Wednesday, July 13, 2011

क्या मंत्रीमडल के फ़ेरबदल पर प्रधानमंत्री का सफ़ाई देना देश के लिये दुर्भग्यपूर्ण नही है?

एक मंत्री के विभाग बदलने पर अगर प्रधानमंत्री ये कहे कि उसका विभाग उद्योग लाबी के दबाव से नही बदला गया है।क्या मंत्रीमंडल के फ़ेरबदल पर प्रधानमंत्री की ये सफ़ाई देश क्के लिये दुर्भाग्यजनक नही है?क्यों हटाया जैराम रमेश को ये सवाल तो हर ज़िम्मेदार नगरिक के मन मे ऊठ रहा है।क्या मध्यावधि चुनाव के लिये धन बटोरना ज्यादा जरूरी है?सफ़ाई क्यों दी जवाब तो देना ही पड़ेगा प्रधानमंत्रीजी।

5 comments:

Udan Tashtari said...

दुर्भाग्य जनक तो उनका प्रधानमंत्री होना ही है ....

Arunesh c dave said...

विभाग बदले हैं दिमाग नही सोच वही अकड़ भरी

vijai Rajbali Mathur said...

चोर ही तो अपनी पीठ पर लिख सकता है-'मैं चोर नहीं हूँ'.जो चोर नहीं है वह कभी ऐसा नहीं कहता है जैसा पी.एम्.कह रहे हैं.

Bhrigu said...

Hai, hai ye majboori , ye Indian Democracy is stthiti me aa gayi hai ki jise ab udyogpati aur naukarshah chala rahe hai aur mukhiya apni party aur apni kursi bachane me lage hai.Pahle Bihar me coal mafiya hua karte the jo coal india ke chairman ke posting karane me aham bhoomika nibhate the ab bhi samay nahi badla hai mantri ho ya afsar mining lobby se control hote hai, knyoki sabhi ko environmental clearence ki jaroorat hai. Jai Ram

KSR Murty said...

Kabhi kabhi tho mujhe lagta hai ki aazad bharat se acchha tho oh gulam bharat hi tha kam se kam oh itne corrupt tho nahi the ki apne swarth aur kursi ke liye apne logo ko hi bali chada de. Us gulam bharat ki apecha ye aazad bhart ke raj netao ne jyada khokla kar diya hai.