Wednesday, August 6, 2008

बधाई हो बापू आपकी टोपी बच गई।

कांग्रेस सेवादल ने अपना चोला बदल लिया। सेवादल ने देशी गांधी टोपी को त्याग कर विदेशी कैप पहनना तय कर लिया है। ये खबर कांग्रेस के लिए पता नहीं कितनी अच्छी होगी लेकिन बापू और उनके सच्चे चाहने वालों के लिए बहुत अच्छी खबर है।

आजादी के पहले से लेकर आजादी के बाद भी बापू को कांग्रेस अपनी प्राईवेट प्रापर्टी मानती रही है। आजाद होने के बाद से आज तक कांग्रेस बापू के नाम पर वोट मांगती आ रही है और अपने प्रतिद्वंदी को बापू का हत्यारा ठहराकर राजनितीक रोटियां सेंकती आ रही है। बापू आप तो देश को आजाद करा कर चले गये लेकिन क्या आप को पता है देश का क्या हाल हो गया है ! आप का स्वदेशी पता नहीं कहां है और देशी के नाम पर तो सारा देश सिर्फ देशी दारू को ही जान रहा है। जितने बड़े अस्पताल, स्कूल, कॉलेज या सरकारी दफ्तरों के बोर्ड नहीं होते उससे कई गुना बड़े देशी दारू की दुकानों के बोर्ड होते है। ऐसा लगता है कि आपके देश प्रेम से निकला देशी शब्द सिर्फ और सिर्फ शराब भट्ठियों के ही काम आ रहा है।

आपको पता नहीं है बापू कांग्रेस आपको कैसे-कैसे और कहां कहां बेचती आ रही है। फारमेलिटी के लिए आपकी जयंती और शहीद दिवस पर आपको याद कर लेते हैं। आपको सभी सरकारी दफ्तरों के कमरों में नजरबंद कर दिया गया है। आपको जबरदस्ती वो सबकुछ दिखाया जा रहा है, जो आपको कभी पसंद नहीं था। आपकी तस्वीर के नीचे बैठ कर खुलेआम रिश्वत ली जा रही है। और संसद में आपके सामने जो कुछ हुआ उसे देखकर तो आप को लगा ही होगा बेकार आजादी दिला दी इस देश को ।

अच्छा हुआ बापू जो कांग्रेस ने गांधी टोपी उतार दी। वैसे भी कांग्रेसी इस लायक नहीं थे कि गांधी टोपी उनके सर का ताज बने। गांधी टोपी तो आज भी महाराष्ट्र के गरीब किसानों के सर का ताज है और गुजरात में भी आपकी टोपी की लाज है। कांगे्रेस सेवादल के लोग अच्छा है अब कैप पहनेंगे। कभी मेरे शहर के धांसू कांग्रेसी नेता विद्याचरण शुक्ल ने कांग्रेस को इटली कांग्रेस कह दिया था। राजीव गांधी का जमाना था वो। सच कहने का इनाम विद्याचरण शुक्ल को कांग्रेस से बाहर का रास्ता दिखा कर दिया गया था। तब बड़ा हंगामा हुआ था। देशी कांग्रेस को इटेलियन कांग्रेस कहने पर। विद्याचरण शुक्ल कि वो बात आज खरी होती नजर आ रही है।

वैसे कुल मिलाकर देखा जाए तो बापू आप अब पूरी तरह से बच गये कांग्रेस से। चरखे की खादी तो कांग्रेस ने जमाने पहले छोड़ दी थी। उसकी जगह कोसा, सिल्क, फाईन खादी, वुलन सब चल रहा है, बस चरखे की खादी को छोड़कर। आपकी लाठी तो अब गरीब का सहारा नहीं बल्कि गरीब पर पुलिस का कहर बन कर उतरती है। बकरी तो अब शायद सबसे लजीज व्यंजनों में से एक है। बिना इसके तो नेताओं की पार्टीयां पूरी ही नहीं होती है।

और क्या-क्या बताउं आपको कि आपको कैसे इस्तेमाल किया जा रहा है। दंगो के बाद रामधुन बजाई जाती है। कोई नहीं कहता ईश्वर अल्ला तेरो नाम सबको सनमती दे भगवान। आपके वैष्णव जन तो कहीं मिलते ही नहीं जो पराई पीर जानते हो। आपका कुटिर उद्योग का सपना तो गाँव के आसपास लग रहे बड़े बड़े कारखानों के नीचे दबकर कब का मर गया है। समाज के जिस दबे कुचले आदमी का आपने भगवान का जन बता कर जो नाम रखा था, उसे कानून ने हटा दिया है। अब अगर मैं आपका दिया हुआ नाम लूंगा तो हो सकता है मूझे जेल में ठूंस दिया जाए।

अब इससे ज्यादा खराब बात क्या हो सकती है। जिनमें आपको हरी के दर्शन होते थे उन्हें हम आप का दिया हुआ नाम नही दे सकते। ये हो रहा है बापू आपके साथ, आपके आजाद कराए हुए देश में। चुनाव में बापू जरूर आपकी निकल पड़ती है लेकिन वो लगता है, ज्यादा दिन नहीं चलने वाली। क्योंकि आज देश में एक से बढ़कर एक गांधी है। एक दो गांधी तो बेचारे किनारे पड़े है लेकिन तीन गांधी तो सुपर हिट हैं। आपके नाम पर सालो सत्ता का सुख भोगने वाली कांग्रेस के पोस्टरों पर आपसे ज्यादा नये गांधियों का नाम छपा रहता है। कांग्रेस पर आपसे ज्यादा दूसरे गांधीयों का कब्जा है। बापू अब आप सिर्फ आरएसएस को गाली देने का बहाना बस बन कर रह गये हो।
बहुत बूरा लग रहा है बापू आपको ये सब बताते हुए। क्या करूं मजबूरी है। सालों बाद आज आपके लिए पहली अच्छी खबर आई है इस देश में। आपकी टोपी कांग्रेस से आजाद हो रही है। आपकी टोपी की जगह उन अंग्रेजों की कैप ले रही है जिनकी गुलामी से आपने हमें आजाद कराया था। इसके बावजूद मूझे अच्छा लग रहा है कि कम से कम अब गांधी टोपी को कांग्रेस अपना ट्रेड मार्क बनाकर बाजार में नहीं बेच पाएगी। और भी बहुत कुछ है बापू कहने को लेकिन मुझे लगता है खुशी के इस मौके पर आपको दु:खी करना अच्छा नहीं रहेगा। बताता रहूंगा बापू आपको जब भी आपके लिए कोई अच्छी खबर होगी। फिलहाल तो हाल बहुत बुरा है। आपके प्रदेश के अहमदाबाद में बम फट चुके है। सूरत में बम फटते-फटते बचे हैं। जम्मू में आग लगी हुई है। आपके आश्रम सेवाग्राम के आसपास रहने वाले किसान फटेहाल है और साहूकारों के कर्ज से दबकर रोज मर रहें हैं। आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड में रोज नक्सली धमाके करते है। उड़ीसा में भुखमरी से परेशान लोग औलाद तक का सौदा कर लेते है। मगध में तो गधे चर रहे है। मजदूरों की पार्टी की सरकार बंगाल में गरीबों पर गोलियां चलवा रही है।बंगाल के पार सात बहनों के इलाके का तो और बुरा हाल है। लगता ही नहीं अपना हिन्दुस्तान। छोड़ो बापू आप भी परेशान हो जाओगे। अच्छा हुआ जो आप ये सब देखने से पहले चले गये। देखते तो सिर्फ रोते ही रहते जैसे हम रो रहें है और कह रहें है काहे को आजादी दिला दी तूने बापू, काहे को आजादी दिला दी।

9 comments:

Nitish Raj said...

सच बकरी तो लजीजी व्यंजन का हिस्सा ही बन कर रह गई है। बापू को हम भूल भी गए और उनके नाम से उनको और देश को काफी चूना लगाते है और वो भी उनके सामने। बहुत अच्छी पोस्ट है। लेकिन एक दो बातों से इत्तेफाक में नहीं रखता में--(गांधी टोपी तो आज भी महाराष्ट्र के गरीब किसानों के सर का ताज है और गुजरात में भी आपकी टोपी की लाज है।)इसके लिए तो उदाहरणों की झड़ी लगा सकता हूं।

seema gupta said...

देखते तो सिर्फ रोते ही रहते जैसे हम रो रहें है और कह रहें है काहे को आजादी दिला दी तूने बापू, काहे को आजादी दिला दी।
"AH! very rightly said, but every indivdual is bearing that pian and tears in todays circumstances" Kash............ ajadee sirf ajadee hee rehtee........"

राज भाटिय़ा said...

बहुत खुब लिखा हे आप ने, सभी के दिल की बाते उतार दी हे आप ने ,धन्यवाद, लेकिन इस इटेलियन कांग्रेस की चम्मचा गिरी करने वालो को यह जनता क्यो बार बार चुनती हे, अब की बार इन के सहयोगियो को भी बाहर का रास्ता दिखा दो.वरना अगली बार यह इटेलियन कांग्रेस पुरे देश को इटेलियन टोपी जरुर पहना देगी
धन्यवाद.
आप के बांलग पर आ कर बहुत कुछ मिलता हे.

L.Goswami said...

waah ri rajniti!! mujhe to jara bhi nahi suhati

Shiv said...

ये बापू के लिए अच्छा रहा और हमारे लिए भी. बहुत ही शानदार पोस्ट है सर. वाह!

Udan Tashtari said...

सटीक..वाह!शानदार पोस्ट.

Rajesh R. Singh said...

बहुत ही अच्छा लिखा है आपनें इसमें एक बात और जोड़ दीजिये वो ये कि बापू नें भारत की गरीबी को देखते हुए स्वैक्षिक गरीबी (Volunteer poverty) स्वीकारी थी वे बेरहम पूंजीवाद के विरोधी थे किंतु कुछ लोगों ने बापू की तस्वीर भारतीय मुद्रा पर छपवाकर उन्हें पूंजीवाद का प्रतीक बना दिया है गांधी टोपी का दुरूपयोग तो सायद बंद हो जाएगा लेकिन उन भारतीय मुद्राओं में लगी बापू की तस्वीर के दुरूपयोग को कौन रोकेगा जो पल-पल ( रिश्वतखोरी, जिस्मफरोशी, नशे के सौदागरों, आदि अनेक)ग़लत कार्यों में इस्तेमाल हो रही है

NIRBHAY said...

bapu ko topi kisne di?
bapu ki bakari ka hal pata chala, par bapu ke bandar kahan hai?
pure indians ko bandar bana diya, yeh woh bandar nahi jo aap samjh rahe, yeh woh bandar hai jin par naye naye drugs/medicine ko test kiya jaata hai.
hume bandar bana diya, kabhi congres+left ka drug ka efect dekha,result rate of inflation 12%, now naya formula congress+ samajwadi party, dekho hum bandron par kya effect padta hai.
election aayega to humare ko KELA dikha kar attract karenge, humare ungliyon par na mitne INK lagayenge, dekhenge in bandron par kya effect padta hai.
aur bhi avishkar chal raha hai, kitne kam food par yeh bandar jinda rah sakten hai,abhi na jane kitne formulea use karenge.
YOU HAVE POSTED NICE COMMENTS.

विष्णु बैरागी said...

सबके मन की बात ही नहीं कही, नंगी हकीकत सामने रख दी आपने । आगत की आहट बापू ने निश्‍चय ही सुन ली होगी । तभी तो उन्‍होंने आजादी लिने के फौरन बाद कांगे्रस को विसर्जित करने की बात कही थी । शानदार और धारदार पोस्‍ट ।