अभी हाल ही मे आई-फ़्लू यानी ईमानदारी से ग्रसित आई ए एस अफ़सर अमित कटारिया को नगर निगम से धक्के खाने पड़े थे।वो केस अभी ठंड़ा भी नही हुआ है कि आई-फ़्लू का दूसरा केस सामने आ गया है।इस बार मरीज़ प्रशासनिक सेवा का न होकर पुलिस सेवा का है जंहा इसके बैक्टिरिया का मिलना लगभग नामुमकिन माना जा रहा था।इससे पहले ये गंभीर बीमारी पुलिस महकमे मे फ़ैलती तत्काल आई-फ़्लू से पीड़ित ए एस पी शशिमोहन के ईलाज की तैयारियां शुरू हो गई है।शशिमोहन ने इस मामले मे डाकटरो के सरदार को भी अपनी बात बताई तो मगर सरदार ने शोले वाले गब्बर का डायलाग मार दिया, क्या सोच के पकड़ा था चोरों को सरकार खुश होगी,शाबासी देगी?सरकार मैने आपका नमक खाया है,ले अब धक्के खा!
अब शशिमोहन को भी तो सावधानी बरतनी चाहिये थी।देख रहा है कि इस लाईलाज बीमारी से पीड़ित लोगो को धक्के खाने पड़ रहे हैं तो खामोश रहता।क्या ज़रूरत थी अपनी बीमारी का ढिंढोरा पीटने की।पहले से ही लोगों को डाऊट था कि ये पुलिस वाला नार्मल नही है,फ़िर सावधान रहना चाहिये था ना।फ़िर सारे शहर मे अकेला वही था क्या चोरों को पकडने के लिये।एक बार पहले भी इसी बीमारी के कारण अपना घुटना तुड़वा चुका था शशिमोहन्।उसके बाद भी अकल नही आई। अरे फ़िर जब अमित कटारिया का विकेट गिरते देखा तब तो संभल जाना था सामने वाले अब पूरी ताक़त से निपटने मे लग गये है आई-फ़्लू से।
ये शशिमोहन जैसे लोग ना दीवाली खराब कर देंगे पूरे महकमे की।खुद तो परेशान हो रहे हैं,घर वालों को परेशान कर रहे हैं और उनका हाल देख कर आई-फ़्लू के कीड़े का शिकार हो चुके लोग और परेशान है।कुछ तो सोचते शशिमोहन दीवाली का समय है खुद को मिठाई नही खानी थी ना खाते,अरे नकली खोये की मिठाई खाकर लोग मर तो नही जाते ना,और मर भी जाते तो क्या जिस का टाईम आ गया वो तो जायेगा ही इसमे उस मिलावट खोर का क्या दोष्।वो बेचारा पूरे सिस्टम को सेट करके कंहा-कंहा से नकली खोआ मंगा रहा था।थोड़ा बहुत कमाता तभी तो मंत्री-संत्री पर खर्च करता।अब ऐसे मे वो कंहा खर्च करेगा?वो खर्च नही करेगा तो नेता-मंत्री कार्यकर्ताओं,अफ़सरों और हम जैसे पत्रकारो के यंहा ड्राई-फ़्रूट से भरी टोकरियां कंहा से भेजेंगे?ये लोग खुश नही रहेंगे तो राजनिती कैसे चलेगी?बस शशिमोहन तुमने भी वही गलती की जो आईफ़्लू का मरीज़ करता है।अब मंत्री जी तुमसे नाराज़ नही होम्गे तो क्या खुश होंगे,शाबासी देंगे।क्या कर दिया शशिमोहन अपनी दीवाली खराब की,अपने घर वालो की,अपने शुभचिंतको की,मंत्री जी की और उनके चमचों के साथ-साथ पत्रकारो की भी दीवाली खराब कर दी।लो और दिखाओ ईमानदारी और खाओ धक्के।
24 comments:
सही है! दीवाली मनाने की व्यवस्था तो हर किसी को करनी ही चाहिए। अब आप उलटी धार में बहेंगे तो कैसे मनेगी दीवाली?
अब दीवाली के टाइम पर तो शशिमोहन जी को चुपचाप रहना था..ग़लत टाइम पर हल्ला मचा कोई बात नही आप कोशिश करें दीवाली खुशी से मानने की...आपको हमारे ओर से दीवाली की बहुत बहुत शुभकामनाएँ!!
हा जी सही है ये है असली गब्बर का रोल
बधाई दीपावली की शुभकामनाये
जिसके भी पेट पर लात पड़ती वओ ही कल्लाता है। मंत्री या किसी और के पड़ी तो वो भी बिल्लाने लगा। अब इसमें कोई अफ़सर नौकरी छोड़ दे तो उसका क्या दोष?
नकली मिठ्ठाई पकडवाने पर भी नाराजगी, जरुर यह मंत्री ही होगा साला इस सब तंत्र का मुखिया, क्यो सब से पहले इस नकली हलवाई के बेटो को पकड कर ही....शशि मोहन जी जिन्दा वाद, आप ने अपना काम वाखुबी किया, अब जनता की बारी है, देखे जनता आप के संग कडी होती है या फ़िर उस नकली हलवाई के बेटे के संग जो तुम्हे नकली दुध ओर मिठ्ठाईयां खिला रहा है.
बहुत सुंदर समाचर दिया.
आपको और आपके परिवार को भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !
शशि मोहन जी कॊ भी दिपावली की हार्दिक शुभकामनायें, ओर सलाम
सर्दी-खाँसी न स्वाइन-फ्लू हुआ, ये गया यारोँ इसको आई-फ्लू हुआ। :-(
अब दीवाली के समय दशहरा मनाने की कोशिश करेंगे तो कौन खुश होगा?
बी एस पाबला
ye to khushkhabari hain
juwaari aur utpaatiyo ke liye
aur hamare liye ek .............?
ठीक बात है. :)
आपने इस आलेख का शीर्षक बहुत बढिया डाला है .. बिल्कुल हालात के अनुरूप .. पूरे परिवार सहित आपको दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !!
वाह भाई साहेब !
अच्छे बम फोड़ रहे हो.........
आपको और आपके परिवारजन को
दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयां
एवं मंगल कामनायें.......
पुरानी मिसल है एक को मारो तो बाकी ठीक हो जाते हैं
"खुद तो परेशान हो रहे हैं,घर वालों को परेशान कर रहे हैं"
यही है सौ बात की एक बात!
दीपोत्सव का यह पावन पर्व आपके जीवन को धन धान्य सुख समृद्धि से परिपूर्ण करे!
ओर ब्लॉग में चोरी पकड़ने पर ??
बहुत सुंदर समाचर दिया
सुख, समृद्धि और शान्ति का आगमन हो
जीवन प्रकाश से आलोकित हो !
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दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए
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क्रियेटिव मंच
पूरे मुहकमें की दिवाली खराब कराई ससुरे ने,...
सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल ’समीर’
ए एस पी shaशिमोहन ने जो कुछ भी किया ,वह एक उदाहरण और सभी आफिसरों के लिए अनुकरणीय हैं ,
जिल्लत की जिन्देगी से घी रोटी खाने से सुखी रोटी भली .... ‘ाशिमोहन के कदम मजबुती से आगे बढा हैं
मैं उनको तारिफ करके छोटा नहीं दिखाना चाहता हंू ,बहादुरी के साथ जो कदम एक बार उठ चुका हैं उससे पीछे हटाना ठीक न होगा ,भाई अनिल पुसदकर,श्री राजकुमार ग्वालानी जैसे संवेदनशील लेखकों से मेरा निवेदन हैं कि दोनों बहादूरों को सार्वजनिक जन सम्मान की तैयारी करने का कश्ट करें ,और उस दिन तथ्यों से रूची रखने वाले सभी ब्लोगारों की प्रत्यक्ष उपस्थिति दर्ज हो सके ऐसी व्यवस्था करना वर्तमान समयानुकूल उचित कदम होगा ।
तो यहाँ भी बहादुर लोग हैं ।
घोर कलयुग?
साल की सबसे अंधेरी रात में
दीप इक जलता हुआ बस हाथ में
लेकर चलें करने धरा ज्योतिर्मयी
कड़वाहटों को छोड़ कर पीछे कहीं
अपना-पराया भूल कर झगडे सभी
झटकें सभी तकरार ज्यों आयी-गयी
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दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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इस दीपावली में प्यार के ऐसे दीए जलाए
जिसमें सारे बैर-पूर्वाग्रह मिट जाए
हिन्दी ब्लाग जगत इतना ऊपर जाए
सारी दुनिया उसके लिए छोटी पड़ जाए
चलो आज प्यार से जीने की कसम खाए
और सारे गिले-शिकवे भूल जाए
सभी को दीप पर्व की मीठी-मीठी बधाई
"आओ मिल कर फूल खिलाएं, रंग सजाएं आँगन में
दीवाली के पावन में , एक दीप जलाएं आंगन में "
......दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ |
हर धन्धे के रिस्क हैं। अफसरी के अपने रिस्क हैं।
नमस्तेऽस्तु महामाये, श्री पीठे सुरपूजिते।
शंख-चक्र-गदा-हस्ते, महालक्ष्मी नमोऽस्तुते॥
दीपोत्सव का यह पावन पर्व आपके जीवन को धन-धान्य-सुख-समृद्धि से परिपूर्ण करे!!!
ये भी कोई बात हुई कि ना खुद खाएँगे ना किसी को खाने देंगे?..
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