Friday, August 19, 2011
स्वामी जी भ्रष्टाचार से फ़ुरसत मिले तो बस्तर आ जाना और हो सके तो नक्सलियों से कहना कि निर्दोष जवानो को मारना छोड़ें।
एक छोटी सी पोस्ट बेहद बड़ा और गंभीर सवाल लिये हुये।और भी कई गम है ज़माने में भ्रष्टाचार के सिवाय।नक्सलवाद भी एक फ़ोड़ा है को नासूर बन गया है।आज रात फ़िर छुटटी पर जा रहे 9 जवानों को लगभग डेढ सौ नक्सलियों ने घेर कर मौत के घाट उतार डाला।इस वारदात मे चार और जवान गंभीर रूप से घायल है और एक ट्रेक्टर चालक मारा गया है।औपचरिकता के लिये मुख्यमंत्री डा रमन सिंह के घर आला अफ़सरों की बैठक हो गई है।मेरा सवाल ये है कि उन नौ जवानों के घर में आये आंसूओं के सैलाब को कौन थामेगा?क्या स्वामी जी को भ्रष्टाचार के आंदोलन से फ़ुरसत मिलेगी?क्या वे कभी नक्सलियों को कह पायेंगे कि निर्दोष जवानो का खून बहाना बंद करें।
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