Tuesday, July 21, 2015

नेता लोगों को न जवाब देना है और ना सुनना है,इसलिये मिलकर शोर मचा रहे

जिस तरह से संसद और विधानसभाओं मे सत्र चलने नही दिया जा रहा है या यूं कहे कि दो पार्टियों के गुत्थमगुत्था में स्थगित हो रहा ह,उससे तो अपने स्कूल कालेज के दिन याद आ रहे है।कालेज में हारने वाला क्लास रेप्रेज़ेंटेटिव्ह कभी जनरल गोल करा देता था कभी जीतने वाला और कभी कभी दोनो मिलकर।यानी कुल मिलाकर क्लास नही लगती थी।पढैया या पढाकू या इमानदार छात्रों का नुकसान हो जाता था,यानी जनता का और नेता लोग मज़े करते थे।ऐसा ही कुछ कुछ दिल्ली/भोपाल/रायपुर मे हो रहा हैं।नेता लोगों को न जवाब देना है और ना सुनना है,इसलिये मिलकर शोर मचा रहे और जिस दिन हीन जनता को जवाब चाहिये उसे रोज़ निराश होना पड रहा है क्योंकि क्लास ही नही लग रही है।सो जय बोलो जनरल गोल की।धन्य हो राजनिती,धन्य हो लोकतंत्र,धन्य हो लोक लाज और धन्य हो जनता की सहनशक़्ति की।जय जनता जनार्दन ,जिस दिन जागेगी,उस दिन किसी को भी भागने के लिये तक रास्ता नही मिलेगा,तब तक़ इतरालो,मिलकर हंगामा मचा लो,शोर मचा लो।

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