताबीज लहराये मां शेरावाली की जयकार करे तो कुछ नही.दोगलाई की हद है.शर्मनाक है ये सेलेक्टिव्ह सेक्यूलरिज़म या सेलेक्टिव्ह जर्नलिज़्म.
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1 comment:
बहुत ही उम्दा भावाभिव्यक्ति....
आभार!
इसी प्रकार अपने अमूल्य विचारोँ से अवगत कराते रहेँ।
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
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