Thursday, February 4, 2010

अब सरकार पेट्रोल और डीज़ल की कीमत जितनी चाहे बढा ले मुझे फ़र्क़ नही पड़ने वाला!सफ़ारी बेच के नई गाड़ी ली है मैने!न फ़िल इट न शट इट बस फ़ारगेट इट!

पेट्रोल और डीज़ल के दाम बढेंगे!न्यूज़ चैनल पर सुनकर और अख़बारों मे पढकर दिमाग खराब हो जाता था।एक तो वैसे ही सफ़ारी का माईलेज कम और फ़िर बढती कीमते बार-बार मुझे गाड़ी बदलने के लिये सोचने पर मज़बूर कर रही थी।एक बार फ़िर पेट्रोल-डीज़ल के दाम बढने का हल्ला मचा तो मैने गाड़ी बदल ही ली।गाड़ी भी तक़दीर से मिली कि सरकार अब चाहे जितना दाम बढा ले पेट्रोल और डीज़ल का मुझे रत्ती भर फ़र्क़ नही पड़ने वाला।

अरे बाबा बताता हूं कौन सी ग़ाड़ी है।इतना उतावला होने की ज़रूरत नही है।वैसे इस गाड़ी के बारे मे मैं जानता नही था।मुझे बताया प्रेस क्लब के महासचिव और दैनिक नवभारत के फ़ोटोग्राफ़र गोकुल सोनी ने।गोकुल भी अपने ब्लागर भाई बनने वाले हैं और अपना ब्लाग शुरू करने जा रहे हैं।हां तो मैं बता रहा था नई गाड़ी के बारे मे।गोकुल को जब मैने बताया यार गोकुल ये ब्लागर मीट मे बहुत ज्यादा खर्चा हो गया है और इससे मेरा बजट गड़बड़ा गया है।अब ये काला हाथी,(सफ़ेद इसलिये नही क्योंकि मेरी गाड़ी का रंग सफ़ेद नही काला है)पालना मुश्किल हो गया है।दूसरी गाड़ी खरीदनी है कौन सी खरीदूं।इतना सुनते ही गोकुल ने कहा कि एक बढिया माडल लांच हुआ है,कंपनी का तो पता नही आप बोलो तो मैं दिखा देता हूं,जमे तो खरीद लो।मैने पूछा माईलेज क्या देगी!गोकुल ने कहा की ये सब तो पूछने की ज़रूरत ही नही है।
मैं भी तुरंत तैयार हो गया और जब गोकुल सोनी ने मुझे गाड़ी दिखाई तो मुझे लगा कि ये है सरकार की पेट्रोलियम पालिसी का असली जवाबब बढाये सरकार जितना चाहे दाम।गाड़ी ऐसी है कि आम के आम और गुठलियों के भी दाम्।लिजिये हिच्काक इश्टाईल मे सस्पेंस ज्यादा नही खिचूंगा।आप भी देखिये मेरी नई गाड़ी गोकुल सोनी और नवभारत के सौजन्य से। और हां जिन भाईयों को पेट्रोल और डीज़ल के बढते दामों से बचाने वाली इस गाड़ी को खरीदना हो वे तत्काल बतायें।स्टाक सीमित है और एक बुकिंग आ भी गई है।जी के अवधिया ने इस खरीदने की इच्छा जाहिर की है।फ़िर न कहना बताया नही।रस्ते का माल सस्ते मे।बुकिंग ओपन्।



39 comments:

दिनेशराय द्विवेदी said...

ये तो गोकुल भाई ने अंतिम विकल्प पर पहुँचा दिया आप को। बस पोस्ट में गाड़ी का चित्र पोस्ट के अंत में होना चाहिए था। पोस्ट पूरा होने के पहले ही दिख गया और मजा कुछ किरकिरा हो गया।

अजित गुप्ता का कोना said...

क्‍या कल्‍पना है? धक्‍का किससे लगवाएंगे?

Anil Pusadkar said...

लिजिये वकील साब आपकी बात मान ली।

Unknown said...

अनिल जी! इस गाड़ी की कीमत कितनी है यह भी तो बताइये! बस में होगा तो हम भी खरीद लेंगे।

Anil Pusadkar said...

अवधिया जी आप तो बस मन बना लिजिये बाकी सब सेटल कर लेंगे।हा हा हा हा।

Sanjeet Tripathi said...

ha ha, sahi hai

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...

ek mere liye bhi ..

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

ऐंसा वक्त भी शीघ्र आने वाला है अनिल जी !

Kirtish Bhatt said...

ऑन रोड कित्ते की पड़ रही है. कंपनी वम्पनी की विस्तृत जाकारी अगली पोस्ट में दीजिये प्लीज़.
में इंदौर के लिए डीलरशिप लेना चाहता हूँ :D

Unknown said...

बाकी सब तो ठीक है इस गाड़ी में, लेकिन दिन में ही चलाईयेगा, रात में चलायेंगे तो लाइट न होने की वजह से कहीं ठोक देंगे या चालान बन जायेगा… :)

पहले मुझे लगा था कि ब्लॉगर मीट आयोजित करवाने के चक्कर में इसके चारों टायर बिक गये… लेकिन बाद में पता चला कि अवधिया जी भी इसमें इंटरेस्टेड हैं, यानी वाकई यह जोरदार गाड़ी होगी… वरना अवधिया की एडसेंस की कमाई ऐसे ही बेकार ना जाने देते,,, :) :) :)

परमजीत सिहँ बाली said...

बिल्कुल नया माडल लगता है....;))

Anonymous said...

भई मैं तो धीरू सिंह के साथ बैठ कर इस गाड़ी की टेस्टिंग करूँगा, फिर देखा जाएगा

बी एस पाबला

नीरज गोस्वामी said...

वैसे देखने में बुरी नहीं...जब जेब पे भारी नहीं तो कोई सी भी चलेगी...बस चलनी चाहिए क्यूँ की "चलती का नाम गाडी..."
नीरज

Alpana Verma said...

bahut hi rochak chitr aur post....:)....is par kuchh aise kahen to behtar hoga......[bhavishy mein agar gadiyon ka yah vikalp raha to.....]
'dil ki taslalee ke liye ghalib ye khyal achchha hai..'

दिगम्बर नासवा said...

मैं तो एजेन्सी भी लेलूँगा .......... खूब बेचुँगा ........

उम्मतें said...

इस गाड़ी में सबसे सेफ जगह है ड्राइविंग सीट ! इसलिये जो भी ब्लागर भाई इसे खरीद पायें , गाड़ी खुद ड्राइव करें :)

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

अनिल जी, नई गाडी की बहुत बहुत बधाई...बस जल्दी से नींबू मिर्ची टाँग दें वर्ना किसी न किसी ब्लागर की नजर लगी समझिए :)

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

हाहाहाहाहा

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर said...

अपुन को भी ये बड़ी रापचिक लगी बिडू, क्या रेट मांगता है? अब सरकार को मामू बना दिया...........
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड

शरद कोकास said...

इस पर बत्ती नही लगी ?

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

अब यही होने वाला है।
ठेला का रेट बढ जाएगा।
कार श्रंगार की जगह
ठेला श्रंगार की दुकान खुलेगी
ठेला ब्लेक मे मिलेगा।
इसलिए गाड़ी छोड़ कर
ठेला बुक कराना सही है।

डॉ महेश सिन्हा said...

कारों में एक कार सुनी थी कार है वो इम्पाला
आजकल नाम सुनाई नहीं देता :)

दीपक 'मशाल' said...

Badhiya... :)isse to hum be-kar bhale..
Jai Hind...

राजकुमार ग्वालानी said...

आपकी पोस्ट पढ़ते-पढ़ते हम सोच रहे थे कि ऐसी कौन सी गाड़ी खरीदने वाले हैं आप। हम भी एक माह से बेकार हैं, सोच रहे थे, जम जाएगी तो हम भी खरीद लेंगे। लेकिन आपकी गाड़ी देखने के बाद सोचा कि हमारे पास इससे भी अच्छी दो चक्कों वाली गाड़ी यानी सायकल है। इसे कम से कम हम चला सकते हैं , आपकी गाड़ी के लिए तो कोचवान लगाना ही पड़ेगा और उसका खर्च पेट्रोल से कम नहीं होगा।

नीरज मुसाफ़िर said...

अनिल जी,
बस जरा नहा लूं, अभी निकलता हूं इस गाडी को लेने.

Anil Pusadkar said...

नीरज भाई बिल्कुल ले जा सकता हैं अभी टेस्ट ड्राईव फ़्री है।हा हा हा हा हा।

Anil Pusadkar said...

सुरेश भाऊ आजकल रायपुर मे रात को घूमना वैसे भी सेफ़ नही है।पता नही कौन कंहा से आये और ठांय-ठांय्……………………

Anil Pusadkar said...

किर्तीश भाई और दिगम्बर जी आप दोनो के डीलरशीप प्रपोज़ल पर विचार किया जा रहा है।हा हा हा हा।मज़ा आ गया ये वाला माडल तो लांचिंग के पहले ही हिट हो गया।

Anil Pusadkar said...

पंडित जी बस निकल रहा हूं बाज़ार नीबू-मिर्च खरीदने के लिये।सबसे बढिया सुझाव है,आपको गाड़ी की बुकिंग मे टाप प्रायरिटी दी जायेगी।

Anil Pusadkar said...

शरद भाई दिल जीत लिया।क्या धांसू सवाल ढूंढ के निकाला है।सही है इस गाड़ी पर तो लालबत्ती होना ही चाहिये।और आपको पता नही क्या?खैर आप तो आये नही थे वो ब्लागर मीट मैने लाल बत्ती पाने के लिये ही तो कराई थी।हा हा हा हा भाई लोग बुरा मत मानना वर्ना गुप्त एजेंडा ओपन हो जाने पर भी खाली-पीली बोम मारना शुरू हो जायेगा।बस शरद भाई के मज़ाक और प्यार से भरे कमेण्ट का उसी अंदाज़ मे दिया गया हुआ जवाब है इसके अलावा कुछ भी नही।साला लिखने के मामले मे अपुन से बिंदास और बड़ा राक्षस पूरे इलाके मे कोई नही था मगर इधर ब्लागिस्तान मे आने के बाद तो अब कुछ भी लिखने मे डर लगने लगा है।हा हा हा हा।

Anil Pusadkar said...

महेश भैया इस माडल का अभी नाम नही रखा गया है देखिये ना वो पुरानी फ़िल्मो के नामों की तरह या फ़िर अपने ब्लागिस्तान के सबसे पाप्यूलर लफ़डे डोमेन की तरह इसका नाम इम्पाला रखा जा सकता हो तो,रख लेंगे।वैसे नाम बुरा नही है,इम्पाला।
कारों मे एक कार सुनी है,कार सुनी इम्पाला।
मुल्कों मे एक मुल्क सुना है मुल्क सुना,ब्लागगड़बड़झाला।

Anil Pusadkar said...

माई डियर राजकुमार तुम तो वैसे भी पुराने सायकिल यात्री हो।भारत भ्रमण भी कर चुके हो सायकिल पर।वैसे एक बात सही है जब सायकिल पर घूमते थे तब ये सर्दी-खांसी-बुखार तो जैसे छुता भी नही था।अब तो ज़रा सा पैदल चल लो तो पैर दुःखते है तो कभी कमर पकड़ लेती है।सायकिल से पेट्रोल की बचत के अलावा स्वस्थ्य का भी फ़ायदा था।लेकिन दुर्भाग्य है कि हम मेहनत से बचने के लिये सुविधाओं के गुलाम और अलाल होते जा रहे हैं।सुझाव तो अच्छा है देखो चला पाओ तो चला लेने लेकिन आजकल शहर इतना बढ गया है उसे कैसे समय पे पार करोगे?

drdhabhai said...

बाकी तो ठीक है पर आपको पैडल भी लगवा लेने चाहिये इस पर कभी धक्का देने वाला न मिला तो

Anil Pusadkar said...

डा साब रेट सैटल कर लेंगे,बस आप तो ले ही लो।

Anil Pusadkar said...

ललित बाबु जो भी करना है ज़ल्दी करना वरना ठेला भी नही मिलने वाला।हा हा हा हा।वैसे जमोगे ठेले पर मूच्छू ठेले वाला।हा हा हा हा।

अन्तर सोहिल said...

इसके लिये तो ड्राईवर भी आसानी से मुहैया हो जायेगा जी
क्वालिफिकेशन में केवल डील-डौल ही देखना पडेगा

प्रणाम स्वीकार करें

36solutions said...

हा हा हा. अब जैसा भी है भैया, आपने ले ही लिया है तो हम भी कह देते है, बढिया गाडी है.

नीरज दीवान said...

बहुत बढ़िया। जमे रहिए। फ़ेसबुक पर खाता खोलिए और कनेक्ट रहिए।

shankar chandraker said...

वह भैयाजी क्या खूब, गुदगुदाने वाला कालम......