कभी क्वीन की वेल्यू भी कम हो जायेगी,ऐसा सपने मे भी नही सोचा था। मगर ये सच है क्वीन की वेल्यू अगले महिने से घट जायेगी।विश्वास भी नही हो रहा है और अच्छा भी नही लगा रहा है।हालांकि अपुन क्वीन गुट के नही है मगर फ़िर भी क्वीन की वेल्यू घटाने का अपुन और अपना लाबी विरोध कर रहा है।बजरंगबली के परम भक्त और बजरंगी यानी अविवाहित होने के बावज़ूद अपुन भी क्विन के दीवाने हैं।
क्वीन हमेशा से अपुन को अच्छी लगती रही है,न काली और न गोरी,ताज़े गुलाब सी क्वीन के पीछे तो अपुन क्या कोई भी नहा -धो के लग सकता है और जो उस्की वेल्यू जानता है वो तो सब छोड क्वीन के पीछे ही लगा रहता है। अब अन्तर्राष्ट्रीय साजिष के तहत क्वीन की वेल्यू कम की जा रही है।बताईये भला ऐसे मे हम जैसे असली क्वीन से अब-तक़ वंचित रहे लोग क्वीन की वेल्यू कम किये जाने का विरोध ना करे तो करे।
क्वीन सबके आकर्षण का केन्द्र रही है । कई तो जीतने के लिये और कई हार से बचने के लिये क्वीन को अपना बनाने के लिए पिल पड़ते हैं। अप्ना बनाने यानी पाकेट मे ड़ालने के लिये।क्या कहा,क्वीन और पाकेट मे?सही कह रहे है आप जिस के पाकेट मे क्वीन हो वो ही तो जीतेगा ना।हर बाज़ी की तो नही, मै बात कर रहा हूं कैरम की बाज़ी की।कैरम मे अब तक़ क्वीन के पांच अंक होते थे,यानी वो हर गोटी से पांच गुना ज्यादा महत्व्पूर्ण होती थी।अब अगले माह से कैरम फ़ेडरेशन नू उस्के अंक घटा कर दो करने काफ़ैसला कर लिया है। अब कैरम का सेट भी 29 की बजाय23 अंक का होगा।क्वीन के अंक घटाने से कैरम का क्या भला होगा ये तो फ़ेडरेशन वाले ही जाने मगर इस फ़ैसले से क्वीन को अपना बनाने का रोमांच ज़ुरूर कम हो जायेगा ऐसा प्रेस क्लब रायपुर मे क्वीन के दीवाने ,प्रभुदीन,गब्बर,शिशुपाल,बजरंगी,और बहुत से दीवानो सहित मेरा भी मानना है।
12 comments:
आदरणीय अनिल जी
पहले तो मैं समझ ही नहीं पाया कि क्वीन आखिर आप कह किसे रहे हैं। लेकिन बाद में जब आपने कैरम के बारे में कहा, तब लगा कि अरे ये तो अपने से भी जुड़ा मामला है। खैर, कैरम फेडरेशन चाहे जो कर ले, हम लोग अपने गली-मुहल्ले कस्बे में तो उन्तीस का ही गेम खेलते रहेंगे। भाई तेइस में तो क्वीन का असली भाव पता चलता है। और तेइस आते ही गेम खत्म हो जाये, तो मजा क्या रहेगा। कभी कभी आपने देखा होगा कि 23 में आया हुआ पार्टी कभी 24 लेना नहीं चाहता। सोचता है कि 23 में ही क्वीन लेकर एक गोटी से जीतेंगे, तो 29 हो जायेगा..ये रोमांच खत्म नहीं होना चाहिए। यह कई दशक से चली आ रही परंपरा है, जिसके टूटने का विरोध मैं भी दर्ज करता है। वैसे, आपको तो धन्यवाद देना होगा, इस तरह का जानकारी अमूमन अखबारों में या किसी प्रकाशन में नहीं मिलती। आपने बेशकीमती जानकारी दी है। आपसे एक और आग्रह है। अगर आप अपने ब्लॉग पर फौलोवर वाला सुविधा दे दें, तो हमेशा आदमी आपके ब्लॉग से जुड़ा रहेगा। वैसे ये आपका नीजि मामला है, मैं तो सिर्फ आग्रह कर सकता हूं। धन्यवाद।
रांचीहल्ला
सफेद गोटी - २० अंक
काली गोटी - १० अंक
लाल क्वीन - ५० अंक
स्ट्राइकर गया गड्ढे में - १० अंक कम
मेरे तो यही नियम हैं, मरते दम तक नहीं बदलेंगे।
न हमें कैरम की खास समझ है न राजनीति की।
main delhi ki queen samjh raha tha.
शीर्षक में क्विन पढ़ कर समझ नहीं आया था की किस क्विन की बात कर रहे होंगे आप.
अब यह तो federation ही जाने की उन्होंने ऐसा क्यूँ किया शायद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस का मान इतना ही हो??
akshat vichaaron se sahmat.
क्वीन बोले तो ....
haan thora interest jaroor kam ho jaayega phir bhi jeetega to wohi jiske paas woh hogi....Aakhiri ladai to ab bhi use paane ki hi hogi
यह जानकारी और कहीं नहीं दिखी. आपका आभार.
क्वीन का दर्जा घटाने की बात समझ नहीं आई। कैरम का नूर भी कम हो जाएगा। वैसे बरसों से कैरम और शतरंज दोनों छूटी हुई है। बस अकेले में सुडोकू से काम चलाना पड़ता है।
काश अगले महीने से "क्वीन" के साथ "प्रिंस" और "प्रिंसेस" के भाव भी कम हो जायें… तो कैरम के साथ देश का भी भला हो जाये…
koun sa mar queen ko ghar le jana hai, jaiegi to "gaddhe" me hee, fir is niyam ko bhi vahi dal do, koun sa maar caram ko "VODAPHONE" "HUTCH" etc. jaise sponsor milte hain.
Post a Comment