एक बार फिर छत्तीसगढ़ के सबसे सीनियर आईएएस अफसर बी.के.एस.रे मुख्यसचिव नहीं बनाये गये । उनकी जगह उनसे जूनियर आईएएस अफसर पी.जॉय उम्मेन को मुख्य सचिव बना दिया गया। बी.के.एस. रे की गलती सिर्फ इतनी है कि वे ईमानदार है और खालिस यस मैन नहीं है।
ऐसा बी.के.एस रे के साथ पहली नही दूसरी बार हुआ है। पिछली बार भी उनका हक मार कर उनसे जूनियर शिवराज सिंह को वो पद वफादारी के इनाम के तौर पर दिया गया था। तब भी बीकेएस रे खामोश बैठ गये थे और अगली बारी का इंतजार कर रहे थे। और इस बार भी उनके साथ वही हुआ।
नये मुख्य सचिव की नियुक्ति के कुछ दिन पहले राजधानी के एक अखबार ने बीकेएस रे के खिलाफ मेडिकल सीट के लिये बीस लाख रूपये मांगने की खबर छाप दी। यह एक बहाना भर बस था। रे ने इसके खिलाफ अपने संघ में और डीजी पुलिस तक से जांच की मांग कर डाली थी। लेकिन हुआ कुछ नहीं और जो होना था वही हुआ। उनकी जगह अब जॉय उम्मेन मुख्य सचिव होगे।
शिकायतकर्ता अजय अग्रवाल का अता-पता नहीं मिल पा रहा है और न ही खबर छपने के बाद वो सामने आया है। कुल मिलाकर देखा जाये तो कुछ अफसरों की मिली भगत से उस पत्रकार ने एक खबर प्लांट की और सब कुछ उनके अनुसार होता चला गया। इस बात से आईएएस अफसरों का एक गुट काफी नाराज है। लेकिन उनकी नाराजगी के कोई मायने नहीं है क्योंकि सत्ता की नाराजगी का नतीजा वो बीकेएस रे के रूप में देख ही रहे है।
6 comments:
ऐसा ही हुआ था किरन बेदी के साथ दिल्ली में!!
अनिल जी मेरे पिता जी ने ४०,४५ साल सरकारी नोकरी की, जिस पोस्ट से शुरु की थी उसी पोस्ट से रिटायर हुये थे,जब की उन के बाद आये लोगो ने बहुत ही तरक्की कर ली, ओर चार चार कोठिया परिवार के हर सदस्य के नाम बनवा ली,५ साल मेने भी भारत मे नोकरी की हे मे इस आई ए एस अफ़सर की सजा मासुस कर सकता हु, लेकिन मुझे मान हे ऎसे ओफ़िसर पर जो दुम हिलाउ नही बना, अपना जमिर नही बेचा, सलाम हे इन्हे, ओर आप का धन्यवाद यह खवर देने के लिये
ईमानदार को भी इण्टर्नल राजनीति खेलना आना चाहिये।
पर भ्रष्ट तंत्र में आप जो कह रहे हैं, सम्भव है।
अनिल जी,
हमारे एक मित्र कहा करते थे कि पहले तो इमानदार होना सिर्फ़ कठिन था अब तो खतरनाक भी हो गया है. उनको इमानदारी की वजह से काफी तकलीफें उठानी पडी थीं. सारे इमानदारों के साथ ऐसा नहीं होता है मगर इतना तो सच है कि इमानदारी से जीने के लिए बहुत जीवट चाहिए. ख़बर के लिए बधाई.
dhanyawaad aap sabhi ka jo mere blog par aaye aur meri bhawna ko samjha.aapki pratikriya mera hausla badhati hai,umeed hai aapka pyar aur wishwaas mujhe hamesha milta rahega
अब ईमानदारी की कोई कीमत नहीं रही। उल्टे उसके लिए मुश्किलों का सामना करना पड रहा है।यह घटना भी इसी बात को कह रही है।
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