Monday, July 27, 2015

मानवाधिकार के नाम पर आतंकी को फांसी न देने की अपील करने वालों देखो एक एसपी शहीद हो गया

गुरुदासपुर के एसपी आतंकी हमले में शहीद हो गये.अब इस बात पर दुनिय भर की राजनीति भी गई और तर्क कुतर्क भी.इन सब के बीच शहीद एसपी का परिवार ज़िंदगी भर न भुलाये जाने वाले गम को सहने पर मज़बूर हो जायेगा.फिर एक आतंकी की फांसी पर इंसानियत का मुलम्मा चढाने वाले मानवाधिकार के ठेकेदार और फांसी न देने की अपील के बहाने आतंकियों को अप्रत्यक्ष रुप से सपोर्ट करने वालों को शायद एक एसपी शहादत नज़र नही आयेगी?उन्हे शहीद के परिवार के मान्वाधिकार नज़र नही आयेंगे?उनकी इंसानियत कंही कोने में दुबक जायेगी?उनकी मुखरता कंही किसी कोने में मुंह छिपा लेगी.हद है बेशर्मी की.मानवाधिकार के नाम पर आतंकी की फांसी पर पुनरविचार करने वालों को भेजना चाहिये ऎसे समय पर आतंकियों से मुक़ाबला करने.हद है बेशर्मी की और इंसानियत के बहाने आतंकियों की पैरवी करने की.

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