Monday, September 5, 2011
सरकार अब देश के अंदर बैठे दुश्मनों से निपटे या हेडली-फ़ेडली से निपटे।अब विकीलीक्स को कौन समझाये,किसे निपटाना जरूरी है
विकीलीक्स का बड़ा खुलासा!भारत सरकार हेडली के प्रत्यार्पण के लिये गंभीर नही थी!गलत बात!बिल्कुल गलत!भारत सरकार पर इस तरह के बेहुदे आरोप बर्दाश्त नही किये जा सकते!भारत सरकार तो पूरी ताकत लगा रही है भारत के सबसे बड़े दुश्मन अन्ना एण्ड कंपनी और रामदेव बाबा,ओम पुरी,कुमार विश्वास जैसे भ्रष्टाचार विरोधी लोगो को बुक करने के लिये।कोई बताये भला एक के बाद एक नोटिस और गिरफ़्तारी की कोशिश।सरकार अब देश के अंदर बैठे दुश्मनों से निपटे या हेडली-फ़ेडली से निपटे।अब विकीलीक्स को कौन समझाये,किसे निपटाना जरूरी है।
Labels:
anna hazare,
ramdev baba,
vikiliks,
अन्ना हज़ारे,
रामदेव बाबा,
विकीलीक्स
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
5 comments:
बेहतरीन व्यंग्य....
हेडली पेडली तो अब भूतकाल में बिला गये हैं।
फिलहाल तो शिक्षक दिवस की शुभकामनाएँ और सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन जी को नमन!
पहले अन्दर के दुश्मनों से निपटना जरूरी है। अनिल जी आपने मेरी मेल का जवाब नहीं दिया।
अगर सरकार का सूत्र "हर्र लगे न फ़िटकरी ..." वाला हो तो फ़िर प्रत्यार्पण आदि जैसे "जटिल" कामों की पहल कौन करे। वैसे भी बोफ़ोर्स, भोपाल काण्ड आदि जैसे पूर्ववर्ती उदाहरण जब चीख-चीख कर यह कह रहे हैं कि अधूरे मन से किये काम पूरे नहीं होते तो फिर दिखावे के लिये समय/संसाधन बर्बाद करने से क्या लाभ?
Post a Comment