Friday, October 24, 2008
समझ मे नही आता कि न्यूज़ देख रहा हूं या सामना पढ रहा हूं
पेश है एक माइक्रो पोस्ट। सुबह-सुबह टी वी खोल कर देश-दुनिया का हाल जानने के लिये न्यूज़ चैनल लगायां।जो समाचार चल रहा था उसे देख कर पहले तो समझ मे नही आया कि न्यूज़ देख रहा हूं या सामना पढ रहा हूं। चैनल बदला तो भी वही। ऐसा लगा सामना वालों ने ठाकरे के विचारों को मुम्बई के आस-पास तक सीमित ना रख कर सारे देश मे प्रसारित कर्ने के लिये नया न्यूज़ चैनल खोल लिया हो या तमाम न्यूज़ चैनल पर विग्यापन दे रहे हों।समझ मे नही आता जो ज़हर मुम्बई तक सीमित हो उसे सारे देश मे फ़ैलाने की क्या ज़रुरत है?ऐसा लगता है या तो उनके पास सुबह कोई खबर नही होती य फ़िर ठाकरे के विचारों को सारे देश मे फ़ैलाने का उन्होनें ठेका ले लिया हो,या ठाकरे ने कहा हो सामना का प्रसार करो नही तो हमारे प्रकोप का सामना करना पडेगा। लगता है डरते हैं सब्।समझ मे नही आता सुबह-सुबह सारे देश को सामना क्यों दिखाते हैं टी वी वाले?
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
20 comments:
khabron ko sansanikhej banane ke liye aisa na ho ki kisi din ye channel koi live murder ya live honeymoon bhi dikhane lagen.
" sach khaa apne, or T.V walon ke pass koee kaam nahee, subeh subeh kuch nya mila nahee hoga to mumbai ke jehar ko hee bhunane chl pdhe... kya aman or shantee ka sandesh dainge ye log... hairt hai,,"
Regards
जितने चैनल उतने बकवास। दूरदर्शन ही अच्छा था, हर वक्त तो भेजा नहीं खराब करता था।
अनिल जी इनका कोई क्या कर सकता है ? चाहे प्रायोजित हो या मजबूरी हो ! आपने सही कहा की जहर तो फ़ैल रहा है !
जब तक लोग देखेंगे, ये लोग ठेलते रहेंगे।
दूरदर्शन आज भी बढिया है इनसे तो
"कचराघर" तो कचरा ही फ़ैलायेंगे ना… मुम्बई का कचरा पूरे भारत में बिखेरकर रख दिया…
मैं जितेन्द़ भगत की बात से सहमित हूं।
ये किसी का बिजनेस है ! ठाकरे को जो चाहिए सब दे रहे हैं ये.
डॉक्टर ने तो नहीं कहा ना टीवी देखने के लिये, चैनल बदलकर इंडियन आइडल का रिपीट टेलीकॉस्ट देख लिया करो, भाई साहब।
राज ठाकरे को दिखा रहे है तो ठीक मगर उनकी कडी से कडी निंदा होनी चाहिये !!
जब तक पूरे देश में हाहाकार न मचवा दें, इन टीवी वालों को चैन कहाँ. आपने बिल्कुल सही कहा!!
विध्वंसक कार्यवाहियों के लिए कहा जाता है कि लोगों को विदेशी एजेंसियों से पैसे मिलते हैं. टी.वी. चैनलों द्बारा विश्लेषित सूचनाएं संरचनात्मक क्यों नहीं होतीं, उनमें विध्वंस की गंध क्यों होती है ? यह एक विचारणीय प्रश्न है.
मानसिक शान्ति कायम रखनी हो तो सुबह सुबह न्यूज न देखा करें और यदि बिना देखे मन न माने तो, मुख्य samachaar देख कर काम चला लें.
किसे परवाह ?यहाँ तो चैनल धंधे के लिए खोला है.......
पहले इ बताइये आप अपनी टीवी कब तोड़ रहे हैं ?
या फिर टीवी वालों का सिर कब फोड़ रहे हैं?
अगर कोई परेशानी हो तो बताइये मैं आ जाता हूँ :)
:):)
बात सही है कि ठेका ले रखा है कम्बख्तों ने …
लेकिन का करें
चोखा चटनी जुटाने में लगे रहते हैं बेचारे………
हमारा देश युही तो नही महान , यह हर काम थोडा हट के होता है......
सब से अच्छा टी वी बेच कर बच्चो को कोई गेम लेदो , ना रहेगा टी वी ना कोई झंझट, मेने खुद १० साल से नही देखा इसे.
Bilkul galat Raj Thakre apni jagah sahi hai. Uttarpradesh and Bihar ke development ka paisa pura wahan ke neta kha rahen hai aur janata ko bhookha chhod rakha hai uski jimmedari kiski hai. Itni badi baat karten hai to bharat me Bhasha - Prant ki rachana kyon ki gayi? Bihar me bahoobaliyon ka raj hai, uttarpradesh desh ko terrorist supply karne ka state ban gaya hai, Kyon dusre rajya ki janata ka haq mar rahe ho? Kya chhattisgarh bhi is_se achhoota hai, raipur bilaspur ke sare industrial area me UP BIHARI labour hain aur chhattisgarh ke labour palayan kar rahen hai, ab toh yeh halaat hai ki yeh UP BIHARI log petty contractor ban kar Chhattisgadhi labour ka shoshan kar rahen hai. Bastar me jahan hum jane me dar rahen hai UP BIHAR ke log bas rahen hai aur naxalites ka sath de rahen hai, vahan ke aadivasi ladkiyon se shadi kar jamin hathiya rahe hai.
KITNA BADA SATYA HAI KI, BIHARI LOG KA JUGAD RAILWAY KE MAHARASHTRA KE RECRUITMENT AREA TAK ME HAI, YEH UNKI HIMMAT NAHI JUGAD HAI, LAOO CHARA KE BAAD RAILWAY KA BIHARIKARAN KAR RAHEN HAI. sare indian jante hai ki train agar UP aur BIHAR se gujarati hai to reservation system ki dhajjiyan uda di jati hai, kab tak yeh sochte rahenge "Nango se Khuda lade". "Laloo joker" pahle BIHAR ka vikas kare fir dialogue mare. Nangon se nangai se hi niptana padega. Mehnat kare Maharashtra aur Anda khane aa gaye BIHARI & UP.
Media jo dikh raha hai dikhaega aur dikhao fundamental me jane ki jarurat nahi hai usko, TEM nahi hai, jo bikega wahi dikhayega.
सर जी /आपके ब्लॉग पर एक लाइन चलती रहती है कि"" कृपया कमेंट्स कर मुझे गलतियाँ सुधरने का मौका दें ""आपके उक्त आदेश का पालन करने में हम असमर्थ रहते हैं /हम पर आदेश की अवहेलना का दोषारोपण न हो -हम पर अनुसाशन हीनता की कार्यवाही न हो इसके लिए आपको भी हमारी मदद करना चाहिए और जान बूझ कर कोई गलती कर देना चाहिए
good enough
दीपावली की हार्दिक शुबकामनाएं
Post a Comment