Thursday, December 18, 2014

अगली बार धर्म के नाम फसाद शायद मीडिया पर होने वाली बहस के कारण ही होगा

इस देश में धर्म के नाम पर अब अगर कोई बडा फसाद होगा तो निश्चित ही उसके लिये इलेक्ट्रानिक मीडिया पर होने वाली स्तरहीन कूडा बहस ही ज़िम्मेदार होगी.तब वो इस पाप से बच नही पायेगा.धर्म के नाम पर जितना विवाद किसी मूर्ख के बयान से नही होता उससे कई हज़ार गुना उस ज़हर ये महामूर्ख बहस करके फैला देते हैं.हे प्रभू उन्हे क्षमा करना,वे नही जानते वे क्या कर रहे हैं.उन्हे सदबुद्धी दे.

3 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शुक्रवार (19-12-2014) को "नई तामीर है मेरी ग़ज़ल" (चर्चा-1832) पर भी होगी।
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

प्रतिभा सक्सेना said...

दोष ,माध्यम का नहीं प्रयोग करनेवाले की मति का है -लोक की नैतिकता उसकी अभिव्यक्ति में प्रकट हो रही है.कौन अंकुश लगाए और किस पर ?

कविता रावत said...

रायता फैलाने वालों की कमी नहीं ...