अन्ना सुझाव दे रहे हैं तो मानते नही और अब जनता से विज्ञापन के जरिये सुझाव मांग रही है!सबको मूर्ख समझ लिया है शायद।
जो सुझाव दे रहे हैं,सुझाव देने के लिये अनशन कर रहे हैं,उनकी तो सुन नही रही है सरकार!और अब पब्लिक से सुझाव मांग रही है स्टैंडिंग कमे्टी।मिल रहा है उसे कूड़े में फ़ेंक रहे हैं और विज्ञापन देकर मांगने का बहाना करके पब्लिक को गुमराह कर रहे हैं।आखिर चाह्ती क्या है सरकार,समझती क्या है सरकार जनता को?जनता सब समझ रही है।इस बात को कौन समझायेगा अड़ियल सरकार के आकाओं को।पता नही और क्या-क्या करना पड़े,सब करेगी सरकार बस जनलोकपाल की मांग को छोड़ कर्।
6 comments:
nice post
क्या किया जाये ६४ साल से हमें मुर्ख बनाते आ रहे है उनकी आदत हो गई है एक बार फिर वही प्रयास कर रहे है क्या करे आदत से मजबूर है हमें बच के रहना है |
देखते हैं क्या क्या करती है.
उनके लिये सवाल सुधार या राष्ट्र का नहीं, अपनी नाक बचाने का है।
Is sarkaar ko jaise taise time pass karma hai... Aandolan ko fail karna hai kisi bhi tareeke se...
सुझाव तो बहाना है...
दरअसल में अखबारों को विज्ञापन के बहाने 'पैकेज' देना है...... तभी तो सरकार की भी लिखेंगे अखबार...
वरना माहौल तो ऐसा है कि.............
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