Tuesday, August 31, 2010

आमिर के नत्था कार्ड की तर्ज़ पर सोनिया गांधी का रेड्डी कार्ड,हद है बेशर्मी की!

सोनिया गाँधी के निर्देश पर आंध्र सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस आर रेड्डी के गम में आत्महत्या करने वालों के परिजनों को एक लाख रुपये देने की घोषणा


की है.ठीक ऐसी ही घोषणा आमिर खान की फिल्म पिपली लाइव में भी गरीब किसान नत्था की आत्महत्या पर सरकार नत्था कार्ड की घोषणा करती है.फिल्म की घोषणा व्यवस्था पर करारी चोट है मगर सोनिया के निर्देश पर आंध्र सरकार की घोषणा ये बता देती है की सरकारों को ऐसी नसीहत की ज़रूरत नही है या फिर उसे किसी की परवाह नहीं है.

और ये सच भी है वरना आत्महत्या पर लाख-लाख रुपये का मुआवजा या अनुदान देना उसे महिमा मंडित करना नहीं है तो और क्या है?तो फिर दूसरे कारणों से आत्महत्या करने वालों को भी मुआवजा देने शुरू कर देना चाहिए.वाई एस एस आर की मौत पर आत्महत्या करने वालों को लाख-लाख रूपये देना अप्रत्यक्ष रूप से अपनी पार्टी को प्रमोट करने की स्कीम ही कहा जा सकता है और अगर किसी को अपनी पार्टी को प्रमोट करना ही है तो वो पार्टी फुंद से चाहे जो करे लेकिन इस तरह सरकार के पैसे का दुरूपयोग बिलकुल भी नहीं होना चाहिए.

अफ़सोस ही किया जा सकता है की जिस बात का फिल्म में मज़ाक बनाया गया उसे एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी अपना रही है.लोकतंत्र में जिस तरीके से राजनैतिक पार्टिया अपनी सत्ता का दुरूपयोग कर रही है उसे देख कर नही लगता की देश के बारे में किसी को ख्याल है.सारे के सारे उसे नोच खाने में लगे है.नक्सलवाद जिस तरह से फ़ैल रहा है उससे निपटने की चिंता किसी को नहीं है.सीमापार के आतंकवाद को हरा आतंकवाद कहने पर बवाल हो जाता है मगर उसका जवाब देने वालों को भगवा आतंक कहते किसी को शर्म नही आती.कोई तीन रुपये किलो चावल दे रहा है तो कोई दो रुपये किलो.कोई गरीबो को बिज़ली मुफ्त में दे रहा है तो कोई आत्महत्या करने वालों को लाख रुपये.अच्छा है बांटो मुफ्त का तो माल है.

16 comments:

arvind said...

ye sachmuch besharmi ki had hai.....aatmhatya ko jab aparadh ki shreni me rakha gayaa hai to aisi harkat nindaniy maani jaayegi....aapke vichar se sahamat hun.

Shiv said...

बेशर्मी की सच में हद है. हद क्या बेहद है.सोनिया जी कह सकती हैं; "हमारी व्यवस्था है, हम इसका मज़ाक उड़ायें या गर्दा..."

उम्मतें said...

चिंतनपरक आलेख !

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

विचारणीय ....अंधेर नगरी चौपट राजा ..

Unknown said...

ये मुद्दा अत्यन्त गम्भीर और घातक परिणाम देने वाला है भाई जी !

लाहनत है ऐसी हुकूमत पर जो इस तरह के निर्णय करती है..........यों तो आत्महत्याओं को प्रोत्साहन मिलेगा और आने वाले दौर में लोग हत्याओं को भी आत्महत्या का रंग दे कर लाभ लेने का काम करेंगे..

दीपक बाबा said...

अपने देश में अब नयी नयी बातें सुनने को मिलेंगे......... अपन को हर स्तिथि के लिए मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए.....

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

इसका अर्थ तो यही हुआ ना कि जो कुछ जगन कर रहा है, वह सही है :)

विवेक रस्तोगी said...

सरकार को क्या है हम लोग कमा तो रहे हैं आयकर, बिक्रीकर, फ़लाना कर, ढिकाना कर भरने के लिये लगाओ हमारी कमाई में आग...

दिनेशराय द्विवेदी said...

फिल्म मजाक नहीं थी, यह इस बात का प्रमाण है।

ASHOK BAJAJ said...

श्रीकृष्णजन्माष्टमी की बधाई .
जय श्री कृष्ण !!!

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

यह बेशर्मी की नहीं ..... बेवकूफी की हद है...
देखिये, देश की बागडोर सम्हाले वैचारिक दृष्टिहीन बन्दे देश को कहाँ ले कर जाते हैं...???

Anonymous said...

आप हमेशा कोई ऐसा मसला उठाते हैं जो कुछ सोचने के लिये मजबूर कर देता है। बधाई।

Shah Nawaz said...

यह वाकई खतरनाक है. लेकिन यह घोषणा कांग्रेस पार्टी ने अपने फंड से की है, आंध्र प्रदेश सरकार के फंड से नहीं.

Rahul Singh said...

थोड़ी बात बदल कर देखें - छत्‍तीसगढ़ी कहावत है 'कब बबा मरही, त कब बरा खाबो' नये संदर्भों में इसकी कैसे और क्‍या व्‍याख्‍या होगी 'सियान' लोगों से पूछना होगा.

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

अक़्सर मुझे भी अक़्सर हैरानी होती है कि कई उन कई मुद्दो पर, जिनपर कि मैं व्यंग्यात्मक टिप्पणी के रूप में कार्टून बनाता हूं, वास्तव में कुछ लोग उन्हें अपने जीवन में समाहित किये होते हैं...आम बात की तरह

cg4bhadas.com said...

आपकी इस पोस्ट में मैंने बहुत से जवाब पढ़े लेकिन मुझे वो नहीं मिला जिसकी चाह थी... सर आज की स्थिति में गरीब या .. यु कहे की लाश, मुर्दा इन्सान की कीमत ज्यादा है जिन्दा इन्सान की कीमत कुछ भी नहीं . ऐसा क्यों कम से कम यही कोई हमें बता दे ....? और हद तो तब और भी हो जाती है जब सरकारे हकीकत से वास्ता रखती फिल्मो से भी कोई सबक न लेकर वही रवैये को आगे बढ़ते हुए काम करती है .. मतलब साफ है आपको मरना ही होगा ... तभी आपकी कीमत है ....