आप अपनी कार के लिये ड्राईवर कितना ठोक बज़ा कर रकह्ते हैं.एक बार गलती की तो वार्निंग,दूसरी/तिसरी बार में कडी फटकार,बार बार करने पर गालियां और हर बार वही गलती करने पर...... बर्दाश्त नही करते ना.पर सरकार के मामले में हम कितना भी ठोक बज़ा कर फैसला करे,चलाने वाला खुद को मालिक ही समझ लेता है और फिर दे दनादन,ठोक ठोक कर कार सारी सरकार का कबाड बना देता है और हम सिर्फ तमाशाई बने देखते रह जाते है.हमारे पास बर्दाश्त करने के अलावा और कोई चारा नही रहता.फिर बर्दाश्त की भी हद होती है,खासकर दिल्ली वालो के बडे दिल की तो तारीफ करना ही पडेगा भाई.
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