Tuesday, September 20, 2011

मोदी,नितीश,सुषमा,मेह्बूबा,राज,उद्धव,भाजपा,जेडियु,बस यही बाकी रह गया है क्या समाचारो के नाम पर?

क्या इस देश में किसने किसको क्या कहा,बस यही बाकी रह गया है समाचारों के नाम पर.मोदी के उपवास के बाद ऎसा लगा कि चलो शायद अब महंगाई और भ्रष्टाचार या भूकंप के बारे में बात होगी.बेमौसम बरसात,बाढ,फसल,प्याज,नक्सलवाद,आतंकवाद,अफज़ल को रिहा कराने के प्रस्ताव,आतंकवाद या अन्ना के अनशन के बाद से लगभग भूल चुके लोकपाल बिल पर बात होगी.मगर अफसोस आज भी वही मोदी,उसपर नितीश ने क्या कहा,सुषमा के बयान पर मेह्बूबा क्या बोली,राज को उद्धव ने क्या कहा?बस यही समाचार है इस देश में कोई तो सोचो,कुछ तो सोचो.

4 comments:

अजित वडनेरकर said...

बहुत सही कहा । सहमत हूँ।

Swarajya karun said...

कोई कुछ मत सोचे , इसी में 'उनका' भला है.

रेखा said...

इसी जोड़ -तोड़ में लगे रहते हैं सब ..

Atul Shrivastava said...

सब टीआरपी का चक्‍कर है।
जब अन्‍ना टीआरपी दिला रहे थे तो वो थे अब पात्र बदल गए हैं।