हुआ यूं कि दोपहर को फ़ोन की घंटी बजी.नम्बर जाना-पहचाना नही था मगर उठाने पर उधर से जो आवाज़ आई उसे सुनकर दिल की घंटी बज गई.४५ डिग्री से पार कर चुके पसीने-पसीने चिपचिपे मौसम मे भी कंही कोने मे दबी-पडी रोमेंटिक भावनाओं ने अंगडाई भी ले ली और ना चाहकर भी हमने फ़ोन पर चेहरा नज़र नही आता है जानकर भी भरपूर मुस्कुराह्ट बिखेरते हुये हैलो कह दिया.
पर ये क्या?दूसरे ही पल सारे अरमानो ने परवान चढने के पहले ही दम तोड दिया.उधर से मिश्री सी आवाज़ वाली बोली सर मैं फ़लानी कंपनी से बोल रही हूं.मेरा स्वर भी कडवा यानी ओरिजनल हो गया.मैने भी कहा बोलिये.उसने बताया कि मेरा नम्बर लकी है और उस पर ज्वेलरी सेट व टूर का इनाम निकला है.अब तक मैं सब कुछ समझ गया था और इसलिये फ़िर से हंस कर पूछा तो .उसने कहा सर शाम को आप-दोनो को फ़लानी होटल मे आना होगा इनाम लेने.मैने फ़िर पूछा दोनो कौन?उसने कहा सर आप और मैडम?मैडम,मैने कहा मैडम तो नही है.वो अकबका गई.उसने कहा सर इनाम के लिये शर्त है पति-पत्नी को साथ मे आना होगा.मैने कहा वही तो बता रहा हूं,मेरी तो शादी ही नही हुई है,मैं बीबी कंहा से लाऊं.वो बोली फ़िर सर.मैने कहा मैं क्या बताऊं,तू बता?अब वो खिलाखिलाकर हंसी और उसने मिश्री की पूरी बोरी अपने मूंह मे घोल कर सारी सर.और मैं पहली बार सोचने पर मज़बूर हो गया कि शादी-शुदा नही होने से नुकसान भी हो सकता है?हा हा हा.वैसे ये कहानी-किस्सा नही है सच है.
41 comments:
एक फ़र्जी ज्वेलरी सेट के लिये आज आपको अपनी आज़ादी इतनी बुरी लगने लगी . हम लोगो से पूछिये आज तक पछता रहे है . वैसे शादी एक लड्डू है जो खाये पछताये ना खाये पछताये
हा हा हा.धीरू भाई मैं भी जानता था कि वो फ़र्जी मामला है,मैने तो बस सेल प्रोमोशन स्कीम के तहत हो रही धांधली को हल्के-फ़ुल्के ढंग से बताने की कोशिश की है.वैसे मेरे सभी दोस्तों की पत्नियां यानी भाभी लोग मुझ पर शादी करने के लिये दबाव डालती है और उस समय सारे दोस्त उनके सुर मे सुर मिलाते है लेकिन जब वे नही होती तो सब मेरी आज़ादी से जलते हैं.हा हा हा.
आप गये या नहीं यह तो बताया ही नहीं.
गये तो मिश्री की बोरी फिर मुँह में घुली या नहीं
(महज़ कौतूहल है अन्यथा न लें)
एक से बढ़कर एक फर्जीवाड़े :)
अनिल भाई
ये सब "फ़र्जी डाट काम" है .... एक बात और लड्डू दोनों ही मीठे होते हैं शादी करने के बाद वाले भी, और नहीं करने के पहले वाले भी .... मेरा तात्पर्य लड्डू से है !!!!
मेरे एक मित्र को ऐसा ही फोन आया था, वो शादीशुदा था, लेकिन अफसोस की बात, जिस तारीख को उसे बुलाया गया, पत्नि मायके गई हुई थी, अब वो टेंशन में कैसे जाने दूँ इतना बढ़िया मौका, लेकिन पत्नि कहाँ से लाऊँ वो तो मायके में गई है। ऐसे में वो मुझे बोला, अगर दफ्तर में से किसी महिला को ले जाऊं, मैंने कहा, ले जा भाई अगर तेरे फायदे के लिए कोई पत्नि बनने को तैयार हो तो। मौका तो उसके हाथ से भी निकल गया।
आप तो बहुत बच गए...ये सब फर्जी काम होते हैं...और यदि शादीशुदा होते तो पत्नी बिना जाए मानती नहीं ...:):)
Bhaari Nuksan hua
:)
कई बार फोन आया पर हम कभी नहीं गये । समय व्यर्थ न करें, कोई क्यों बिना कारण उपहार देगा ।
ऐसे फोन इंश्योरेंस कम्पनी वालों के होते है जो हेल्थ पॉलिसी देते हैं। मुझे तो एक कार्यक्रम के निमित्त बुला लिया था और जब वहाँ पहूंचे तो हमें कहा गया कि आप उस कुर्सी पर बैठे और फिर एक व्यक्ति आया और हमें पॉलिसी के बारे में पूछने लगा। हमने भी उसकी दुर्गति की और चले आए। मन तो हो रहा था कि पुलिस में दे दूं फिर सोचा कि जाने दो। इस बारे में कई लोगों से बात भी हुई सभी एक न एक बार ज्वेलरी सेट के लालच या और किसी कारण से वहाँ जा चुके थे। उसका धंधा आज भी बाकायदा जारी है।
भुगत के देखना है तो फिर देर मत कीजिये. उसके बाद पत्नी पीड़ित संघ की अध्यक्षता कहीं नहीं गयी है. प्रतिष्ठा बनी रहेगी.
आप ने फ़िर मोका खो दिया, अरे इस ज्वेलरी सेट बाली को ही बोलते कि चलो सेट तुम रख लेना टुर पर मै चला जाऊंगा... ओर हम से मिलने आ जाते
हा हा हा
अनिल भैया-बच गए एक बड़े धोखे से ये मानो।
अगर भाभी जी होती तो ज्वेलरी सेट के लिए जाना ही पड़ता। फ़िर बचना संभव नहीं था और एक के साथ एक फ़्री लाना पड़ता।
भतीजे ऐसे फ़ोन तो करीब करीब सभी के पास आते हैं. पर मैं आपकी इस बात से सहमत नही हुं की आपके दोस्त आपकी आजादी से जलते हैं. जैसा कि ऊपर धीरूसिंह जी ने कहा "शादी एक लड्डू है जो खाये पछताये ना खाये पछताये"
एक बार ये लड्डू हमारे कहने से खाकर देखो...फ़िर रोह दो चार "मेड-इन-जर्मन" खाये बिना नींद ही आयेगी.
तो कब कर रहे हो शादी? दो चार लठ्ठों का आर्डर राज भाटिया जी को करवा देता हूं आपको भेजने के लिये.
चिंता मत करना राज भाटियाजी लठ्ठ जर्मनी से मुफ़्त भिजवाते हैं. हमारे यहां भी उन्होने फ़्री आफ़ चार्ज ही खुद की जेब से किराया देकर भिजवाये थे.
रामराम.
एक ज्वेलरी सेट के पीछे-अरे, सवाल ही नहीं उठता..आप तो हैवी प्रोफिट में ही हैं..बने रहिये. कहाँ चक्कर में पड़ने की सोच रहे हैं.
हार से रह गए पर उस हार से बचने के लिए.............अब क्या कहें हम तो हार पहन कर हारे हैं.....कई हार और कई.......और भी
आभारी हूं आप सभी का,जिन्होने मुझे इतना प्यार दिया।इतना प्यार मिला है मुझको कि अब किसी और प्यार का ख्याल भी नही आता।आप सब मेरा परिवार है और मैं आपके परिवार का सदस्य हूं।बस इतना ही कहना चाहुंगा कि,
एहसान मेरे दिल पे तुम्हारा है दोस्तों,
ये दिल तुम्हारे प्यार का मारा हैं दोस्तों।
मजेदार है। आप इतनी बार शादी का उल्लेख कर चुके हैं कि अब फेरे पढ़वा ही लीजिए (चाहे कलमा:)
वाह! इसी बहाने यह बात एक बार फ़िर समझ में तो आई! अब तो घर बसा लो!
Bhaia badee der me no. laga aapka.. :)
mere sath to ye haadsa 4 saal pahle ho chuka hai. tab bhi aisi koi scheme chali thi Delhi me, koi dinner set gift de rahe the.. ha ha ha. maine bol diya madam aap sath chalen to adha-adha kar lenge, doosri taraf se 1 sec. me tonnnnnnnnnnn ki awaz aana shuru ho gayee thee.
अनिल जी, आप भाग्यशाली हैं जो आपका सिर्फ एक ज्वेलरीसेट का ही नुकसान हुआ। शादीशुदा होते तो क्या क्या नुकसान होते यह आप नहीं जानते। एक नजर यहाँ भी डाल लें - "जूता जब पुराना होता है तभी तो पालिश की जरूरत पड़ती है"।
हमें भी ऐसे कई फोन आए। लेकिन वही शादी का अड़ंगा लग गया। :-)
वैसे सुना है कि ये सब फर्जीवाड़ा है।
एहसान मेरे दिल पे तुम्हारा है दोस्तों,
ये दिल तुम्हारे प्यार का मारा हैं दोस्तों।
भतीजे, एक शेर लिख कर क्युं बहला रहा है? बहु लेकर आ फ़िर हमारी खुशी देख. जरा बात मान ले और सबका आशीर्वाद ले ही ले, कब से इंतजार कर रहे हैं.
रामराम.
हा हा वाकई अनिल भाई बहुत बड़ा नुकसान हो गया ऐसा ही किस्सा कल हमारे साथ घटित हुआ, जल्दी ही लिखते हैं। :)
वैसे अब क्या इरादा है :-)
अनिल जी,
अभी तक तो अपन भी आपके जैसे ही हैं, बस उम्र में बहुत बहुत छोटे हैं। हमारे पास तो कभी आते ही नहीं हैं ये मिश्री वाले फोन।
आज आपकी आवाज़ से लगा कि ये प्रतिज्ञां अब टूटेगी ...:)
हाँ नहीं तो..!!
नीरज को तथास्तु कहिये ...और आप एक बार ट्राइ कर देख लीजिये.. वैसे कोफ्त तब बहुत होती है जब फोन कम्पनी की प्रोमोशन काल ऐसे नम्बर से आती है जो आपको किसी भाई-बन्धु, यार दोस्त का लगता है..
हा-हा-हा-हा-हा
aisi calls bahut aati hain shukra hai bach gaye ...........biwi na hone se.........hahahaha......
तो शादी कब कर रहे हैं? :)
hahahahahh
bhaiya ye jewelry ke chakkar mein mat padiye
shadi ke bad to nuksan hi nukshn hai
और किसी की नहीं तो कम से कम ताऊजी की ही सुन लो जी और जल्द से जल्द
ताकि अगला फोन आने पर ज्वेलरी सेट का नुकसान ना हो :-)
प्रणाम
मिश्री की डली मुँह में घुली!!
:) :)
आपकी आज़ादी कायम रहे.
टाइम पर मैरिज नहीं होने का एक घाटा ऐ भी हय कि आदमी कुंढिथ हो जाता है। आप सादी कर रो।
abhi bhi der nahi huee hai....anil jee
मिश्री वाले फोन आये तो फिर बताते हैं. हम तो किसी भी लड़की को पकड़ लें !!
बडे दिल वाले हैं आप जो इत्ता नुकसान उठा के भी पोस्ट ठेल गए , वैसे अब पछता रहे हैं न .....कहिए तो अगली बार होने वाले किसी नुकसान से बचाने के उपाय किए जाएं आपके लिए .....हा हा हा
सर आप एक धोके के बाद दूसरा धोके के लिए तैयार रहे..... वो आपको गिफ्ट देने नहीं ... जिसका ऊल्लेख आप ने किया है , बल्कि मार्केटिंग की प्रक्रिया है बस और कुछ नहीं ...
रविकांत
फ़ोन पर चेहरा नज़र नही आता है जानकर भी भरपूर मुस्कुराह्ट बिखेरते हुये हैलो कह दिया
और फिर
स्वर भी कडवा यानी ओरिजनल हो गया
हा हा
मैं तो दोनों मामलों में आपके चेहरे की भाव-भंगिमा की कल्पना कर ठहाके लगा रहा हूँ
अनिल भाऊ.. वो पहले की अपनी नाटक मंडली के सब लोग कहाँ चले गये ? अब ऐसे वक़्त तो काम आना ही चाहिये.. । वैसे ऐसे फोन हमे भी आते रहते है ..श्रीमती जी का आग्रह है एक बार जाकर देखा ही जाये होता क्या है वहाँ ।
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