।कोर कमेटी ने ऐसा कर ऐसा लगता है कि भ्रष्ट लोकतंत्र से मुक्ति दिलाकर पूंजीपतियों के जाल में ला पटका
चलो जनता की जीत हुई।अन्ना ने अनशन स्थगित कर दिया और अस्पताल चले गये।हम लोग भी लग गये अपने अपने काम से।पर एक सवाल फ़िर सामने आ गया है।क्या अन्ना को किसी फ़टिचर सरकारी अस्पताल में नही जाना चाहिये था।इसी बहाने उसका भी उद्धार हो जाता और मरीज़ों का भी भला हो जाता।अब वे भारत के सबसे महंगे फ़ाईव स्टार अस्पताल में गये है,जो खासकर विदेशी मरीज़ों को ध्यान में रख कर बनाया गया है।कोर कमेटी ने ऐसा कर ऐसा लगता है कि भ्रष्ट लोकतंत्र से मुक्ति दिलाकर पूंजीपतियों के जाल में ला पटका है।
11 comments:
अफ़सोस कि अन्ना एन जी ओ गैंग से घिरे है|
गरीबों को भी फाइवस्टार हॉस्पिटल में ट्रीटमेन्ट मिले।
APKI PENI NIGAH KO SALAM
SANJAY VARMA
अण्णा को कहां इस तरह के अस्पताल नसीब हुए हैं.. चलो अच्छा है इसी बहाने ही सही :)
bahut aacha
वरना मिलिट्री हास्पिटल में तो पन्द्रह बीस दिन की छुट्टी हो जाती..
सवाल तो डा. त्रेहन के आने पर भी उठ सकता है। हो सकता है भविष्य में ऐसे अस्पतालों में गरीबों के लिए भी कुछ बंदोबस्त हो जाए।
'मेदानता अस्पताल' डॉ.त्रेहन का अपना स्थापित किया हुआ अस्पताल है तो वे उन्हें वहीँ ले जायेंगे और कहीं क्यों?
उन्होंने कुछ गलत नहीं किया .
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मेरे विचार में सभी चाहते हैं कि अन्ना का इलाज डॉ.त्रेहन की देख रेख में ही हो.
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किसी अन्य अस्पताल में ले जाने से डॉ.त्रेहन को देखने के लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता होती.
@gagan ji..meri jaankari mei ....Har private hospital mei 10% beds garibon ke liye free rakhne hi hote hain...wahan bhi honge..yeh niyam hai.
@alpana ji hona to chahiye magar hota nahi hai,main kisi dr ka virodh nahi,balki ye chahta hun ki sarkari system ke sudhar ki disha me koi kadam uth jaye.
सही कहा आपने।
अन्ना यदि किसी सरकारी अस्पताल जाते तो शायद वो रूबरू हो पाते उस जनता का दर्द जिसकी बात वो करते हैं और फिर शायद उस एक अस्पताल की दुर्दशा सुधर जाती..........
अण्णा गाँव की मिट्टी से जन्मे नायक हैं। क्या वे सरकारी चिकित्सालयों की दशा न जानते होंगे? और सरकारी चिकित्सालयों की दुर्दशा ठीक करना ये भी क्या अब अण्णा की ही जिम्मेवारी बन गयी है?
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