Tuesday, November 8, 2011

अब मारा तो मारा, अब मार कर देख

अब मारा तो मारा, अब मार कर देख। यही सार है आज की तृणमूल कांग्रेस और प्रधानमंत्री के बीच हुई बैठक का। बंगाल की शेरनी दहाड़ी, बंगाल की शेरनी गरजी, और जाने क्या क्या कहा गया। बंगाल की शेरनी ने रॉयल बंगाल टाइगरों की पूरी फौज भेज दी थी दिल्ली। रॉयल बंगाल टाइगर भी दहाड़ते गरजते दिल्ली गये और वहां टेडी बीयर से भी नाजुक और नर्म प्रधामंत्री से मिलकर म्याऊँ म्याऊँ करते नजर आए। सारे देश को उम्मीद थी कि बंगाल के शेर गरीबों का भला करके रहेंगे। और फ्री ऑफ कॉस्ट भरपूर पब्लिसिटी देने वाले मीडिया ने तो बंगाल के रंगे हुए सियारों को शेर बता बता कर सारे देश की उम्मीद जगा दी थी। लेकिन हुआ वही जो होना था। तीन दिन की नूरा कुश्ती के बाद दोनो पहलवान अपनी अपनी जीत का दावा करते हुए अपने घर चले गये और टक-टकी लगा कर मैच देखने वाली जनता ठगी की ठगी रह गई। उसके हिस्से में कुछ नही आया अगर आया भी तो खखवाई, खिसियाई बिल्ली का मरा आश्वासन। जनता के सामने बिल्ली ने एक बार फिर खुद के शेर होने का दावा करते हुए कहा कि अब मारा तो मारा अब मार कर देख। और अगर अगली बार दिल्ली की सरकार जनता को फिर मारती है तो भी शायद बंगाल की बिल्ली यही कहेगी कि अब मारा तो मारा अब मार कर देख। सार यही है कि दिल्ली की सरकार दाम बढ़ाते रहेगी। बंगाल की सरकार या कोई और सेट पार्टी दहाड़कर जनता का ध्यान बटाते रहेगी। सब मिलकर एैश करते रहेंगे और जनता हांथ मलती रहेगी।

3 comments:

विवेक रस्तोगी said...

ऐश तो इन लोगों ने ही करनी है, वो ही करेंगे, पेट रोल पेट रोल करके बस हम ही चिल्लायेंगे ।

Atul Shrivastava said...

कुल मिलाकर स्थिति देखकर लग रहा है कि तेंदूलकर पिछड जाएंगे और उनसे पहले शतक बनेगा पेट्रोल का।

Pratik Maheshwari said...

इसे ही राजनीति कहते हैं जो हम भोले-भाले देशवासियों को समझ नहीं आती है..