Thursday, July 23, 2009
छोटी-मोटी नही डाक्टर बनाने वाली परीक्षा यानी पीएमटी का ये हाल है,परिक्षा दी नही और टाप पर चमक रहा नाम है!
यंहा छत्तीसगढ मे जो न हो वो कम है।अभी बोर्ड परीक्षा मे मेरिट मे आने वाली पोरा बाई के फ़र्ज़ीवाड़ा पर लिपापोती हो भी नही पाई थी कि पीएमटी के आरक्षित वर्ग की टाप लिस्ट मे दूसरे स्थान पर घोषित छात्र सुनिल के पिता ने शपथ पत्र देकर कहा कि उसका पुत्र तो परीक्षा मे शामिल ही नही हुआ है।इस सनसनीखेज खुलासे ने पुरी व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है।ये खुलासा करने वाले पिता-पुत्र दोनो घर छोड़ कर कंही जा चुके है और अपने पीछे छोड चुके है अनेको सवाल जो डाक्टर बनाने वाली सरकारी दुकान यानी पीएमटी की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रहे हैं।इससे पहले बोर्ड परीक्षा और स्टेट पीएससी की परिक्षाओं पर भी आरोप लगते रहे हैं।पता नही क्या होगा इस प्रदेश के छात्रों का।ज्यादा लिखने से कोई खास फ़र्क पडने वाला नही है,मै तो बस ये चमत्कार आप लोगो के सामने ला रहा हूं।
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24 comments:
कल भगवान् न करे डाक्टर बन गया तो सिरदर्द के मरीज के सीधे सिर पर ही इंजेक्सन घोप देगा !
क्या कहें भईया .... जय हो !
अपने देश में जो ना हो वही कम है......... कुछ भी हो सकता है .........
आज की दुनिया में जो न हो वही कम है .. पर जबतक कोई पोल खुलती है .. तबतक कितनो का नुकसान हो चुका होता है .. बहुत दिनों से यह खेल स्टेट से लेकर कंट्री लेवल तक की मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रतियोगिता परीक्षाओं में चल रहा है .. मेरे पास कई बच्चे ऐसी शिकायत लेकर आते हैं कि उन्होने कट आफ से अधिक सही किया है .. फिर भी उनका सेलेक्शन नहीं हुआ .. और कितने बच्चे कम योग्यता से ही सेलेक्ट हो जाते हैं .. सरकार को इनमें खास दिलचस्पी लेकर छानबीन करने की जरूरत है।
यह सब क्या हो रहा है कन्हैया ! तुम कहाँ हो ?
अवतार क्यों नहीं लेते वंशी वाले !
चमत्कार को नमस्कार.
वाह
जय हो महाताऊओं की जय हो.
रामराम.
चमत्कार दिखाने वाले बाबा का पता तो लगाओ। बहुत ही प्रतिभाशाली है।
भारत भूमि तो है ही चमत्कारों से लैस… यह ऐसी महान धरती है जहाँ ऐसा कुछ भी हो सकता है… जो पूरे विश्व में कभी न हुआ होगा… अवतार ऐसी ही जगह पर जन्म लेते हैं…।
वाह भई, देख लीजिए...ऐसा भी होता है...सच ज्यादा लिखने से कुछ होना शायद नहीं है...।
ये तो बहुत बड़ा चमत्कार हो गया
एक अनार और सों बीमार तो ऐसा ही होगा . सुप्रीम कोर्ट भी इसका इलाज नहीं कर सका . बीमारी इस लिए है कि सरकार ने अनार नहीं बढाये . हमारा देश एक अप्रतिम उदहारण है जहां लोग कुछ करना चाहते हैं लेकिन करने नहीं दिया जाता
ye vividh bharti hai bhai
bhart ki vividhta hai bhai
badhaai !
अनिल भाई,
ना ये पहला है और ना आखिरी ......कभी गिनिये तो सही !
जुबान सूख जायेगी / अंगुलियां दर्द करने लग जायेंगी गिनते हुए !
जुगाड़ से राज्य की उच्च संस्थाओं पर काबिज / स्थापित लोग जब स्वयं किसी मेरिट से नहीं आये हैं , तो आप और किस टाईप का जादू देखना चाहते हैं ?
यह तो इमानदारी की हद है- भगवान देता है और पुजारी देने नहीं देता---वाली बात हो गई:)
Khula khel farrukhabaadi.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
जय हो! प्रभु कब लोगे कलंकी अवतार!
क्या -क्या हो रहा है इस देश में!
ये तो चमत्कार हो गया प्रभू :)
वीनस केसरी
... छत्तीसगढ मे फर्जीवाडा का बोलबाला है, वो कहावत है : "अपनी डफली-अपना राग" !!!!
नहीं नहीं
सुनील के पिता ने हंसी-हंसी में शपथपत्र दे दिया होगा.
देश की महानता पर यकीन हो रहा है - कोई भगवान है जो देश चला रहा है!
मैंने सोचा था ये सब हमारे बिहारे ठो में होता है.......
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