Thursday, August 18, 2011

आखिर अन्ना को पाखण्डी और भ्रष्ट बताने वाले लोगों को उनमे गांधीवादी नज़र आ ही गया,और शायद जनता की ताकत भी।शर्म भी नही आती थूक कर चाटते हुये

एक सवाल,वही अन्ना,वही टीम,वही जनता,वही रामलीला मैदान,वही पुलिस,वही कमिश्नर,वही भीड़,वही ला एण्ड आर्डर फ़िर ऐसा क्या हो गया कि तीन की बजाये 15 दिन और वो भी बिना शर्त अनुमति दे दी।आखिर अन्ना को पाखण्डी और भ्रष्ट बताने वाले लोगों को उनमे गांधीवादी नज़र आ ही गया,और शायद जनता की ताकत भी।शर्म भी नही आती थूक कर चाटते हुये।

4 comments:

Arunesh c dave said...

भैय्या इनका अभी और भी बहुत कुछ चाटना बाकी है सुबह सब्को जल्दी जाना चाहिये कांग्रेस इंतजार कर रही है

Unknown said...

nahin bhaiya aisa nahin hai ...

sharm to aati hai

par thodi der baad wapis chali jati hai ...ha ha ha ha

jai hind !

SACCHAI said...

" " तलवे चाट चाट कर अब इनकी आदत हो गई है की हर बार कोई भी चीज को चाटा जाये .. "
वक़्त मीले तो यहाँ पर आइयेगा सर
" अकल के मोटे ..दिमाग के लोटे : पप्पू धमाल (व्यंग)
http://eksacchai.blogspot.com/2011/08/blog-post_18.html

अजित गुप्ता का कोना said...

अभी जो चिल्‍ला रहे हैं कि संसद सर्वोपरि है वे ही कुछ दिनों में बोलेंगे कि जनता आप ही माई-बाप हो।