Saturday, November 22, 2008

रिपोर्ट लीक हुई या रिपोर्ट खुद लीक कर दी एटीएस ने

मालेगाव धमाको से बडे धमाके तो एटीएस कर रही है,वो भी लगातार यानी सीरियल ब्लास्ट्।इस बार नया धमाका उसने खुद नही किया है,बल्कि सहयोगी संगठन मीडिया के जरिये करवाया है। आरएसएस के दो बडे नेताओ की हत्या की साजिश की रिपोर्ट उसने होम मिनिस्ट्री और खुफ़िया एजेंसी को भेजी थी जो लीक हो गई। अब वो रिपोर्ट लीक हुई या रिपोर्ट खुद लीक कर दी एटीएस ने,ये भी जांच का विषय हो सकता है।इतनी महत्वपूर्ण रिपोर्ट मीडिया तक कैसे पहुंची इस बात मे भी सुनियोजित षड्यंत्र हो सकता है,मगर एटीएस शायद इस बात की जांच नही करेगी क्योंकी वो तो वही करती है जो उसे करने के आदेश मिलते हैं।

मेरा सवाल मालेगांव धमाकों से जुडा हुआ नही हैं। ना ही उससे से जुडे आरोपियों की बेगुनाही से जुडा है।मेरा सवाल तो सिर्फ़ एटीएस की उस संवेदनशील रिपोर्ट से जुडा हुआ है जो कथित रूप से लीक हो गई। आर एस एस के दिग्गज नेताओं की हत्या की साजिश की महत्वपूर्ण रिपोर्ट कैसे लीक हो सकती है?उसे तो होम मिनिस्ट्री और खुफ़िया एजेंसियों को भेजा गया था। अगर वहां से रिपोर्ट लीक हुई है तो ये और ज्यादा गंभीर बात है। और अगर वहां से ये रिपोर्ट लीक नही हुई है तो एटीएस को अपने घर मे छुपे खबरियों की खबर लेना चाहिये,ठीक वैसे ही जैसे वो मालेगांव धमाको के आरोपी साध्वी,सैनिक और संत से खबर निकाल रही है।

आखिर ये भी गोपनीयता भंग करने जैसी मामूली बात नही है,ये भी देश की आंतरिक सुरक्षा से जुडा सवाल है?क्योंकि इसमे सिर्फ़ एटीएस पर ही सन्देह के बादल नही मंडरा रहे है बल्कि होम मिनिस्ट्री और खुफ़िया एजेंसी की विश्वसनीयता दांव पर लग रही है?फ़िर एटीएस जब सेना के एक अफ़सर को पकड कर पूछ्ताछ कर सकती है तो इस मामले मे तो उसे अपने और मंत्रालय के कुछ लोगो से ही पूछ्ताछ करना पडेगा।

मगर क्या एटीएस उतनी इमानदारी से रिपोर्ट लीक होने की जांच करेगी,जैसे वो धमाको की जांच कर रही है?शायद वो इस मामले को जांच के लायक भी ना समझे क्योंकि जिस तरिके से रिपोर्ट लीक होकर मीडिया तक पहुंची है,उससे तो ऐसा लगता है कि उस रिपोर्ट को जानबूझ कर मीडिया तक पहुंचाया गया है। इस रिपोर्ट से एक राजनैतिक षड्यंत्र की बू भी आती है। क्योंकी इस मामले की गंभीरता और चुनावों को देखते हुए कांग्रेस और अंट-शंट बकने वाले सारे अल्पसंख्यकों के कथित हितैषी नेताओं ने खामोशी ओढ ली है और वे इस मामले की गर्मी से अल्पसंख्यक वोट बैंक को कैश कराने के मौके को गवाने भी नही चाहते। ऐसे मे इस मामले को गर्माये रखने का काम एटीएस कर रही है। इस मामले मे मीडिया भी जाने अंजाने उसकी जानबूझ कर लीक की गई गोपनीय रिपोर्ट को लेकर हंगामा मचा रहा है।

यहां सवाल मीडिया की भूमिका को लेकर नही है,बल्कि मीडिया तक उस गोपनीय रिपोर्ट के पहुंचने का है।इस रिपोर्ट के लीक होने से ये भी सवाल उठता है कि हमारे देश मे होम मिनिस्ट्री से जब कुछ लीक हो सकता है तो फ़िर इस देश मे सुरक्षित क्या है?मेरा सवाल एटीएस की जांच की विश्वसनीयता को लेकर कतई नही है।ये बात मुझे बार-बार इसलिये कहना पड रहा है कि कही कोई भाई इसको हिन्दूवादी या मुस्लिम विरोधी ना करार दे दे।

12 comments:

Gyan Dutt Pandey said...

चलनी में बहत्तर छेद। किससे लीक हुई, क्या पता।

ताऊ रामपुरिया said...

कहीं से भी हो सकती है ! और ये इसको चाहे जैसे इम्पोज भी कर सकते हैं ! बहरहाल आपने हमेशा की तरह शानदार लिखा है ! शुभकामनाएं !

drdhabhai said...

भैया जी लीक करने के लिए ही रिपोर्ट बनाई थी....लीक तो होनी ही थी...

roushan said...

एटीएस की पूरी जांच की रिपोर्ट्स शुरू से ही लीक होती आ रही है.
जहाँ तक अन्तिम पैरा की सफाई की बात है यकीन मानिये जब तक आपकी पोस्ट पक्षपाती नही होगी ऐसे आरोप नही आएंगे. पुलिस की जांच पर ऊँगली उठाना हर किसी का हक़ है सिर्फ़ इसलिए किसी को सांप्रदायिक (या धर्म निरपेक्ष ) नही कहा जा सकता

seema gupta said...

" bindaas, vaise ek khavt to hai na, ghr ka bhaide lanka dyae...to yhee hua hogaa.."

Regards

Shiv said...

"मगर क्या एटीएस उतनी इमानदारी से रिपोर्ट लीक होने की जांच करेगी,जैसे वो धमाको की जांच कर रही है?"

करेगी-करेगी. उतनी ही 'ईमानदारी' के साथ करेगी जितना ईमान उनके पास है. अब ईमान कोई पैसा या चीनी तो है नहीं कि कहीं से उधार ले लेगी.

राज भाटिय़ा said...

जब सारे चोर ही हो तो किस से क्या उम्मीद कर सकते है,लेकिन मिडिया को भी पुछे कि एक महतव पुर्ण रिपोर्ट केसे सर्वजनिक कर दी, करने को तो बहुत कुछ है, लेकिन कोन करेगा , कोन अपने ही लोगो को पकडवायेगा.
आप का लेख हमेश की तरह से धमाके दार है.
धन्यवाद

Anwar Qureshi said...

aap ka bahut shukriya jo aap ne mujhe padha..main aap ka aabhari hhun ..thnx

Unknown said...

सब कुछ बिलकुल "इटालियन माफ़िया" की तर्ज पर चल रहा है, आरोपी उठाना, गवाह गढ़ना, छवि बिगाड़ना, आतंक दिखाना फ़िर अन्त में एक ही वार में सब खत्म करके अपना वर्चस्व कायम कर लेना…

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

माननीय,कुचक्र और षडयन्त्र यह था कि इसका राग इतना ऊंचा अलापा जाये कि बाकी सब इसमें छुप जाये, इसमें यह सब सफल हो गये, लाखों कश्मीरी हिन्दू, असम में जलाये जा रहे हिन्दू, केरल में हो रहे अत्याचार सब दब कर रह गये इस नक्कारखाने में.
असली फासिस्ट तो यह सब हैं!

Smart Indian said...

मीडिया ने तो ऐसी रिपोर्ट भी उजागर की हैं जो कभी कहीं बनी ही नहीं थीं

NIRBHAY said...

Yeh ATS ka karnama Amarsingh ki bewaqufi ko chhupane ke liye central govt. kar rahi hai.