Tuesday, December 2, 2008

चीख-चीख कर खबर बेचने वाले एँकर को देखो तो लगता है की फुटपाथ पर कोई साँडे का तेल बेच रहा हो.

एक माइक्रोपोस्ट. टी वी के न्यूज़ चैनलो पर एँकरो को चीख-चीख कर मेरी खबर सबसे पहले,मेरी खबर सबसे तेज़,मेरी खबर सबसे सच्ची,मेरी खबर जैसी दूसरी कोई नही कहते, सुनता और देखता हूँ तो लगता है कि कोई सडक के किनारे फुटपाथ पर कोई चिल्ला-चिल्ला कर साँडे का तेल बेच रहा हो.मेरा तेल सबसे अच्छा,मेरा तेल सबसे सच्चा.मेरे तेल का कोई जवाब् नही,मेरे तेल से बडा कोई कमाल नही.

27 comments:

समयचक्र said...

bahut hi sateek. ek baat gour karne ki hai jab ek baar bechana shuru hote hai to usi khabar (yane sande ke tel ko) lagataar 40 ghanto tak bechate rahate hai.

Gyan Dutt Pandey said...

यह तो शीर्षक देख कर ही हंसी निकल गई!:) बहुत सटीक विवरण!

पिंकी said...

भाई साहब इतना तो हम भी नही चीखते..

क्यो हमारी उनसे तुलना करके हमारी इमेज डाउन कर रहे है..

दिवाकर प्रताप सिंह said...

क्या उपमा दिया है आपने ... बिलकुल सटीक !

ताऊ रामपुरिया said...

भाई अनिल जी इस तरह के अनर्गल बातें और जुमले तो सान्डे का तेल बेचने वाले भी प्रयोग में नही लाते ! बहुत हलकट हरकत करते हैं ये लोग !

रामराम !

Anonymous said...

ऎ भाई खबरदार जो हमारी तुलना टुच्चे मुच्चे लोगो से की . धंधा करते है झूठ नहो बोलते

arun prakash said...

ye log tel ka kya karenge munh me chakh kar apni jeebh hi moti kar sakte hain

Anonymous said...

ये TV वाले आगे रहने की होड में बहुत पीछे हो गये है|क्या गंभीर और संवेदनशील मामले भी इनके लिये केवल प्रतिस्पर्धा का खेल है?अब सवाल है कि ये अपनी जिम्मेदारी को कब समझेंगे?

sandeep sharma said...

बेचारे ख़ुद ही सरकारी सांड हैं...

Satish Saxena said...

काफी दिन बाद आ पाया अनिल भाई !बहुत बढ़िया रचना !शुभकामनायें !

गौतम राजऋषि said...

सुंदर ब्लौग है अनिल जी और उतने ही सुंदर लेख...मेरी हर्दिक बधाई.अब तो फौलोवर बन गया

सतीश पंचम said...

आपको गणित का वह समीकरण याद होगा जिसमें

since a= b and b=c

hence a = c

उसी तरह

चूँकि सांडे का तेल = मिडिया का खेल,

और मिडिया का खेल = पैसे का मेल

इसलिये सांडे का तेल = पैसे का मेंल :):)

Udan Tashtari said...

तेल वाला ही बेहतर है-कम से कम फायदा नहीं करेगा तो भी नुकसान तो नही ही करेगा.

-एकदम सटीक धरा.

Anonymous said...

मीडिया की तुलना तो कई चीजों के साथ सुनी है.. पर आपने सही तस्वीर दिखाई.. अगली पोस्ट का इंतजार है..

Aadarsh Rathore said...

बिल्कुल सही बात।

Anonymous said...

hehehehe.....yaha to aalam yeh hai ki inke cheekne mai b hood lagi hoti kaun kitn jor se cheekh sakta hai.....aur apni baat ko sach sabit kar sakta hai...

संजय शर्मा said...

आपका पोस्ट पहले पढ़ा होता तो शायेद दालान पर आज पोस्ट नही चढ़ता . बहुत खूब ! गजब लिखा क्या गजब मारा है आपने .वधाई भइया !

Anonymous said...

Sande ka tail bechne wale bhi demonstratin ka live nahi dikhate. Ye to unse bhi gaye gujre hai.

Nitish Raj said...

जब शीर्षक देखा तो पसंद की लिस्ट में तो तभी लगा कि ये आप या फिर डॉ अनुराग ही लिख सकते हैं। सटीक।

makrand said...

bahut satik
makrand

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

bilkul theek, wo to thoda gadbad ho gayi varna hota is hathgole ke prayojak the-,,, is goli ke prayojak hain....

Shiv said...

बहुत सही.
एक दिन इसी तेल पर पाँव फिसल जायेंगे.

राजन् said...

बेहतरीन पोस्ट ..... बधाई !

राज भाटिय़ा said...

यह सब है ही इस लायक इन्हे सान्डे का तेल ही बेचना चाहिये.
धन्यवाद

Anonymous said...

aapne to 1 No. baat kahi hai aapni publicity ke liye sab karte hai......

RAJ SINH said...

अनिल जी पहली बार आपके दर आया हूँ ,buzz पर टीप और लिंक से . अब तो आता ही रहूँगा .बेहतरीन पढने को मिल रहा है .

देवांशु निगम said...

वाह वाह !!!! झन्नाटेदार माइक्रोपोस्ट...छा गए गुरुदेव!!!