Thursday, February 5, 2009

150 से ज्यादा टीलों के नीचे दबा हुआ है इतिहास सिरपुर में

अभी तीन तारीख को सिरपुर जाना हुआ।राज्य स्तरीय एन एन एस कैम्प के समापन समारोह में।मुख्य अतिथी थे पुरातत्व विद डा ए के शर्मा और मुझे विशिष्ठ अतिथी के रूप मे मंच पर स्थान मिला।इस दौरान उनसे काफ़ी बाते हुई। हाल ही मे उन्होने सम्राट अशोक के काल का स्तूप ढूंढ निकाला है जिससे इस ईलाके के इतिहास मे और रोचक जानकारी जुडना तय हो गया है।उन्होने बताया कि यंहा 184 टीलो के नीचे स्वर्णीम इतिहास दबा हुआ है।स्तूप मिलने के बाद अब यंहा की संस्क्रति ईसा से तीन सदी पूर्व की मानी जाएगी।उन्होने बताया अभी तक़ तीन दर्ज़न से ज्यादा टीलो की ही खुदाई हो पाई है।यानी अभी भी 150 से ज्यादा टीलों के नीचे दबा हुआ है इतिहास सिरपुर में।


ईसा पूर्व के स्तूप के बारे मे कभी फ़ुरसत से बताऊंगा चित्रों के साथ।समापन समारोह से छुट्टी पाते ही एक बार फ़िर सिरपुर को देखने के लिये निकल पड़ा।शर्मा जी से फ़िर मुलाकात हो गई।शर्मा जी 75 साल की उम्र पार कर चुके हैं और चुस्ती-फ़ुर्ती मे अच्छे-खासे जवानो को मात देते हैं। आज भी उतने ही सक्रिय।एक नही कई कई साईट एक साथ देखते हैं।खैर शर्मा जी के बारे मे किसीऔर दिन बाते होंगी।

वंहा एक के बाद एक तालाबों को देखकर मैने सहज भाव से उनसे पूछ लिया कि गांव वाले सिंचाई के माम्ले मे काफ़ी एडवांस मालुम होते हैं?तब शर्मा जी ने जो बताया वो हैरान कर देने वाला था।सारे-के-सारे तालाब ऐतिहासिक हैं और छै बाई साढे चार कि मी के क्षेत्र मे लगभग 150 तालाब और 184 टीले हैं जिनके नीचे अब सिरपुर तबके श्रीपुर का स्वर्णिम इतिहास छिपा हुआ है।सारे तालाबो मे अच्छा खासा पानी रहता है और सभी तालाबों मे कमल खिलते हैं।


उन्होने बताया कि जातक कथाओं मे भी इस बात का उल्लेख है की महात्मा बुद्ध छत्तीसगढ आए थे।वे जहां-जंहा गये थे वंहा सम्राट अशोक ने उनके निर्वाण के बाद स्तूप बनवाये थे। अब छत्तीसगढ मे स्तूप मिलने से उनके यंहा आने की पुष्टी तो होती ही है,एक नए इतिहास की शुरुआत भी हो जाती है।ये नगरी ईसा पूर्व भी काफ़ी सम्पन्न रही होगी।वैसे यहां 14 वी सदी की पर्शियन सील भी मिलि है जिसपर सूरत का उल्लेख है।ये इस बात का सबूत है कि तब भी यंहा व्यापार होता था और सूरत के साथ-साथ विदेशों से भी सम्पर्क था।


150 से ज्यादा टीलो के नीचे दबा इतिहास बाह्र निकलने को आतुर है।उसे बाहर निकालने वाले भी तैयार बैठे है मगर सरकार की कुम्भाकर्णी नींद उसे बाहर नही आने दे रही है।सरकार नकली कुम्भ को असली साबित करने के लिये हर साल राजिम मेले पर करोड़ो रूपए फ़ूंक रही मगर सिरपुर उपेक्षित पड़ा है,इंतज़ार करता हुआ कभी कोई आएगा और उस पर पड़ी समय की मोटी-मोती परते उतर सकेगी।

23 comments:

बवाल said...

बहुत सही प्रकाश डाला अनिल भाई आपने सिरपुर पर। उचित कहा आपने।

राज भाटिय़ा said...

अनिल जी बहुत सुंदर जानकारी दी, हमारे पुर्वज कितने स्याने थे, यह इस खुदाई से ही पता चलता है, ओर अब पानी के लिये हाहा कार मचा है, क्या हम ने अब तरक्की की है अग्रेजी के बल पर या हम पहले ज्यादा शिक्षित थे??
इन्त्जार रहेगा आप की अगली जानकारी का. धन्यवाद.
वेसे आज भारत मै सही रुप मे जंगल राज बना दिया इन नेताओ ने, ओर सरकारी नोकरो ने.

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

bharat ka yahi durbhagya hai, ek to yahan acchha kaam karne wale log waise hi kam hain, jo karna chahte hain, unhen madad milna to door, ulte kathinaiyan miltin hain.

KK Yadav said...

इतिहास की खोज जारी रहे तो बेहतर है.
___________________________

मेरे ब्लॉग शब्द-शिखर पर आकार देखें- "श्रृंगार-कक्ष की दीवारों से आरम्भ हुआ डाक टिकट संग्रह का शौक." ____________________________

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत बढिया जानकारी दी जी आपने.

रामराम.

संगीता पुरी said...

अच्‍छी जानकारी मिली.....देखे सरकार की नींद कब टूटती है और समय की मोटी परतें दूर होगी और सच सामने आएगा।

Vineeta Yashsavi said...

Yah to bahut achhi jankari di apne.

Sarkaar jitni jaldi apni kumbhkarni need se jagegi is virasat ki surksha ki liye utna hi achha haoga.

योगेन्द्र मौदगिल said...

अच्छी जानकारी दी आपने पर सरकारी उपेक्षाएं देश भर में एक सी हैं...

Vinay said...

अच्‍छी जानकारी मिली

विष्णु बैरागी said...

'सिरपुर' से सबसे पहले महाराष्‍ट्र वाला सिरपुर याद आया। आपकी पोस्‍ट में काफी बाद में सिरपुर से छत्‍तीसगढ का रिश्‍ता उजागर हुआ।
बहुत ही महत्‍वूपर्ण जानकारी दी है आपने।
सचित्र विवरण की प्रतीक्षा रहेगी।

NIRBHAY said...

Nana patekar ka dialogue yad aata hai:-

Sarkari Vibhag me do type ke kam karne wale rahten hai.
1. Ek jo kam karten hai.
2. Dusre jo kisi ko kam karne nahi
dete.
No.2 hai Democracy, is char tang ki khatiya ke sabhi paye heel gaye hai. Bus nariyal ke booch ki rassi ka jaal (matdata)hai jo is charmarati khatiya ko bandhe rakhi hai. ab yeh bhi jhol marne lagi hai.
hindustan ke har monument ko duniya ke samne british logon ne hi laya hai. 200 saal ke bihad jangal se Taj Mahal ko original shaan dilayi.
Mujhe lagta hai agar Chhattisgarh Govt. ya Shreeman Sharma saheb jaise Pooratatva Vid ek letter Japan Govt. ko details bhej kar sahayata mange immediate japan govt. sahayata me aage aayegi.
Budhijivi chillata rah jata hai our uska gala baith jata hai koi farak nahi padta yehan. jab tak kee political leverage nahi milta govt usme hath nahi dalegee, agar chhattisgarh me Buddhist voter ka percentage jyada rahta to Govt vahan 150 ki jagah 1500 stoop khoj nikalne ka shrey leti.

mamta said...

जानकारी देने का शुक्रिया और राज जी बात ठीक लगती है ।

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया जानकारी दी है आपने।लेकिन सरकारी तंत्र के निकम्मेपन के कारण बहुत-सी जानकारीयां सामने नही आ पा रही।

RADHIKA said...

वाह ये तो बडी अच्छी जानकारी हैं . मुझे इतिहास में शुरू से दिलचस्पी रही हैं . ये तो बहुत अच्छी जानकारी हैं . आपका धन्यवाद .

PD said...

सरकार इस नींद से कभी नहीं जागने वाली है.. आपकी बात से याद आया, पटना और उसके आस पास बौद्ध धर्म और सम्राट अशोक से संबंधित की चीजें बिखरी हुई हैं.. मगर सरकार का उस पर कोई ध्यान नहीं है.. अगर अच्छे से उसे विकसित किया जाये तो विदेशी पर्यटकों की कोई कमी नहीं होगी बिहार में.. फिलहाल तो अभी कोई भी बाहरी बिहार आता है घूमने को तो सीधे गया या राजगीर का रूख कर लेता है.. अगर पटना को पाटलिपुत्रा में बदल दिया जाये(नाम नहीं, काम) कम से कम 20 से 50 जगह सिर्फ पटना में ही मिल जायेंगे..

पटना कमिश्नरी कार्यालय के ठीक बगल में गोलघर के हालात भी अजीब हैं.. लगता है कि अब गया कि तब गया.. खैर जल्द ही जायेगा भी, और तब कमिशनरी से कमिश्नर साहब और उसके ठीक बगल में डी.एम.निवास से डी.एम. साहब भी आयेंगे अफसोस जताने..
पूरी सीढ़ियां टूटी-फूटी हैं.. रेलिंग भी टूटा हुआ है.. और वहां घूमते मंदीरी के आवारा बच्चों का हमेशा जमावड़ा लगा होता है.. जिनमे से कई आगे चलकर अपराध की दुनिया में भी खूब नाम कमायेंगे.. गलती से कोई विदेशी पहूंच गया तो टिकट व्यस्था भी जन्म ले लेता है(वहां कोई टिकट व्यस्था नहीं है) और टिकट का दाम 100 से लेकर 500 हो जाता है..

क्या कहें, शर्म आती है यह सब देखकर..

Shastri JC Philip said...

"150 से ज्यादा टीलो के नीचे दबा इतिहास बाह्र निकलने को आतुर है।उसे बाहर निकालने वाले भी तैयार बैठे है मगर सरकार की कुम्भाकर्णी नींद उसे बाहर नही आने दे रही है।"

क्या आपको मालूम है कि भारतीय पुरावस्तुओं का संरक्षक अपने संग्रहालयों में धूल खा रहे हिन्दुस्तान की धरोहर के चित्र लेने नहीं देता है. इस कारण भारत की अमूल्य निधि (जो खोद कर निकाल ली गई है) वह मट्टी में छिपी निधि से बेहतर नहीं है.

सस्नेह -- शास्त्री

Gyan Dutt Pandey said...

सिरपुर से जब मेरी गाड़ी पास हो रही थी तो मुझे यह अहसास हो रहा है कि इस स्थान की प्राचीनता है। आपकी पोस्ट से वह स्पष्ट हो गया।
धन्यवाद।

Anonymous said...

Anyone ever used: www.designsonline.co.uk before?

Anonymous said...

Well written post!
Now you know why i keep an eye on this website so much!

Anonymous said...

[url=http://www.nurseryvalue.com/nursery/petite-star-3-in-1-car-walker-red.aspx ]Petite[/url]

[url=http://www.nurseryvalue.com/pushchairs/petite-star-zia-dogtooth-inc-footmuff--matching-change-bag.aspx]Petite Star Zia[/url] [url=http://www.nurseryvalue.com/travel-systems/petite-star-aruba-travel-system-inc-car-seat.aspx]Travel System[/url] [url=http://www.nurseryvalue.com/high-chairs/petite-star-animal-friends-travel-highchair.aspx]High Chair[/url] [url=http://www.nurseryvalue.com/pushchairs/petite-star-5-standen-buggy---black.aspx]Pushchair[/url] [url=http://www.nurseryvalue.com/nursery/petite-star-3-in-1-car-walker-red.aspx]Baby Walker[/url]


http://open.salon.com/blog/ryan_clark/2009/09/01/going_green_this_christmas

Anonymous said...

hey


great forum lots of lovely people just what i need


hopefully this is just what im looking for looks like i have a lot to read.

Anonymous said...

How does one define a Utopian world and Utopian experiences? Well, you get to witness, enjoy and take bliss of the utopian universe here. Imagine the mature escort walking hand in hand with you at your command. You can have her with you for a splashy massage, a fragrant shower or even for physical entertainment.

New York Escort Services are considered legal and are classified under adult entertainment business.
[url=http://bijouescorts.com]Escorts[/url]
There exists there isn't a man on the planet who that can really deny the actual important function women participate in in his live. However, many men are self conscious of acknowledging this and expressing it. It won?t be incorrect to say that there tend to be guys who are secretive and confidential, so much so that they like to job their libido out of view of many folk! Important guys, visiting New York, such as wealthy entreprenuers, renowned actors, powerful politicians and several much more prefer to require the services of New York escorts to keep them business through their visit to this exciting city. New York escorts are stunning, clever, smart, and classy female that can be apt business for enterprise functions, conventions, or important evening meals.

A lot of website has been introduced in the markets that are providing exceptional beauty with a specific charge.

Manhattan agencies offer both in-call and out-call service.

Anonymous said...

you should check this out

http://choicemeds.info