Friday, August 21, 2015
हुर्रियत से सरकारे बात करे तो गलत और टीवी वाले करें तो......?
हुर्रियत को पाक ने बातचीत का न्योता क्या दिया सारे टीवी चैनलों में हंगामा मच गया.देश में और कंही इतनी चर्चा नही हुई जितनी टीवी पर हो रही है.हुर्रियत को सरकार क्यों नही रोक रही है?रोक रही है तो ऎसे में बातचीत कैसे होगी?हुर्रियत से सरकार को बात नही होनी चाहिये?हुर्रियत के बुलावा पर कोई इंची टेप निकाल लाया और लग गया प्रधानमंत्री का सीना नापने तो कोई पुराने गडे मुर्दे उखाड लाया तो कोई इस मसले पर चर्चा के लिये पाकिस्तान से बात करने वाला ढूंढ लाया.जिस हुर्रियत को टीवी वाले खुद कह रहे है कि उनकी दुकान बंद हो गई है,उनको खुद ही बुला कर टीवी पर दिखा रहे है.हुर्रियत से किसी को बात नही करनी चाहिये पर टीवी वाले कर सकते.बात ऎसे कर रहे है कि वे ही फैसला ले लेंगे पाकिस्तान समस्या पर.वैसे ही पाकिस्तान के लोग बात करते है जैसे वे पाक सरकार के अधिकृ्त प्रवक्ता हो.समझ में नही आता जिस हुर्रियत से पाक के बातचीत के न्योते पर बवाल हो रहा है उसी हुर्रियत के नेताओ से टीवी वाले बात कर रहे हैं.यानी सरकारे बात करे तो गलत और टीवी वाले करे तो सही.हैरान कर देने वाला रवैया है.ऎसा लगता है कि विदेश नीति भी यही तय करेंगे.सरकार को चाहिये कि इन्ही लोगों को सौंप देना चाहिये ज़िम्मेदारी.वैसे भी जिस तरीके से बात करते है उससे तो लगता है कि उनसे ज्यादा कोई और जानता ही नही.धन्य हो टीवी वाले देश के नये ठेकेदारों की.
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2 comments:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (23-08-2015) को "समस्याओं के चक्रव्यूह में देश" (चर्चा अंक-2076) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (23-08-2015) को "समस्याओं के चक्रव्यूह में देश" (चर्चा अंक-2076) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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