कहने को बहुत कुछ है मगर आज ज्यादा कुछ कहने का मन नही है।आज़ादी के सालों बाद भी क्या हम आज़ादी का असली मतलब समझ पायें है?ये सवाल आज भी परेशान करता है।आज़ादी के बाद सारी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप मे स्थापित इस देश में अगर लोकतंत्र के ही एक स्तंभ न्यायपालिका के फ़ैसले पर सारे देश मे हाय-तौबा मचने लगे तो क्या फ़ायदा लोकतांत्रिक देश होने का।आज़ाद देश में अगर किसी मामले मे फ़ैसला आने मे साठ साल लग जाये और जब फ़ैसला आये तो सारे देश में गृह-युद्ध सी स्थिति बन जाये तो फ़िर क्या फ़ायदा हमारे आज़ाद होने का।मेरे शहर में आज़ादी का स्मारक जय स्तंभ जूते-लाठी के सायें मे नज़र आया।हो सकता है कुछ शहरों में लाठी की जगह बंदूक भि नज़र आई हो।अदालत का एक फ़ैसला और सारे देश में कर्फ़्यू,रेड एलर्ट,हाई एलर्ट,फ़्लैग मार्च, दफ़ा 144 और ना जाने क्या-क्या?बच्चों की स्कूलों मे छुट्टी और तमाम नेताओं की घड़ियाली अपील सारे देश मे एक सनसनी सी फ़ैला रहे हैं और सब के सब यही जानने मे लगे हैं कि कुछ होगा तो नही?कुछ यानी दंगा,कुछ यानी फ़साद?सबको अमन-चैन और शांति से ज्यादा अपने परिवार,जान और माल की चिंता है।देश जाये भाड़ में।और ये सब क्यों?बस इसलिये कि आज अदालत के गर्भ में साठ सालो से पल रहे एक मामले का फ़ैसला आने वाला है।अगर हम आज़ाद हैं,लोकतांत्रिक देश के नागरिक है तो फ़ैसले का सम्मान करने या कराने के लिये इतनी कड़ी सुरक्षा की ज़रूरत क्यों?शायद मेरे शब्दों से ज्यादा अच्छी तरह से मेरे साथी कहें या छोटा भाई अनवर कुरैशी की ये तस्वीर मेरी भावनाओं को व्यकत कर रहा है।
16 comments:
राम जी से प्रार्थना है सब शुभ शुभ हो
सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे!
सही कह रहे हैं। ऐसा ही लोकतंत्र मिला है हमें। अपने देश को अपना भी कहने की आजादी न जाने कब छिन जाए?
सरकार ही जब आतंकित हो तो ?
सनसनी बहुत फैला दी शैतानों नें !
दुआ है अमन / भाईचारा बना रहे !
बस आज सबको सुनने का मन है।
nice
सौहार्द बिगाड़ कौन रहा है, यह खोजा है किसी ने..
चलो, अब चैन की सांस ले लें :)
सौहार्द बिगाडने वाले कोन है? वेसे भी हम आजाद हे ही कहां धन्यवाद इस लेख के लिये,
बहुत बढिया लिखा आपने । बस ये समझ नही आया कि लिखने के मूड से फ़ोटो खिचवाया या फ़ोटो को देखने के बाद लिखने का मूड बना । फ़ोटो खिंचने वाले अनवर कुरैशी भी बधाई के पात्र हैं । झुनमुन गुप्ता, दल्ली राजहरा ।
सरकारों को अब अपने पर ही विश्वास नहीं, इस कारण लाठी पर भरोसा रखती है.
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड, जय श्री राम
अभी तक तो सब भला चंगा है.
Apka post to sahi abhivyakti kar hi raha hai,yad dilana chahta hun Ex.P.M. Narsinha Rao ke THE ISIDER me kahe per-HAM AZADI KE BHRAMJAL ME JEE RAHE HAIN.
Jhunjhun Gupta Ke Saath Hoon!
यही सही तस्वीर है ।
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